Immunity Booster News : बरेली के दवा कारोबारी हुए मालामाल, लोगों ने इम्यूनिटी बूस्टर पर एक साल में खर्च किए डेढ़ सौ करोड़
Immunity Booster News जिले में कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर में लोगों में इसे लेकर डर बैठ गया। कई लोगों की जान गई तो हर गली मुहल्ले के लोग संक्रमित हुए। लोगों ने अपनी और अपनों की जान बचाने के लिए जमकर इम्युनिटी बूस्टर की खरीद की।
बरेली, जेएनएन। Immunity Booster News : जिले में कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर में लोगों में इसे लेकर डर बैठ गया। कई लोगों की जान गई तो हर गली मुहल्ले के लोग संक्रमित हुए। ऐसे में जिले के लोगों ने अपनी और अपनों की जान बचाने के लिए जमकर इम्युनिटी बूस्टर की खरीद की। जिले के बड़े दवा स्टाकिस्टों की मानें तो बीते एक साल में करीब डेढ़ सौ करोड़ रुपये के विटामिन सप्लीमेंट्स और अन्य इम्युनिटी बूस्टर खरीदे गए। इसमें कई दवाएं ऐसीं थी जो 2019-20 की तुलना में जिनकी बिक्री में 2020-21 में 40 से 50 गुना की वृद्धि दर्ज की गई।
कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर पहली लहर के मुकाबले में काफी खतरनाक रही। बीते वर्ष 2020 के मार्च माह से 2021 के मई माह तक कई लोगों ने अपनों को खोया है। कोरोना संक्रमण के बारे में हर किसी के मन जिज्ञासा रही कि वह इसके बारे में अधिक से अधिक जान जाएं। इस दरमियान एक शब्द इम्युनिटी काफी प्रचलित हुआ। हर कोई रोग प्रतिरोध क्षमता यानि इम्युनिटी बढ़ाने के लिए परेशान दिखा। इसका फायदा दवा कंपनियों को मिला। इस एक साल तीन माह के समय में इम्युनिटी बूस्टर की बिक्री में ऐसा उछाल आया कि डेढ़ सौ करोड़ के इम्युनिटी बूस्टर बिक गए।
इसमें सबसे ज्यादा बिक्री कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर में हुई। आइवरमेक्टीन जैसी दवा जिसे कोई पूछने वाला नहीं था। कोरोना संक्रमण के इस एक साल में उसकी बिक्री पांच करोड़ अधिक तक पहुंच गई। इसके अलावा जो फेविपीराविर पहली लहर में आई और बिक्री न होने के कारण एक्सपायर हो गई, दूसरी लहर में 25 करोड़ से अधिक का व्यापार किया। इम्युनिटी बूस्टर में एंटी वायरल और एंटीबायोटिक्स जैसे कि मल्टी विटामिन, बी कॉप्लेक्स विटामिन सी, रेमडेसिविर, कैल्सियम, एजिथ्रोमाइसिन, विटामिन डी, विटामिन सी आदि की बिक्री भी करोड़ों में पहुंच गई।
दवा स्टॉकिस्ट और कारोबारियों की बात
- बीते एक साल में कोरोना संक्रमण ने जिले के लोगों को काफी नुकसान पहुंचाया। इस दौरान लोगों ने इम्युनिटी बढ़ाने को लेकर काफी खर्च किया। एक साल में सभी इम्युनिटी बूस्टर को मिला लें तो जिले में सौ करोड़ से अधिक कारोबार रहा होगा। - राजीव भसीन, दवा स्टॉकिस्ट
- एक साल में करीब डेढ़ सौ करोड के इम्युनिटी बूस्टर बिक गए होंगे। सबसे ज्यादा मांग आइवरमेक्टिन, फेविपीराविर, विटामिन सी आदि की रहीं। इनका करीब 60 करोड़ का कारोबार हुआ होगा। - दुर्गेश खटवानी, अध्यक्ष, महानगर केमिस्ट एसोसिएशन
- यह बात एकदम सही है कि लोगों कोरोना संक्रमण से इतने डरे थे कि वह इम्युनिटी बूस्टर खरीदने की ओर उमड़ पड़े। बीते एक साल में विटामिन सी, डी, जिंक, आइवरमेक्टिन जैसी दवाओं की बिक्री पांच से दस करोड़ के बीच रही। - सतीश सेठी, महासचिव, मंडल केमिस्ट एसोसिएशन
- पहली लहर से ज्यादा दूसरी लहर में इम्युनिटी बूस्टर बिके हैं। विटामिन सी, फेविपीराविर, एजिथ्रोमाइसिन, बी कांप्लेक्स, जिंक आदि की खूब बिक्री हुई। इस दौरान जिले में इम्युनिटी बूस्टर की कई बार कमी भी पड़ गई। जिले में करीब सौ से डेढ़ सौ करोड़ की बिक्री रही। - घनश्याम दास, दवा स्टॉकिस्ट