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बरेली में पोस्ट कोविड भाई के इलाज को गिरवी रखा घर, मदद को भटक रही बहन

होटल मैनेजमेंट का कोर्स कर चुका भाई पोस्ट कोविड के बाद जिंदगी से जंग लड़ रहा है। तीन बहनों में इकलौते भाई की जिंदगी से इस जंग में उसकी सबसे छोटी बहन डटकर साथ दे रही है। दिन भर उसकी फिक्र करने में ही दिन गुजार रही है।

By Samanvay PandeyEdited By: Published: Tue, 01 Jun 2021 09:30 AM (IST)Updated: Tue, 01 Jun 2021 09:30 AM (IST)
बरेली में पोस्ट कोविड भाई के इलाज को गिरवी रखा घर, मदद को भटक रही बहन
अब तक तीन लाख से ज्यादा खर्च हो चुका है और 2.62 का बिल उधार है।

बरेली, जेएनएन। होटल मैनेजमेंट का कोर्स कर चुका भाई पोस्ट कोविड के बाद जिंदगी से जंग लड़ रहा है। तीन बहनों में इकलौते भाई की जिंदगी से इस जंग में उसकी सबसे छोटी बहन डटकर साथ दे रही है। जब से अस्पताल में है, दिन भर आसपास रहना और उसकी फिक्र करने में ही दिन गुजार रही है। पहले एसआरएमएस में इलाज कराया अब राम किशोर हॉस्पिटल में भर्ती है। अब तक तीन लाख से ज्यादा खर्च हो चुका है और 2.62 का बिल उधार है। आर्थिक स्थिति गड़बड़ाई तो घर भी गिरवी रख चुकी है, लेकिन अभी भाई भर्ती है, इालज जारी है। बहन ने फेसबुक केे जरिए मदद की अपील की। कुछ मदद मिली, लेकिन अभी और जरूरत है, जिसके लिए वह भटक रही है।

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शहर के सनसिटी के पीछे धौरेरा निवासी रामदीन वाल्मीकि रिटायर्ड कर्मचारी हैं। कुछ 15 हजार रुपये पेंशन आती है। पत्नी तीन बेटियों और एक बेटे को छोड़ 2001 में ही गुजर गईं थी। रामदीन दो बेटियों का विवाह कर चुके हैं और छोटी बेटी सपना और बेटे विनेश को अच्छी शिक्षा देने के लिए प्रयासरत हैं। बेटा विनेश होटल मैनेजमेंट का कोर्स पूरा कर चुका है। बेटी सपना ने भी एमबीए पढ़ाई पूरी कर एक महीने पहले ही नोएडा में जॉब शुरू की थी।

इसी बीच बेटे वीनेश कोरोना संक्रमित हो गया। कुछ ही दिन में उसकी तबीयत अधिक गंभीर हो गई। ऐसे में पिता रामदीन अकेले पड़े तो उन्होंने सपना को फोन कर बुला लिया। अब करीब एक माह से ज्यादा समय बीत चुका हैं। सपना ने बताया कि भाई वीनेश पहले एसआरएमएस में भर्ती रहा, जो करीब दो लाख रुपये खर्च हुए। कोविड निगेटिव रिपोर्ट आने के बाद उन्हें घर लाए तो दोबारा हालत बिगड़ने लगी। इस पर स्टेडियम रोड स्थित रामकिशोर हास्पिटल में भर्ती कराया।

जहां एक लाख रुपये पहले जमा कराए, अब तक 2.62 लाख रुपये का बिल और बन चुका है। बताया कि प्रतिदिन 10-12 हजार रुपये दवाओं का खर्च हो रहा है। पिता की जमा पूंजी खत्म हो चुकी, रिश्तेदारों से भी मदद ले चुके हैं। सपना ने बताया कि पिता करीब चार लाख रुपये में घर भी गिरवी रख चुके हैं। लेकिन अभी परेशानी खड़ी है। सपना ने सोमवार को शहर के समाजसेवी संजीव जिंदल के जरिए फेसबुक पर एक पोस्ट की।

इसके बाद कुछ लोगों के जरिए सपना के पास 25 हजार रुपये पहुंचे जिससे उसने मेडिकल पर जाकर दवा का इंतजाम किया।हालांकि सपना ने बताया कि अभी तक अस्पताल की ओर से उस पर कोई दबाव नहीं बनाया गया है।पोस्ट कोविड भाई विनेश की बहन सपना की अगर आप मदद करना चाहते हैं तो रामकिशोर अस्पताल जाकर उसकी मदद कर सकते हैं। फेसबुक पोस्ट में सपना का नंबर भी दिया गया है। उसके जरिए भी संपर्क कर सकते हैंं।


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