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Kasturba Vidyalaya Food Scam: पीलीभीत के पूर्व बीएसए ने कहा कि खाद्यान्न वापसी का नहीं दिया था कोई लिखित या मौखिक आदेश

कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालय में खाद्यान्न घोटाला की शिकायत सामने आने के बाद जिला समन्वयक (बालिका शिक्षा) मनीष श्रीवास्तव ने बताया था कि उन्होंने सभी वार्डन को पूर्व बीएसए देवेंद्र स्वरूप के मौखिक आदेश के आधार पर सामान वापस करने के निर्देश बा स्कूलों की वार्डन को दिए थे।

By Ravi MishraEdited By: Published: Sun, 08 Nov 2020 10:27 AM (IST)Updated: Sun, 08 Nov 2020 10:27 AM (IST)
Kasturba Vidyalaya Food Scam: पीलीभीत के पूर्व बीएसए ने कहा कि खाद्यान्न वापसी का नहीं दिया था कोई लिखित या मौखिक आदेश
कस्तूरबा विद्यालय खाद्यान्न घोटाला: पूर्व बीएसए ने कहा कि खाद्यान्न वापसी का नहीं दिया था कोई लिखित या मौखिक आदेश

पीलीभीत, जेएनएन। कस्तूरबा गांधी विद्यालय में सामने आए खाद्यान्न घोटाले को लेकर नया मोड़ सामने आया है। जिला समन्वयक (बालिका शिक्षा) मनीष श्रीवास्तव अभी तक खराब होने योग्य खाद्यान्न की वापसी के लिए पूर्व बीएसए देवेंद्र स्वरूप के आदेश का हवाला देते रहे, लेकिन पूर्व बीएसए देवेंद्र स्वरूप ने इस बात को सिरे से नकार दिया है। पूर्व बीएसए देवेंद्र स्वरूप ने यहां तक कह दिया कि ऐसा कोई मामला उनके संज्ञान में नहीं है। उन्होंने खाद्यान्न की वापसी को लेकर कोई लिखित या मौखिक आदेश नहीं दिया। जिलाधिकारी को प्रेषित शिकायत में जिस अवधि में सामान वापस करने का जिक्र किया गया है, उस समय देवेंद्र स्वरूप जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी के पद पर तैनात थे। बीते दिनों उनका स्थानांतरण वरिष्ठ प्रवक्ता, डायट मिर्जापुर के पद पर हो गया था।

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कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालय अमरिया में खाद्यान्न घोटाला की शिकायत सामने आने के बाद जिला समन्वयक (बालिका शिक्षा) मनीष श्रीवास्तव ने बताया था कि उन्होंने सभी वार्डन को पूर्व बीएसए देवेंद्र स्वरूप के मौखिक आदेश के आधार पर सामान वापस करने के निर्देश बा स्कूलों की वार्डन को दिए थे।

इधर, जांच के दौरान मामला तूल पकड़ने पर पूर्व बीएसए को जानकारी हुई। उन्होंने बताया कि अगर सामान वापस होता है तो इसके लिए समिति बनाई जाती है। उसकी लिखित सहमति के बाद ही सामान वापस कराया जाता है। किसी वार्डन द्वारा सामान वापस कराने का मामला मेरे संज्ञान में नहीं लाया गया। मेरे स्थानांतरण के बाद इस तरह के आरोप लगना निराधार हैं।

किसने क्या कहा

कस्तूरबा गांधी विद्यालयों में खाद्यान्न वापस कराने का मामला मेरे संज्ञान में नहीं है। खाद्यान्न की वापसी को लेकर मेरी ओर से कोई लिखित या मौखिक आदेश नहीं दिया गया था। खाद्यान्न के खराब होने की स्थिति में समिति बनाकर उस पर निर्णय होता है। किसी वार्डन की ओर से भी जिला समन्वयक के द्वारा खाद्यान्न की वापसी को लेकर दिए गए आदेश की जानकारी नहीं दी गई।- देवेंद्र स्वरूप, वरिष्ठ प्रवक्ता, डायट-मिर्जापुर एवं पूर्व बीएसए, पीलीभीत

खाद्यान्न की वापसी का मौखिक आदेश पूर्व बीएसए ने दिया था। उनके आदेश पर कुछ कस्तूरबा विद्यालयों में जाकर भौतिक निरीक्षण किया। राशन खराब पाया गया जिसकी फोटो मौजूद हैं। मेरी ओर से खाद्यान्न बेचा नहीं गया। खराब होने योग्य सामान वापस कराया गया। खराब हो चुके सामान का कोई मूल्य नहीं होता। पूर्व बीएसए मेरे अधिकारी हैं। जो भी कह रहे हैं, वह स्वीकार है। - मनीष श्रीवास्तव, जिला समन्वयक, बालिका शिक्षा


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