बरेली में कोविड अस्पताल कर रहे मौत में खेल, जांच में खुली हकीकत
कोरोना संक्रमितों के इलाज में कोविड अस्पताल लगातार लापरवाही बरत रहे हैँ। अब तक संक्रमितों की मौत और लग रहे इलाज में लापरवाही के आरोप इसकी गवाही दे रहे थे।
बरेली, अंकित गुप्ता। कोरोना संक्रमितों के इलाज में कोविड अस्पताल लगातार लापरवाही बरत रहे हैँ। अब तक संक्रमितों की मौत और लग रहे इलाज में लापरवाही के आरोप इसकी गवाही दे रहे थे। लेकिन अब इन आरोपों की जांच पूरी होते ही इसकी पुष्टि भी होने लगी है। सिविल लाइंस के युवक की मौत मामले में जांच पूरी हो गई। इसमें पाया गया कि अस्पताल प्रबंधन और स्टाफ द्वारा परिजनों से झूठ बोला गया था।
शहर के सिविल लाइंस निवासी अतुल शर्मा जो फाइनेंस कंपनी में एरिया मैनेजर के पद पर कार्यरत था। 26 जुलाई को वह पॉजिटिव आया और दो अगस्त को उसकी मौत हो गई। उसके भाई अमित शर्मा का आरोप था कि अस्पताल प्रबंधन भर्ती किए जाने के बाद से ही इलाज में लापरवाही बरत रहा था। यह जानने पर वह लोग युवक को दिल्ली के अस्पताल में ले जाना चाहते थे।
इसके चलते वह दो अगस्त की सुबह ही वेंटीलेटर एंबुलेंस लेकर अस्पताल पहुंच गए थे। लेकिन अस्पताल प्रबंधन हर बार हालत गंभीर बताकर उन्हें डरा देता। कहा जाता कि अगर वेंटीलेटर से हटाया तो हालत बिगड़ जाएगी। कई बार गुहार लगाने पर भी उनके मरीज को रेफर नहीं किया गया तो उन्होंने नोडल अधिकारी से संपर्क किया। इसके कुछ देर बाद ही स्वजनों को संक्रमित की मौत की जानकारी दे दी गई। इसकी शिकायत हुई और सीएमओ ने जांच वरिष्ठ एसीएमओ डा. आर एन गिरी को जांच सौंपी गई।
जांच में सामने आए तथ्य
वरिष्ठ एसीएमओ डा. आर एन गिरी ने इस मामले की जांच पूरी कर ली है। एसीएमओ डा. आर एन गिरी ने बताया कि जांच में यह स्पष्ट हुआ है कि कोविड अस्पताल की ओर से लापरवाही की गई। चिकित्सकीय सुविधा के साथ ही संक्रमित की मौत की जानकारी भी काफी देर बाद उनके स्वजनों को दी गई। संक्रमित के स्वजन वेंटीलेटर वैन लिए अस्पताल के बाहर खड़े थे, वह मरीज को रेफर कराना चाहते थे। जबकि उनके मरीज की मौत सुबह साढ़े सात बजे ही हो चुकी थी और इसकी जानकारी कई घंटे बाद उन्हें दी गई।
उन्होंने बताया कि जांच के दौरान सीसीटीवी फुटेज से काफी मदद मिली। बहेड़ी के मृतक मामले की जांच भी पूरी बहेड़ी क्षेत्र के गांव मल्लपुर निवासी सीताराम के पुत्र की मौत भी कोरोना संक्रमण की चपेट में आने के बाद हुई थी। वह भी उसी अस्पताल में भर्ती था, जहां सिविल लाइंस निवासी युवक था। सीताराम ने भी बेटे की मौत के बाद उसके साथ अस्पताल में अभद्रता और इलाज में लापरवाही का आरोप लगाया था। इसकी जांच पूरी हो गई। लेकिन महीने भर बाद शिकायत होने के चलते पुख्ता साक्ष्य नहीं मिल सके हैं।
कोविड अस्पताल की ओर से लापरवाही, गलत जानकारी आदि के बारे में बताया गया है। जांच रिपोर्ट आते ही इस मामले में संबंधित अस्पताल के खिालफ कार्रवाई के लिए संस्तुति की जाएगी। - डा. विनीत कुमार शुक्ला, सीएमओ