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बरेली में गंगाशील के एमडी डा. निशांत समेत छह के खिलाफ धोखाधड़ी का मुकदमा, जानिए वजह

गंगाशील अस्पताल के प्रबंध निदेशक समेत अस्पताल प्रबंधन के छह लोग धोखाधड़ी मामले में फंस गए हैं। प्रबंधन पर उपचार के नाम पर केंद्रीय योजना का झांसा देकर छह लाख रुपये हड़पने का आरोप है। अधिवक्ता ने अपर पुलिस महानिदेशक (एडीजी) से मामले की शिकायत की थी।

By Ravi MishraEdited By: Published: Sat, 13 Nov 2021 03:51 PM (IST)Updated: Sat, 13 Nov 2021 03:51 PM (IST)
बरेली में गंगाशील के एमडी डा. निशांत समेत छह के खिलाफ धोखाधड़ी का मुकदमा, जानिए वजह
बरेली में गंगाशील के एमडी डा. निशांत समेत छह के खिलाफ धोखाधड़ी का मुकदमा

बरेली, जेएनएन। FIR on Ganagasheel Hospital MD: गंगाशील अस्पताल के प्रबंध निदेशक समेत अस्पताल प्रबंधन के छह लोग धोखाधड़ी मामले में फंस गए हैं। प्रबंधन पर उपचार के नाम पर केंद्रीय योजना का झांसा देकर छह लाख रुपये हड़पने का आरोप है। अधिवक्ता ने अपर पुलिस महानिदेशक (एडीजी) से मामले की शिकायत की थी। एडीजी के आदेश के बाद प्रेमनगर पुलिस ने गंगाशील अस्पताल के एमडी डा.निशांत गुप्ता, वैभव गौतम, अभिषेक दीपक पाल, मनीष वैष्णव, संकेत वाली, गंगाशील इकाई शील नर्सिंग होम प्राइवेट के खिलाफ धोखाधड़ी का मुकदमा दर्ज किया है। वहीं आरोपित डाक्टर निशांत ने मामले की जानकारी से ही इन्कार कर दिया है।

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अधिवक्ता हरीश चंद्र सहगल प्रेमनगर के न्यू प्रभात नगर रामजानकी मंदिर के पास रहने वाले हैं। उनके मुताबिक, 12 जून की रात खाना खाकर वह बेटे नितेश के साथ घर के बाहर टहल रहे थे। इसी दौरान पीछे से आई एक कार ने दोनों को चपेट में ले लिया जिसमे उनकी दोनों पैरों की एड़ियों की हड्डियां टूट गईं। वहीं नितेश के एक पैर और एक हाथ की हड्डी टूट गई। सिर में भी गंभीर चोट आई थी। इलाज के लिए दोनों को स्वजन ने प्रेमनगर स्थित गंगाशील अस्पताल में भर्ती कराया। आरोप है कि अस्पताल में उनसे दवाइयों के नशे में कई कागजातों पर हस्ताक्षर व अंगूठे ले लिए गए।

इलाज के लिए शुरू में ही दो लाख रुपये जमा करा दिया गया। इसके बाद चार बार में चार लाख रुपये और जमा कराए गए। 16 जून को फिर से अस्पताल प्रबंधन ने और रुपयों की मांग की। असमर्थता जताने पर अस्पताल के प्रबंधक अभिषेक दीपक पाल ने निदेशक व प्रबंध समिति के साथ एक बैठक कराई। समिति ने एक स्कीम के बारे में जानकारी दी। कहा कि इस स्कीम के जरिये आगे का इलाज हो जाएगा। खर्चा काटकर जमा रकम में से डेढ़ लाख रुपये वापस भी किये जाएंगे।

दो बार चेक दिया, दोनों बार हुआ बाउंस 

प्रबंध समिति के वैभव गौतम ने डेढ़ लाख रुपये का चेक भी दे दिया। डिस्चार्ज होने के बाद 30 जुलाई को हरीश सहगल ने बैंक में चेक लगाया तो वह बाउंस हो गया। अस्पताल के प्रबंधक अभिषेक दीपक पाल ने 30 अगस्त को दोबारा चेक लगाने की बात कही, दोबारा भी चेक बाउंस हो गया। इसके बाद जब हरीश ने अस्पताल प्रबंधन से इलाज में आए खर्च के बिल मांगे तो इससे इन्कार कर दिया गया।

पर्चे पर लिखा था केंद्रीय सरकार स्वास्थ्य योजना 

अधिवक्ता हरीश के मुताबिक उन्होंने ओपीडी के पर्चे देखे। पर्चे पर केंद्रीय सरकार स्वास्थ्य योजना (सीजीएचएस) लिखा था। आरोप है कि इसी स्कीम के जरिए अस्पताल प्रबंधन ने रुपये ऐंठे। चेक भी वैभव गौतम ने अपने निजी खाते का दिलाया। उन्होंने केंद्रीय सरकार की स्वास्थ्य योजना के तहत रुपये ऐंठने की का अंदेशा जताया।

एडीजी के आदेश पर तहरीर के अनुसार गंगाशील अस्पताल के प्रबंध निदेशक समेत अस्पताल प्रबंधन के छह लोगों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज की गई है। जांच में जो भी तथ्य सामने आएंगे, उसके अनुसार कार्रवाई की जाएगी।- जसवीर सिंह, इंस्पेक्टर, प्रेमनगर


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