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संक्रामक रोगों के लिए अप्रैल से शुरु होगा आइएचआइपी पोर्टल, जानिए क्या होगा फायदा

IHIP Portal News संक्रामक रोगों पर लगाम लगाने के लिए देश में कवायद शुरू हो गई है। केंद्र सरकार इंटीग्रेटेड हेल्थ इन्फार्मेशन प्लेटफार्म (आइएचआइपी) पोर्टल की मदद से प्रदेश के साथ ही देश के किसी भी जिले में संक्रामक बीमारी के हालात की रियल टाइम मॉनीटरिंग की जा सकेगी।

By Ravi MishraEdited By: Published: Sun, 28 Mar 2021 01:01 PM (IST)Updated: Sun, 28 Mar 2021 01:01 PM (IST)
संक्रामक रोगों के लिए अप्रैल से शुरु होगा आइएचआइपी पोर्टल, जानिए क्या होगा फायदा
संक्रामक रोगों के लिए अप्रैल से शुरु होगा आइएचआइपी पोर्टल, जानिए क्या होगा फायदा

बरेली, जेएनएन। IHIP Portal News : संक्रामक रोगों पर लगाम लगाने के लिए देश में व्यापक स्तर पर कवायद शुरू हो गई है। केंद्र सरकार इंटीग्रेटेड हेल्थ इन्फार्मेशन प्लेटफार्म (आइएचआइपी) पोर्टल की मदद से प्रदेश के साथ ही देश के किसी भी जिले में संक्रामक बीमारी के हालात की रियल टाइम मॉनीटरिंग की जा सकेगी। आइएचआइपी पोर्टल और एप की शुरुआत एक अप्रैल से हो रही है। इसमें संक्रामक रोग से पीड़ित मरीज की बीमारी, उनके नाम-पता, हेल्थ वर्कर व उनके इंचार्ज के नाम और मोबाइल नंबर समेत सभी अहम जानकारी दी जाएंगी।

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इस पोर्टल की मदद से सरकार संक्रामक रोग तेजी से फैलने से पहले उस पर नियंत्रण कर सकेगी। जिले में सभी संबंधित डॉक्टरों और एएनएम को इस बाबत ट्रे¨नग दी जा चुकी है। अभी हफ्ते में एक दिन जाती है मैन्युअल रिपोर्ट अभी तक जिला अस्पताल, सामुदायिक या प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों से ओपीडी में आए मरीजों का मैन्युअल डेटा 'फार्म पी' में भरा जाता है। इसमें डेंगू, मलेरिया समेत 32 तरह के संक्रामक रोगों की जानकारी और मरीज का विवरण अपलोड होता है। अभी यह रिपोर्ट हफ्ते में एक दिन दी जाती है।

इससे अधिकांश बार देरी से संक्रामक रोगों की जानकारी मिलती थी और संक्रमण को फैलने का समय मिल जाता था। डीएसओ, प्रदेश के साथ केंद्र तक भी रोज पहुंचेगी रिपोर्ट आइएचआइपी पोर्टल के जरिए आनलाइन रियल टाइम डेटा अपलोड होगा। डेटा की उसी दिन भेजी जाने वाली रिपोर्ट जिला सर्विलांस अधिकारी के अलावा प्रदेश व केंद्र स्तर पर भी पहुंचेगी। फिर जांच के लिए मोबाइल यूनिट संबंधित पते पर पहुंचेंगी। एएनएम घर-घर जाकर पता करेंगी संदिग्ध मरीज ग्रामीण क्षेत्र के मरीज कई बार संक्रामक रोगों का इलाज सरकारी केंद्रों की जगह निजी अस्पताल या झोलाछाप के यहां कराने पहुंच जाते हैं।

इनकी जानकारी हासिल करने की जिम्मेदारी एएनएम की होगी। गांव-गांव घूमने वाली एएनएम संक्रामक रोगों के संदिग्ध मरीज का पता करेंगी। अनमोल एप पर संदिग्ध मरीजों का डेटा फीड करेंगी। मोबाइल यूनिट करेगी जांच आइएचआइपी पोर्टल व एप के जरिए संक्रामक रोगों के मरीजों की जानकारी जिला सर्विलांस अधिकारी (डीएसओ) तक पहुंचेगी। जिसके बाद डीएसओ मोबाइल यूनिट को जांच के लिए मौके पर भेजेंगे। टीम की जांच रिपोर्ट के आधार पर मरीज का इलाज करने के साथ ही आसपास सैंप¨लग की जाएगी। वहीं, क्षेत्र में संक्रामक रोगों की रोकथाम के अन्य प्रयास होंगे।

आइएचआइपी पोर्टल की मदद से संक्रामक रोगों के मरीजों का डेटा रियल टाइम अपडेट होगा। वहीं, रोग फैलने से पहले उनका इलाज भी होगा। जिले के सभी डॉक्टरों और एएनएम को ट्रे¨नग दी जा चुकी है। ग्रामीण क्षेत्र में काम करने के लिए एएनएम को टेबलेट भी दिए हैं। - डॉ. रंजन गौतम, जिला सर्विलांस अधिकारी, बरेली


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