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District Hospital : यहां तो स्वयं ही रखना होता है अपने दिल का ख्याल... जानिए क्यों Bareilly News

बदला मौसम और ठंड का प्रकोप निश्चित तौर पर दिल की बीमारी वालों के लिए कठिन समय। बढ़ी उम्र की बीमारी लेकिन सरकारी अस्पताल में इलाज नहीं।

By Abhishek PandeyEdited By: Published: Sun, 15 Dec 2019 03:12 PM (IST)Updated: Sun, 15 Dec 2019 05:36 PM (IST)
District Hospital : यहां तो स्वयं ही रखना होता है अपने दिल का ख्याल... जानिए क्यों  Bareilly News
District Hospital : यहां तो स्वयं ही रखना होता है अपने दिल का ख्याल... जानिए क्यों Bareilly News

जेएनएन, बरेली : बदला मौसम और ठंड का प्रकोप, निश्चित तौर पर दिल की बीमारी वालों के लिए कठिन समय। बढ़ी उम्र की बीमारी लेकिन सरकारी अस्पताल में इलाज नहीं। दिल की दिक्कत बढ़े तो जिला अस्पताल नहीं आइए, वहां हृदय रोग विशेषज्ञ नहीं है। करीब साढ़े तीन साल से सरकार ने वहां दिल के डॉक्टर की तैनाती ही नहीं की। कई अन्य विशेषज्ञों के पद भी अब तक खाली पड़े हुए हैं। अस्पताल में जांच की सुविधाएं तो बढ़ी है, साथ ही मरीजों की संख्या में भी बढ़ोतरी हुई है। ऐसे में मरीजों का इलाज हो पाना दिक्कत भरा साबित होता है। बदलते मौसम में जिला अस्पताल के संसाधनों और मरीजों के भार को एक साथ देखा तो व्यवस्था में कई कमियां पाई गईं।

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अस्पताल के संसाधन

350 मरीज भर्ती करने की क्षमता

1800 मरीज आते है प्रतिदिन  

30 डॉक्टर 

56 नर्स 

12 फार्मासिस्ट 

02 एक्स-रे टेक्नीशियन

06 लैब टेक्नीशियन

100 सहायक स्टाफ 

13 विशेषज्ञ डॉक्टरों की है कमी

जिला अस्पताल में डॉक्टरों के शासन की ओर से स्वीकृत पद 43 हैं। इनमें से सिर्फ 30 डॉक्टर ही जिला अस्पताल के पास हैं। कई विशेषज्ञ डॉक्टर अस्पताल के पास नहीं है। मार्च 2016 में हृदय रोग विशेषज्ञ डॉ. वीपी भारद्वाज सेवानिवृत्त हुए थे। उसके बाद से कोई भी हृदय रोग विशेषज्ञ अस्पताल में तैनात नहीं हुए, जबकि अस्पताल में दो पद स्वीकृत हैं। इसके अतिरिक्त मनोरोग, यूरो सर्जन, न्यूरो सर्जन, न्यूरोफिजिशियन, नेफ्रालॉजिसट, प्लास्टिक सर्जन, डेंटल सर्जन भी नहीं हैं। एक फिजिशियन, एक रेडियोलॉजिस्ट, एक पैथोलॉजिस्ट, एक निश्चेतक, एक ईएनटी विशेषज्ञ की भी कमी है।

दस बेड की हिमोडायलिसिस यूनिट

जिला अस्पताल में जनवरी 2019 में डायलिसिस की सुविधा शुरू की गई थी। दस बेड के वार्ड में गरीबों को निश्शुल्क सुविधा दी जा रही है। प्राइवेट अस्पतालों में इसके लिए गरीबों को हजारों रुपये खर्च करने पड़ते थे।

हाईटेक पैथोलॉजी, डिजिटल एक्स-रे

जिला अस्पताल में हाईटेक पैथोलॉजी लैब है, जिसमें खून की करीब 35 प्रकार की जांचें तेजी से होती हैं। एक बार में करीब 50 सेंपल की जांच अत्याधुनिक मशीनों से हो सकती है। कई महंगी जांचें यहां मुफ्त होती हैं। इसके साथ ही डिजिटल एक्स-रे की दो मशीनों मरीजों के लिए रखी गई हैं। सभी चल रही हैं।

एल्डर्ली वार्ड में मौजूद है ये सुविधाएं

जिला अस्पताल में करीब दस माह पूर्व बुजुर्गो को भर्ती करने के लिए दस बेड का एल्डर्ली वार्ड की शुरुआत की गई। इसमें बुजुर्ग लोगों को भर्ती कर इलाज मुहैया कराया जाता है। उनके लिए व्हील चेयर, छड़ी, कैलीपर्स आदि की व्यवस्था भी है। वार्ड में अन्य जरूरी सुविधाएं भी मौजूद हैं।

जिला अस्पताल में मरीजों के लिए लगातार सुविधाएं बढ़ाई जा रही है। अभी खून की जांच को एक और मशीन ली गई है। मानव संसाधन की जरूर कमी है, लेकिन उपलब्ध संसाधनों में सब व्यवस्था की जा रही है। -टीएस आर्य, अपर निदेशक एवं प्रमुख अधीक्षक


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