Hindi Diwas 2021 Activity : बरेली जिला जज बोली- गांधी जी ने हिंदी को कहा था जनमानस की भाषा
Hindi Diwas 2021 Activity जिला जज रेणु अग्रवाल की अध्यक्षता में जनपद न्यायालय में मंगलवार को हिंदी दिवस मनाया गया। कार्यक्रम में जिला जज ने सभी न्यायिक अधिकारियों को संबोधित करते हुए कहा कि गांधी जी ने हिंदी को जनमानस की भाषा कहा था।
बरेली, जेएनएन। Hindi Diwas 2021 Activity : जिला जज रेणु अग्रवाल की अध्यक्षता में जनपद न्यायालय में मंगलवार को हिंदी दिवस मनाया गया। कार्यक्रम में जिला जज ने सभी न्यायिक अधिकारियों को संबोधित करते हुए कहा कि गांधी जी ने हिंदी को जनमानस की भाषा कहा था। 1918 में हिंदी साहित्य सम्मेलन में हिंदी भाषा को राष्ट्रभाषा बनाने पर जोर दिया। पहला हिंदी दिवस 14 सितंबर 1953 को मनाया गया। जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के सचिव सत्येंद्र सिंह वर्मा ने बताया कि कार्यक्रम में सभी न्यायिक अधिकारियों को जिला जज ने कोर्ट के आदेशों में हिंदी भाषा के प्रयोग पर जोर दिया। स्पेशल जज पाक्सो एक्ट अनिल कुमार सेठ ने कहा कि 1949 को संविधान सभा ने एकमत से हिंदी को राजभाषा का दर्जा देने का निर्णय लिया था। कार्यक्रम में स्पेशल जज सत्यदेव गुप्ता, अब्दुल कैयूम, अंगद प्रसाद, रामदयाल, शिव कुमार, अमित सिंह, प्रमोद गुप्ता, सीजेएम अतुल चौधरी, हरिश्चंद्र, मृदांशु कुमार समेत समस्त न्यायिक अधिकारी उपस्थित रहे।
हास्य कविताओं ने बंदियों को गुदगुदाया...जेल में जमकर लगे ठहाके
हिंदी दिवस पर मंगलावर जिला जेल में हास्य कवि सम्मेलन का आयोजन किया गया। कवियों द्वारा सुनाई गई रचनाओं पर बंदियों ने जमकर ठहाके लगाए। जेल परिसार का नजारा बदला-बदला सा नजर आया। किसी ने सच कहा है कि सफर अच्छा नहीं लगता, रहाे गर कैद घर में भी तो घर अच्छा नहीं लगता। ये बरकत की दुआएं हैं इन्हें तुम नेमतें समझो, न हों मां-बाप जिनके घर वो घर अच्छा नहीं लगता। नगमा बरेलवी की इस रचना ने बंदियों की खूब तालियां बटोरी। रचनाकार अजीत शुक्ल, कमलकांत तिवारी, एकता भारती, सुबोध सुलभ, राजीव गोस्वामी, हरीश शर्मा यमदूत ने कविता पाठ किया। कवि रोहित राकेश ने संचालन किया। जिला जेल अधीक्षक विजय विक्रम सिंह ने बंदियों को हिंदी के महत्व को समझाया।
कवि सम्मेलन में गूंजी बेटी की फरियाद
ज्योति कालेज आफ मैनेजमेंट साइंस एंड टेक्नोलाजी में हिंदी दिवस के उपलक्ष्य पर शिक्षार्थियों द्वारा कवि सम्मेलन आयोजित किया गया। कार्यक्रम का शुभारंम्भ मुख्य अतिथि आर्मी स्कूल की सेवा निवृत्त डा. विमला गुप्ता और महाविद्यालय की प्राचार्य डा. अनीता चौहान के द्वारा मां सरस्वती के समक्ष दीप प्रज्जलन करके किया गया। इस अवसर पर सभी प्रतिभागियों ने अपने विचार व्यक्त किए। जिसमें छात्रा गुलेश्ना ने कन्या भ्रूण हत्या पर रचित कविता एक बेटी की फरियाद रोको न मुझे कोई इस संसार में आने से प्रस्तुत की। इसके पश्चात छात्रा जूली ने दहेज प्रथा सामाजिक अभिशाप के रूप में इस विषय पर अपने विचार विमर्श किए। साथ ही कार्यक्रम के अंत में मुख्य अतिथि को शिक्षा विभाग के समन्वयक हिमांशु गंगवार के द्वारा स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया गया है।