Move to Jagran APP

अवैध होने से बचेंगे हजारों असलहा लाइसेंस, सरकार ने यूआइएन जनरेट कराने का दिया एक और मौका

शासनादेश की जद में आकर अवैध होने की कगार पर खड़े असलहा लाइसेंस धारकों को सरकार ने यूआइएन जारी करने में राहत दी है।

By JagranEdited By: Published: Thu, 13 Sep 2018 01:05 PM (IST)Updated: Thu, 13 Sep 2018 01:05 PM (IST)
अवैध होने से बचेंगे हजारों असलहा लाइसेंस, सरकार ने यूआइएन जनरेट कराने का दिया एक और मौका
अवैध होने से बचेंगे हजारों असलहा लाइसेंस, सरकार ने यूआइएन जनरेट कराने का दिया एक और मौका

बरेली(जेएनएन)। शासनादेश की जद में आकर अवैध होने की कगार पर खड़े असलहा लाइसेंस धारकों के लिए अच्छी खबर है। केंद्र सरकार ने उन्हें यूनिक आइडेंटिफिकेशन नंबर जनरेट कराने के लिए दिया एक और मौका दे दिया है। इसके लिए उन्हें कलेक्ट्रेट पहुंचकर एक प्रोफार्मा भरकर देना होगा। उनको यूआइएन जारी हो जाएगा। यह सभी जिलों में लागू होगा। जिले की बात करें तो करीब 10 हजार लाइसेंस अभी ऐसे रह गए हैं, जिन्हें यूनिक आइडेंटिफिकेशन नंबर जारी नहीं हो सका है। क्योंकि वे तय तिथि तक कलेक्ट्रेट पहुंचकर आवेदन नहीं कर सके। ऐसे सभी लाइसेंस धारकों को यह लापरवाही भारी पड़ रही थी। शासन ने आदेश जारी कर रखा है कि जिनको यूआइएन नहीं मिला है, उनके लाइसेंस अवैध हो जाएंगे। इसे लेकर ही खलबली मची हुई थी। तिथि निकलने के बाद बहुत से लोग असलहा दफ्तर से लेकर अफसरों तक चक्कर लगा रहे थे। चूंकि जिस वेबसाइट नेशनल डाटाबेस ऑन आ‌र्म्स लाइसेंस (एनडीएएल) से यूआएन मिलना था, वह 31 मार्च 2017 को बंद कर दी गई थी। असलहा रखने वालों की दिक्कत को देखते हुए एक बार फिर इस वेबसाइट को खोला गया है। आवेदन के लिए 31 मार्च 2019 तक का समय दिया गया है।

loksabha election banner

--10 हजार लाइसेंस धारकों को राहत

जिले में 46 हजार से ज्यादा के पास असलहा लाइसेंस हैं। इनमें 40 हजार के आसपास को यूआइएन मिल चुका है। करीब 10 हजार लोग ऐसा नहीं करा सके। इनमें ज्यादातर अफसर और सेना से जुड़े लोग शामिल हैं। वेबसाइट खुल जाने से इन्हें राहत मिल गई है।

--तत्कालीन कमिश्नर भी हैं लाइन में

कानपुर से बने तत्कालीन कमिश्नर डॉ. पीवी जगनमोहन के असलहा लाइसेंस को भी यूआइएन नहीं मिल सका था। तब जबकि उन्होंने काफी प्रयास भी किए। समय निकल जाने की वजह से ऐसा नहीं हो सका। अब वेबसाइट खुली तो उनका जिले से तबादला हो चुका है।

--इसलिए दिए जा रहे यूआइएन

केंद्र सरकार की मंशा है कि असलहा लाइसेंस में फर्जीवाड़ा रोका जाए। उसके लिए सभी लाइसेंस ऑनलाइन किए जाने का फैसला हुआ और उन्हें यूनिक आइडेंटिफिकेशन नंबर दिए गए। सरकार को पता रहेगा कि देश में रहने वाले किस शख्स के पास किस हथियार का लाइसेंस है। पुलिस को ऐसे मामलों के राजफाश में सुविधा रहेगी, जिनमें लाइसेंसी असलहा का इस्तेमाल हुआ होगा।

--ऐसे करें आवेदन

जिन लाइसेंस धारकों को यूआइएन नहीं मिला, उन्हें कलेक्ट्रेट स्थित असलहा दफ्तर आकर प्रोफार्मा भरना होगा। उस पर अपना फोटो चस्पा करना होगा। साथ में पेन नंबर उपलब्ध कराएंगे। इस तरह उन्हें यूआइएन जनरेट हो जाएगा।

--पूर्व में आवेदन नहीं करने वाले भी कर सकते हैं अप्लाई :

डीएम वीरेंद्र सिंह ने बताया कि केंद्र सरकार ने यूआइएन के लिए एक और मौका दिया है। एनडीएएल की वेबसाइट खुल गई है। ऐसे लाइसेंसी जिन्होंने पूर्व में आवेदन नहीं किया था, अब कर सकते हैं।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.