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बरेली के धान खरीद केंद्रों में चल रहा नमी का खेल, परेशान हो रहे किसान, जानिए ताजा हालात

धान खरीद को लेकर जहां शासन सख्त हैं। वहीं अधिकारी भी कड़ाई और लगातार निरीक्षण का दावा कर रहे हैं। बावजूद इन सभी के क्रय केंद्रों में किसानों की जगह बिचौलियों का धान तौला जा रहा है। किसान न्यूनतम समर्थन मूल्य से कम में धान बेचने पर मजबूर हैं।

By Ravi MishraEdited By: Published: Wed, 08 Dec 2021 10:51 AM (IST)Updated: Wed, 08 Dec 2021 10:51 AM (IST)
बरेली के धान खरीद केंद्रों में चल रहा नमी का खेल, परेशान हो रहे किसान, जानिए ताजा हालात
बरेली के धान खरीद केंद्रों में चल रहा नमी का खेल, परेशान हो रहे किसान, जानिए ताजा हालात

बरेली, जेएनएन। धान खरीद को लेकर जहां शासन सख्त हैं। वहीं अधिकारी भी कड़ाई और लगातार निरीक्षण का दावा कर रहे हैं। बावजूद इन सभी के क्रय केंद्रों में किसानों की जगह बिचौलियों का धान तौला जा रहा है। जिसके चलते किसान न्यूनतम समर्थन मूल्य से कम में धान मंडी व बिचौलियों को बेचने पर मजबूर हैं। जबकि उन्हीं के धान को बिचौलिए सरकारी क्रय केंद्रों में सेटिंग के चलते बेच रहे हैं। जिसमें दो से तीन सौ रुपये प्रति क्विंटल की बिचौलिए कमाई कर रहे हैं।

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एक अक्टूबर से मंडल में धान खरीद शुरु हुई। शुरुआत से ही शासन के साथ अधिकारियों ने धान खरीद में बिचौलियों के खिलाफ कार्रवाई आदि को लेकर जमकर सख्ती दिखाई। जिससे किसानों को उम्मीद हुई थी कि इस बार उनका धान आसानी से क्रय केंद्रों में तौला जा सकेगा। लेकिन बिचौलियों के चलते उनकी उम्मीदों में पानी फेर दिया। किसानों के मुताबिक उन्हें पहले मानक के अनुरूप धान न होने, उसके बाद धान में नमी अधिक होने, धान काला होने समेत अन्य कमियां गिनाकर उन्हें लौटाया जाता है। जबकि उसी धान को बिचौलियों से आसानी से खरीद लिया जाता है। क्रय केंद्रों का चक्कर लगाकर थक जाने पर मजबूरन किसान बिचौलियों या मंडी में धान कम दाम पर बेचने को मजबूर हो रहे हैं।

किसानों से करार कर रहें बिचौलिए 

धान खरीद केंद्र में परेशान होकर लौटने वाले किसानों से बिचौलिए करार करने का काम कर रहे हैं। वह उनके दस्तावेज लेने के साथ ही ब्लैंक चेक आदि लेकर सेटिंग के माध्यम से उनकी धान तौल करा रहे हैं। ऐसे में एमएसपी की जगह किसानों को अपना धान 1700 से 1750 रुपये प्रति क्विंटल बेचना पड़ रहा है। क्रय केंद्र में बाद में इन्हीं किसान को ले जाकर अंगूठा आसानी से लगवा लिया जाता है।

माननीय के फोन पर होता है सबसे ज्यादा खेल 

नाम न छापने की शर्त पर कई केंद्रों के प्रभारियों ने बताया कि एक दिन में वह 300 क्विंटल ही धान खरीद कर सकते हैं। ऐसे में कई माननीय व उनके स्वजन फोन कर पहले ही फोन नंबर व किसानों के नाम नोट करा बिना नंबर के उनकी तौल कराने के निर्देश देते हैं। जिसके चलते कई बार नंबर में लगे किसानों को दिक्कत का सामना करना पड़ता है।

अधिकारी बोले बिचौलियों के खिलाफ दर्ज होगा मुकदमा 

जिला खाद्य विपणन अधिकारी सुनील भारती ने बताया कि जिले में कहीं भी धान खरीद में दिक्कत होने या क्रय केंद्र प्रभारी द्वारा परेशान किए जाने की किसान शिकायत सीधा उनसे या कंट्रोल रूम में कर सकते है। किसी भी किसान को क्रय केंद्र से वापस नहीं किया जाएगा। कंट्रोल रूम में आने वाली शिकायतों की भी अब समीक्षा की जाएगी।

क्रय केंद्र में पांच से छह बार चक्कर लगाया। कभी कुछ कभी कुछ बहाना करके वापस लौटा दिया गया। 40 क्विंटल धान बेचने के लिए चक्कर लगाने पड़ रहे हैं। कंट्रोल रूम में शिकायत करने के बाद भी कोई समाधान नहीं हुआ है। अब मजबूरन इसे मंडी में बेचना पड़ेगा। - प्रमोद उपाध्याय, धनेली

वारदाना न होने की बात कहते हुए लौटाया गया। दुबारा जाने पर बोरा न होने की बात कहते हुए लौटाया गया। 20 दिन से ट्राली पहले सेंटर के चक्कर लगाए अब मजबूरन उसे बिचौलियों को बेचना पड़ रहा है।- श्यामाचरण गंगवार, औरंगाबाद

क्रय केंद्रों में धान में कमी निकाल कर पहले तो वापस किया जाता है, लेकिन कुछ लेन देन करने वालों को तत्काल बिना नंबर के धान तौला जा रहा है। सही किसानों को जमकर परेशान होना पड़ रहा है। क्रय केंद्रों में केवल बिचौलियों का धान खरीदा जा रहा है। - मैकू लाल, खितौसा

सेटिंग न होने पर पहले तो नमी का बहाना किया जाता है और धान काला होने की बात कही जाती है। जबकि उसी धान को जब बिचौलिया लेकर आता है तो उसकी तुरंत बिना किसी शिकायत के तौल कर ली जाती है। - इश्तियाक अंसारी, टिटौली

सभी किसानों के धान की तौल कराने के निर्देश दिए गए हैं। किसी भी केंद्र में बिचौलिया मिलने पर मुकदमा दर्ज किया जाएगा। धान खरीद की नियमित समीक्षा की जा रही है। क्रय केंद्रों की जांच और अधिक बढ़ाई जाएगी। किसानों का पूरा धान क्रय केंद्रों में बिना परेशानी के तौला जाएगा। - राममूर्ति वर्मा, आरएमओ


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