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डीएसओ कार्यालय का कारनामा, सुभाषनगर के राशनकार्ड पर मलिहाबाद में बंट रहा राशन

सुभाषनगर के पूरनलाल के राशनकार्ड पर मलिहाबाद में राशन वितरण किया जा रहा है। जनता दरबार में पहुंचे पूरनलाल ने डीएम के सामने राशन नहीं मिलने की समस्या रखी। फर्जी राशनकार्ड जारी होने की आशंका में डीएम नितीश कुमार ने जिला पूर्ति अधिकारी को पूरे मामले की जांच सौंपी है।

By Ravi MishraEdited By: Published: Mon, 05 Oct 2020 11:19 PM (IST)Updated: Mon, 05 Oct 2020 11:19 PM (IST)
डीएसओ कार्यालय का कारनामा, सुभाषनगर के राशनकार्ड पर मलिहाबाद में बंट रहा राशन
डीएसओ कार्यालय का कारनामा, सुभाषनगर के राशनकार्ड पर मलिहाबाद में बंट रहा राशन

बरेली, जेएनएन। सुभाषनगर के पूरनलाल के राशनकार्ड पर मलिहाबाद में राशन वितरण किया जा रहा है। जनता दरबार में पहुंचे पूरनलाल ने डीएम के सामने राशन नहीं मिलने की समस्या रखी। फर्जी राशनकार्ड जारी होने की आशंका में डीएम नितीश कुमार ने जिला पूर्ति अधिकारी सीमा त्रिपाठी को पूरे मामले की जांच सौंपी है। सुभाषनगर की राजीव कॉलोनी में रहने वाले पूरनलाल के परिवार में उनकी पत्नी रामा कश्यप और चार बच्चे हैं। लॉकडाउन से पहले वह रेलवे स्टेशन पर वेंडर थे। ट्रेनें बंद हुई तो रोजगार के जरिए बदल गए।

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अब वह रिक्शा चलाकर परिवार के लिए आजीविका कमाते हैं। उनका आरोप है कि पांच साल पुराने राशनकार्ड पर जनवरी 2020 से पहले तक राशन मिलता रहा। अचानक जनवरी में कोटेदार ने उन्हें बताया कि राशनकार्ड निरस्त हो चुका है। इसलिए ऑनलाइन दोबारा आवेदन करना होगा। उन्होंने ऑनलाइन आवेदन करवाया, लेकिन स्वीकार नहीं हुआ। जिला पूर्ति कार्यालय संपर्क करने के बाद उन्हें बताया गया कि तुम्हारे आधारकार्ड से लिंक एक और राशनकार्ड मलिहाबाद में चल रहा है।

जिसपर जनवरी के बाद से ही राशन वितरण किया जा रहा है। अधिकारियों के कार्यालय में भटकने के बाद उनकी सुनवाई नहीं हुई। सरकारी सिस्टम से हारकर वह डीएम के जनता दरबार में पहुंचे हैं। हमारा तो मलिहाबाद में कोई रिश्तेदार भी नहीं पूरे मामले में पूरनलाल का कहना है कि मलिहाबाद में उनकी कोई रिश्तेदारी भी नहीं है। उन्हें नहीं पता कि उनके आधारकार्ड के नंबर पर दूसरा राशनकार्ड कैसे जारी हो गया। अब फर्जीवाड़ा में उन्हें राशन नहीं मिल पा रहा हैं।

इसलिए उन्हें परेशानी झेलनी पड़ रही है।सांसद, विधायक भी उठा चुके फर्जी राशनकार्ड का मुद्दा सदर तहसील में एसडीएम सदर ईशान प्रताप सिंह की छानबीन में करीब साढ़े बाइस हजार फर्जी राशनकार्ड सामने आए थे। इसमें साढ़े ग्यारह हजार को निरस्त भी कराया गया था। पिछले दिनों बैठकों में सांसद और विधायकों ने राशन वितरण प्रणाली को कठघरे में रखा। मुख्यमंत्री की समीक्षा में भी यह मुद्दा उठा था।

यह मामला अभी जानकारी में नहीं आया है। लेकिन फर्जी राशनकार्ड के मामले आ चुके हैं। उन्हें निरस्त भी करवाया गया है। पूरनलाल का प्ररकण सामने आने के बाद ही कुछ कहा जा सकता है। - सीमा त्रिपाठी, जिला पूर्ति अधिकारी बरेली


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