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बरेली में सौ साल पुराना अक्षर विहार का तालाब बनेगा पर्यटन स्थल, नौका विहार का भी आनंद ले सकेंगे लोग, जानिये और क्या क्या मिलेगी सुविधा

शहर के बीच सौ साल पुराना तालाब अक्षर विहार खूबसूरती बढ़ा रहा है। 1.670 हेक्टेयर में फैले इस तालाब को जल स्रोत बारिश के पानी और गहराई की वजह से स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट में पर्यटन स्थल के रूप में विकसित किया जा रहा है।

By Samanvay PandeyEdited By: Published: Fri, 02 Apr 2021 01:34 PM (IST)Updated: Fri, 02 Apr 2021 01:34 PM (IST)
पूरे शहर में 164 तालाब, सहेजे जाएं तो बढ़े खूबसूरती।

बरेली, जेएनएन। शहर के बीच सौ साल पुराना तालाब अक्षर विहार खूबसूरती बढ़ा रहा है। 1.670 हेक्टेयर में फैले इस तालाब को जल स्रोत, बारिश के पानी और गहराई की वजह से स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट में पर्यटन स्थल के रूप में विकसित किया जा रहा है। ये संभव हो सका, क्योंकि इसको जिंदा रखने के लिए समय-समय पर पहल होती रही है। अक्षर विहार की तरह शहर में तालाब और भी है...। नगर निगम के रिकार्ड के मुताबिक करीब 164। संरक्षण, जल संचयन से उन्हें भी संवारा जा सकता है। यही वजह है कि दैनिक जागरण ने ‘सहेज लो हर बूंद’ अभियान शुरू किया है। अक्षर विहार तालाब में बारिश के पानी के साथ शहर का पानी भी आता है। यही वजह है कि नगर निगम पानी साफ करने के सयंत्र लगाने की तैयारी भी कर रहा है। तालाब को भूगर्भ जल का सहारा थोड़ा कम मिलता है, क्योंकि भूगर्भ जल विभाग के रिकार्ड के मुताबिक सिविल लाइंस में करीब 10 मीटर पर पानी है। यही वजह है कि तालाब को जिंदा रखने के लिए समय-समय पर प्रयास करने होते हैं।

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11 करोड़ से निखरेगा तालाब, बनेगा पर्यटन स्थल

अक्षर विहार तालाब पर 11 करोड़ रुपये खर्च कर पर्यटन स्थल बनाने की तैयारी है। तालाब का पानी साफ बना रहे, इसके लिए सीवर ट्रीटमेंट प्लांट (एसटीपी) भी लगवाया जाएगा। तालाब में पैडल नाव से लोगों को नौका विहार की सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी। तालाब के सुंदरीकरण के लिए कम से कम चार प्रोजेक्ट पर काम होगा। यहां लाइट की व्यवस्था के लिए सोलर ट्री भी लगेगा। तालाब में कई प्रजातियों की खूबसूरत मछलियां डाली जाएंगी। गांधी उद्यान की तर्ज पर म्यूजिकल फाउंटेन बनाया जाएगा। लोगों को बैठने के लिए बेंचें भी बनवाई जाएंगी।

आरटीआइ में 164 तालाब सामने आए, इन्हें संरक्षण की दरकार

बरेली कॉलेज के प्रोफेसर प्रदीप जागर ने तालाबों के संबंध में आरटीआइ से जानकारी मांगी थी। जवाब में 164 तालाबाें की लिस्ट नगर निगम ने भेजी। उनके रिकार्ड में उदयपुर खास, कंजादासपुर, खलीलपुर, ग्राम गरइया उर्फ गोकुल नगर, ग्राम गोविंदपुर, जगतपुर लालाबेगम, जौहरपुर, तुलापुर, ततारपुर, नवादाशेखान, नेकपुर, नवादा जोगियान, पीर बहोड़ा, परतापुर जीवनसहाय, परतापुर चौधरी, परसाखेड़ा, फरीदापुर चौधरी, बिहारमाननगला, बंडिया, बाकरनगर सुंदरासी, बेनीपुर चौधरी, मठ लक्ष्मीपुर, मथुरापुर, मठकमल नैनपुर, मिजई बाग, रहपुरा चौधरी, रोठा मुस्तकिल, रोठा एहतमाली, शेरपुर, शिकारपुर चौधरी, सुर्खा छावनी, सनईया रानी मेवा कुंवर, सरायतल्फी, सनईया धनसिंह, सैदपुर हाकिंस, सनऊआ, सिठौरा, हरुनगला, हैदराबाद में तालाब हैं। हकीकत में अधिकांश जगह तालाबों पर कब्जे हो चुके हैं।

365 दिन में 648 तालाब खोदवाए

डीसी मनरेगा गंगाराम के मुताबिक मनरेगा के तहत उन्होंने वित्तीय वर्ष 2020-21 में 648 तालाब खोदवाए हैं। इसमें 70 फीसद पुराने तालाबों की गहराई के लिए खोदाई हुई, जबकि 30 फीसद नए तालाब खुदवाए हैं। अधिकारियों के मुताबिक तालाब में बारिश का पानी भरने के बाद साफ-सफाई के लिए भी प्रयास किया जाता है।


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