बरेली के थानों के मालखानों से गायब हो रहा सामान, घेरे में पुलिसकर्मी
आम आदमी के यहां चोरी बदमाशों का दुस्साहस कहा जा सकता है। मगर थानों में भी ऐसा हो जाए तो चौंकाने वाली बात है।
बरेली, जेएनएन। आम आदमी के यहां चोरी बदमाशों का दुस्साहस कहा जा सकता है। मगर, थानों में भी ऐसा हो जाए तो चौंकाने वाली बात है। जिले के थानों में ऐसा कई बार हुआ कि मालखानों में बाहर से ताला लगा रहा और अंदर रखा सामान गायब हो गया। बाद में कागजातों से मिलान हुआ तब इस बारे में पता चल सका। फरीदपुर थाने के मालखाने से 24 असलहे गायब होने का मामला हो या फतेहगंज पूर्वी थाने से असलहे या ग्रेनेड चोरी होने का। कई मामले चर्चा में रहे हैं। बारादरी थाने के मालखाने से तो माल गायब होने से परेशान दारोगा ने गोली मारकर खुदकुशी तक कर ली थी।
केस-1
एसएसपी जोगेंद्र कुमार ने 24 फरवरी 2018 को फतेहगंज पूर्वी थाने का निरीक्षण किया था, इस दौरान रायफल के 122 कारतूस, 9 एमएम पिस्टल के 10, एसएलआर के 17 कारतूस, रिवाल्वर के 90 कारतूस और चार ग्रेनेड कम मिले थे। जिसके बाद एसएसपी ने हेड मोहर्रिर पर मुकदमा दर्ज किया गया।
केस-2
नवंबर 2018 में बारादरी थाने के मालखाने से 1.65 लाख रुपये गायब हो गए थे। परेशान दरोगा ने मालखाने में जमा रिवाल्वर से अपने आवास के अंदर कनपटी में गोली मारकर खुदकुशी कर ली थी। सात पन्ने के सुसाइड लेटर में होमगार्ड पर हेराफेरी का आरोप लगया था। जिसके बाद होमगार्ड पर गंभीर धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया।
केस -3
2019 में फरीदपुर थाने के मालखाने से एक रायफल समेत 24 असलहे गायब हो गए हैं। फोरेंसिक लैब से आने के बाद उन्हें पुलिस लाइंस से थाने भेजा गया था। थाने में असलहों का कोई रिकॉर्ड नहीं है। उन्हें पुलिस लाइन से रिसीव कर थाने ले जाने वाले हेड कांस्टेबल की मौत हो चुकी है। डीआइजी ने पूरे मामले की जांच कर मुकदमा दर्ज कराया। जांच जारी है।
यह है नियम
पुलिस असलहा, बरामद माल आदि को सुरक्षित माल खाने में रखती है। इसका प्रभारी बनाया जाता है, जिसकी जिम्मेदारी होती है कि मालखाने में रखा गया सारा सामान सुरक्षित रहे। विभाग, वादी या कोर्ट में जब जरूरत हो, तब माल को पेश करे। मालखाने से माल चोरी होना गंभीर अपराध माना गया है। जिसके तहत धारा 409 के तहत मुकदमा दर्ज होता है जिसमे 10 साल लेकर आजीवन कारावास तक कि सजा है।