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बेसिक शिक्षा विभाग में फर्जी लिपित की नियुक्ति में बीएसए का बाबू दोषी, शासन ने किया निलंबित

बेसिक शिक्षा विभाग में फर्जी शिक्षकों की नियुक्ति के मामले तो कई बार चर्चा में आ चुके हैं। अब लिपिक पद पर नियुक्ति में किया गया फर्जीवाड़ा उजागर हुआ है। विभागीय जांच में दोषी मिलने पर शासन को रिपोर्ट भेजी गई थी।

By Samanvay PandeyEdited By: Published: Sun, 21 Mar 2021 06:15 PM (IST)Updated: Sun, 21 Mar 2021 06:15 PM (IST)
बेसिक शिक्षा विभाग में फर्जी लिपित की नियुक्ति में बीएसए का बाबू दोषी, शासन ने किया निलंबित
बीएसए का फर्जी हस्ताक्षर कर लिपिक की कर दी थी तैनाती।

बरेली, जेएनएन। बेसिक शिक्षा विभाग में फर्जी शिक्षकों की नियुक्ति के मामले तो कई बार चर्चा में आ चुके हैं। अब लिपिक पद पर नियुक्ति में किया गया फर्जीवाड़ा उजागर हुआ है। विभागीय जांच में दोषी मिलने पर शासन को रिपोर्ट भेजी गई थी। शासन ने भी नियमों को दरकिनार कर बीएसए के फर्जी हस्ताक्षर से नियुक्ति कराने वाले लिपिक को दोषी मानते हुए निलंबित कर दिया है। विभागीय कार्रवाई के भी आदेश दिए गए हैं।

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बदायूं बीएसए कार्यालय में तत्कालीन कनिष्ठ सहायक अमित कुमार भाष्कर ने तत्कालीन बीएसए कृपाशंकर वर्मा का फर्जी हस्ताक्षर करके विभाग में आदित्य प्रभाकर की कनिष्ठ सहायक के पद पर नियुक्ति करा दी थी। यह नियुक्ति मृतक आश्रित पद पर हुई है। शिकायतें शासन तक पहुंचने पर विभागीय जांच शुरू हुई तो कलई खुल गई। पूर्व बीएसए रामपाल सिंह राजपूत ने जांच में दोषी मिलने के अमित भाष्कर को बीएसए कार्यालय से हटाकर नगर शिक्षा अधिकारी उझानी के यहां पदस्थापित कर दिया था। जांच शासन को भेजी गई थी। शासन स्तर पर परीक्षण में अमित कुमार भाष्कर को दोषी पाया गया है। विशेष सचिव आरवी सिंह ने शिक्षा निदेशक को आदेश दिए हैं कि अमित कुमार भाष्कर को तत्काल निलंबित कर अनुशासनिक कार्रवाई की जाए। शासन स्तर से कार्रवाई का आदेश जारी होने के बाद विभाग में खलबली मच गई है। चूंकि शासन ने नियुक्ति प्रक्रिया को ही कूटरचित करार दिया है, इसलिए मृतक आश्रित पद पर नियुक्त हुए आदित्य प्रभाकर की नौकरी भी खतरे में दिखने लगी है। वर्ष 2019 से इस मामले की जांच की जा रही है, मसलन नियुक्ति उसके पहले हुई थी। अगर इनकी नियुक्ति रद्द होती है तो लाखों रुपये की रिकवरी भी कराई जा सकती है।

बीएसए कार्यालय में हुई था हंगामा, 150 पर दर्ज हुआ है मुकदमा

तत्कालीन बीएसए रामपाल सिंह राजपूत ने जांच में दोषी मिलने पर अमित भाष्कर को जब यहां से हटाकर उझानी भेजा था तब खासा विरोध हुआ था। अमित भाष्कर के स्वजन और दर्जनों अध्यापकों ने बीएसए कार्यालय में जाकर हंगामा किया था। मौके पर पहुंची पुलिस ने जैसे-तैसे मामला संभाला था। बीएसए ने सरकारी कामकाज में बाधा डालने और कार्यालय में घुसकर अभद्रता करने का आरोप लगाते हुए अमित भाष्कर, उनकी पत्नी सुतिन सिंह, अध्यापक हरीश दिनकर, भारत सिंह, मोहर सिंह, हरिनंदन समेत 150 लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया गया है। इस प्रकरण की भी पुलिस जांच कर रही है। प्रकरण का वीडियो भी बना है, इसलिए नामजद लोगों के अलावा अज्ञात लोगों के खिलाफ भी कार्रवाई हो सकती है। इसकी आशांका को देखते हुए विरोध प्रदर्शन में शामिल हुए लोगों में खलबली मची हुई है।


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