सिटी प्रोजेक्ट के तहत स्थापित होगा हैंडीक्राफ्ट सेंटर
जरी नगरी के नाम से मशहूर शहर में हुनरमंदों को बड़ा प्लेटफार्म मिल सके।
जेएनएन, बरेली : जरी नगरी के नाम से मशहूर शहर में हुनरमंदों को बड़ा प्लेटफार्म मिल सके, इसकी कोशिशें शुरू हुई हैं। कवायद है कि उन्हें संसाधन मुहैया कराए जाएं ताकि वे फिल्म सुई धागा के किरदार मौजी जैसे चमकसकें। इस ख्वाब को हकीकत का रंग देने के लिए कमिश्नर रणवीर प्रसाद गुरुवार दोपहर को जिला उद्योग केंद्र पहुंचे। एक घंटे तक वहां तीन एकड़ जमीन देखी। जिसके बाद तय कर लिया कि उसी जमीन पर स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के तहत हैंडीक्राफ्ट सेटर स्थापित किया जाएगा। उसमें वे तमाम सुविधाएं होंगी, जो दिल्ली, पंजाब राजस्थान के कारीगरों को मिली हुई हैं।
इसलिए आया ख्याल
नाथ नगर सिविल एयर टर्मिनल बनने जा रहा है। उसकी सभी बाधाएं दूर हो चुकीं। इसके बनते ही शहर से हवाई सेवा शुरू हो जाएगी। तब देश व विदेश से यात्रा आसान होगी। कमिश्नर चाहते हैं कि सिविल एनक्लेव तैयार हो, उसके साथ ही हैंडीक्राफ्ट सेटर का काम भी शुरू हो जाए। तब विदेशी डिजाइनर और उद्योग से जुड़ी बड़ी हस्तियां भी शहर आ सकेंगी।
फैशन शो के लिए बड़ा हाल
कमिश्नर ने बताया कि हैंडीक्राफ्ट सेटर में एक बड़े हाल का निर्माण होगा। उसमें जिले के कारीगरों के तैयार किए गए डिजाइन प्रदर्शित करने के लिए फैशन शो आयोजित किए जाएंगे। इसके लिए निर्णायक पैनल भी गठित होगा। बरेली के कारीगरों के तैयार डिजाइन दुनियाभर की नजरों में आ सकेंगे।
कारीगरों को दिए जाएंगे अड्डे
जरी इत्यादि के कारीगर परिधान हैंडीक्राफ्ट सेटर में ही तैयार करेंगे। उनके हुनर को निखारने के लिए प्रमुख डिजाइनर की सहायता ली जाएगी। कच्चा माल भी एक ही छत के नीचे मुहैया हो जाएगा। सीधे आर्डर बुक होने से कारीगरों को उनके उत्पाद का सही दाम मिल सकेगा। कमिश्नर कहते हैं कि इससे कारीगरों की आर्थिक स्थिति मजबूत होगी।
जमीन प्रोजेक्ट के लिए उपयुक्त
शहर के अंदर पॉश इलाके में इतनी बड़ी और मुख्य मार्ग वाली जमीन अब और कहीं सरकारी नहीं बची है। कमिश्नर चाहते हैं कि जमीन का उपयोग स्मार्ट सिटी में बड़े प्रोजेक्ट के लिए कर लिया जाए। वह निरीक्षण के बाद संयुक्त उद्योग को तमाम औपचारिकताएं जल्द पूरी करने के निर्देश दे आए हैं।
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हैंडीक्राफ्ट सेटर के लिए जमीन देने का प्रस्ताव उद्योग निदेशालय को भेज रहे हैं। उम्मीद है कि मंजूरी मिल जाएगी। कमिश्नर ने 12 हजार वर्ग मीटर (तीन एकड़) जमीन चिह्नित की है।
-ऋषि रंजन गोयल, संयुक्त आयुक्त उद्योग