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बरेली में छुओ तो गल जाते है छह तहसीलों के 275 भूमि के नक्शे

जिला कलेक्ट्रेट के रिकार्ड रूम से लेकर तहसीलों तक में बेशकीमती जमीनों के भूमि मानचित्र के 275 रिकार्ड जर्जर हो चुके हैं। स्थिति ये है कि छुओ तो गल जाते हैं।

By Ravi MishraEdited By: Published: Mon, 14 Sep 2020 07:30 AM (IST)Updated: Mon, 14 Sep 2020 09:49 AM (IST)
बरेली में छुओ तो गल जाते है छह तहसीलों के 275 भूमि के नक्शे
बरेली में छुओ तो गल जाते है छह तहसीलों के 275 भूमि के नक्शे

बरेली, जेएनएन। जिला कलेक्ट्रेट के रिकार्ड रूम से लेकर तहसीलों तक में बेशकीमती जमीनों के भूमि मानचित्र के 275 रिकार्ड जर्जर हो चुके हैं। स्थिति ये है कि छुओ तो गल जाते हैं। भूमि मानचित्रों के रिकार्ड से हुई हेराफेरी उजागर होने के साक्ष्य भी यही दस्तावेज होते हैं। इसलिए गड़बड़ी की आशंका से इन्कार भी नहीं किया जा सकता है।

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शासन से पत्राचार करने के साथ डिजिटल कॉपी तैयार कराने की कवायद भी शुरू हुई है। बरेली, बहेड़ी, मीरगंज, आंवला, फरीदपुर, नवाबगंज तहसीलों के 2116 गांवों के भूमि मानचित्र और रिकार्ड की छानबीन करवाने पर सामने आया कि 275 भूमि मानचित्र अब ठीक स्थिति में नहीं हैं। वर्षों पुराने दस्तावेज गल चुके हैं। करोड़ों की बेशकीमती जमीनों के रिकार्ड बचाने के लिए प्रशासन ने कवायद शुरू की है। एडीएम प्रशासन की देखरेख में छह तहसीलों के रिकार्ड का डिजिटल कॉपी तैयार की जानी थी। लेकिन सूबे की सभी तहसीलों के रिकार्ड की डिजिटल कॉपी तैयार करने की जिम्मेदारी जिस ठेका कंपनी को दी गई। वह काम को बीच में ही छोड़कर भाग गई।

खसरा-खतौनी में खुरचन का खेल पुराना

कलेक्ट्रेट से लेकर तहसीलों में भूमि मानचित्र और खतौनी में खुरचन का खेल पुराना है। हाल में फरीदपुर की करोड़ों की जमीनों के रिकार्ड में खुरचन का खेल पकड़ा गया था। जिसकी गाज दो बाबुओं पर गिरी थी। तहसीलों में रिकार्ड रूम में दस्तावेजों से छेड़छाड़ होती है। कई महत्वपूर्ण दस्तावेजों को गायब कर दिया जाता है। तहसीलों में रिकार्ड को जर्जर करने का खेल चलता है। रिकार्ड जर्जर न हुए तो खुर्द-बुर्द किए जाते हैं।

सबसे ज्यादा नवाबगंज, मीरगंज में खराब हुए दस्तावेज

खराब हुए भूमि मानचित्र में बरेली के 48, बहेड़ी में 16, मीरगंज में 87, आंवला में 39, फरीदपुर में 13 और नवाबगंज में 72 हैं। अब इन्हें सुरक्षित करने का प्रयास किया जा रहा है। छह तहसीलों के 2071 भूमि मानचित्र और रिकार्ड की भी डिजिटल कॉपी तैयार की जानी है।

मास्टर कॉपी रखनी होती है सुरक्षित

सदर तहसीलदार आशुतोष गुप्ता ने बताया कि रिकार्ड सुरक्षित रखने के लिए मास्टर कॉपी राजस्व परिषद में सुरक्षित होती है। एक कॉपी लेखपाल के पास होती है। आम आदमी नकल ले सकता है। उन्होंने बताया कि सदर तहसील में स्थिति ठीक है, लेकिन बाकी तहसीलों में रिकार्ड जर्जर हुए हैं। उन्होंने बताया कि मौके पर आबादी बढ़ने के बाद दिक्कत नहीं होती, लेकिन खाली जमीनों के रिकार्ड में ही गड़बड़ियां होने की आशंका होती है।

दस्तावेज के डिजिटलाइजेशन का जिम्मा जिस फर्म को दिया गया था। वह अधूरा काम छोड़ गई है। इसको लेकर शासन से पत्राचार किया गया है। - ईशान प्रताप सिंह, एसडीएम सदर


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