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GST Return : वाणिज्य कर विभाग की एडिश्नल कमिश्नर वंदना सिंह बोली- रजिस्टर्ड व्यापारी से ही करें खरीद तब मिलेगा आइटीसी का लाभ

GST Return गुड्स एंड सर्विस टैक्स (जीएसटी) में पंजीकृत सभी व्यापारी समय से अपना रिटर्न दाखिल करें। किसी भी तरह की खरीद सिर्फ पंजीकृत व्यापारियों से ही करें। इससे उन्हें इनपुट टैक्स क्रेडिट (आइटीसी) का लाभ मिलेगा।

By Ravi MishraEdited By: Published: Thu, 16 Sep 2021 04:58 PM (IST)Updated: Thu, 16 Sep 2021 04:58 PM (IST)
GST Return : वाणिज्य कर विभाग की एडिश्नल कमिश्नर वंदना सिंह बोली- रजिस्टर्ड व्यापारी से ही करें खरीद तब मिलेगा आइटीसी का लाभ
GST Return : वाणिज्य कर विभाग की एडिश्नल कमिश्नर वंदना सिंह बोली

बरेली, जेएनएन। GST Return : गुड्स एंड सर्विस टैक्स (जीएसटी) में पंजीकृत सभी व्यापारी समय से अपना रिटर्न दाखिल करें। किसी भी तरह की खरीद सिर्फ पंजीकृत व्यापारियों से ही करें। इससे उन्हें इनपुट टैक्स क्रेडिट (आइटीसी) का लाभ मिलेगा। समय से रिटर्न दाखिल नहीं करने पर पेनाल्टी और लगातार छह तक दाखिल नहीं किया तो रजिस्ट्रेशन निरस्त की कार्रवाई हो सकती है। दैनिक जागरण के प्रश्न पहर में बुधवार को आई वाणिज्य कर विभाग की एडिश्नल कमिश्नर ग्रेड वन वंदना सिंह ने शहरवासियों की जीएसटी से जुड़ी समस्याओं का निदान किया। उन्होंने फोन पर लोगों को अहम जानकारियां दीं। शहरवासियों को यह भी कहा कि अगर कोई दुकानदार बिल नहीं दें तो उसकी भी शिकायत करें।

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प्रश्न : जीएसटी विभाग में पंजीकरण की क्या प्रक्रिया है। मौजूदा समय में कितने पंजीकृत व्यापारी हैं। किशोर सिंह, नेकपुर

उत्तर : जिले में करीब चालीस हजार पंजीकृत व्यापारी हैं। विभाग में पंजीयन कराने के लिए जीएसटीएन वेब पोर्टल पर जाना होगा। जीएसटी डाट जीओवी डाट इन में जाकर सर्विसेज फिर रजिस्ट्रेशन और न्यू रजिस्ट्रेशन पर क्लिक करना होगा। वहां डिटेल भरने के बाद तीन दिन में रजिस्ट्रेशन हो जाएगा।

प्रश्न : शहर में कई डाइग्नोस्टिक सेंटर चल रही है, वहां कोई भी बिल नहीं दिया जा रहा है। क्या इन सेंटरों पर जीएसटी लागू नहीं होता है। मनोज कुमार सिविल लाइंस

उत्तर : डाइग्नोस्टिक सेंटरों पर भी जीएसटी लागू है। अगर कोई कच्चा बिल दे रहा है तो कार्यालय में आकर लिखित शिकायत दें। उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।

प्रश्न : विभाग के सभी नोटिस ई-मेल पर आते हैं। क्या ऐसा हो सकता है कि विभाग से जानकारियां मेल की जगह व्हाट्स एप पर भी आए। शिरीष गुप्ता आलमगिरिगंज

उत्तर : यह व्यवस्था हमारे स्तर की नहीं है। आपको समय निकालकर ई मेल पर ही विभागीय नोटिस को देखना होगा।

प्रश्न : जब वैट से जीएसटी में तब्दील हुआ। उस वक्त आइटीसी का बैलेंस बचा हुआ था, वह आज तक समायोजित नहीं हुआ है। सजल, कालेज रोड

उत्तर : आइटीसी रिटर्न में ही समायोजित होती है। वैसे भी वह तो शुरुआत में ही समायोजित हो गई होगी। पोर्टल पर हम अपनी ओर से कुछ नहीं कर सकते हैं।

प्रश्न : अगर हम खरीदारी अगस्त में करते हैं और सितंबर में माल हमारे पास पहुंचता है तो रिटर्न में आइटीसी मैच नहीं हो पाती है। सामान वापसी पर भी यही दिक्कत आती है। मनीष कुमार, स्टेट बैंक कालोनी

उत्तर : आइटीसी सत्यापन के बाद ही जारी होती है। पहले नियम अलग थे और अब अलग हैं। आपको सिर्फ बिक्री की सूची पोर्टल पर अपलोड करनी है। आप अपने कर निर्धारण अधिकारी से बात कर सकते हैं।

प्रश्न : जब जीएसटी आया था तो तीन लाख का माल पांच फीसद वाला और पांच लाख का माल 14 फीसद वाला स्टाक में बचा था। इसका समाधान लिया, कितना टैक्स देना होगा। धीरज सूरी, नावेल्टी चौराहा

उत्तर : स्टाक को अगर समाधान योजना में लेकर आए हैं तो उसका पांच फीसद का रेट लगेगा और आइटीसी नहीं मिलेगी। अगर ले चुके हैं तो वापस करना होगा।

प्रश्न : क्या रजिस्ट्रेशन के बाद लगातार रिटर्न भरना जरूरी है। अरविंद, राजेंद्र नगर

उत्तर : रजिस्ट्रेशन कराने के बाद रिटर्न भरना जरूरी है। चाहे तो हर महीने रिटर्न दाखिल करें या फिर तिमाही भरें। हर माह वालों को 11 तारीख तक जीएसटीआर वन रिटर्न भरना होता है। बिक्री टैक्स की डिटेल दो माह में जीएसटीआर 3बी पर भरकर 22 तारीख तक देनी होती है। तिमाही खत्म होने के बाद अगले महीने की 13 तारीख तक तिमाही रिटर्न भरना जरूरी है। रिटर्न नहीं भरने पर विभाग पेनाल्टी लगा सकता है।

प्रश्न : क्या आइटीसी का लाभ सभी व्यापारियों को मिलता है। अजीत सिंह, आवास विकास

बरेली : व्यापारी जो माल खरीद कर लाता है, उसमें जो भी टैक्स चुकाता है, उसका लाभ आइटीसी में मिल जाता है। बिक्री के वक्त लाभ में से टैक्स काटा जाता है। पंजीकृत व्यापारी से खरीद पर ही आइटीसी मिल सकती है।

प्रश्न : वैट के समय हमारा अधिक टैक्स विभाग में जमा था। उसका रिफंड अब तक नहीं मिल पाया है। सुधीर कुमार सेठी, शास्त्री मार्केट

उत्तर : आप किसी दिन कार्यालय आ जाएं। संबंधित सेक्टर से दिखवा लिया जाएगा।

प्रश्न : विभाग से किसी भी तरह की जानकारी कैसे ली जा सकती है। सुधीर पाठक, सीबीगंज

उत्तर : विभाग ने लोगों की समस्याओं के निराकरण के लिए हेल्प डेस्क बनाई है। इसका नंबर 2422881 जारी किया गया है। इस नंबर पर लोग अपनी समस्या बता सकते हैं।


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