Foreign Studies : पढ़ने के लिए विदेश जा रहे बरेली के छात्र Bareilly News
बरेली के युवाओं के बीच फॉरेन स्टडी का क्रेज दिनों दिन बढ़ता ही जा रहा है। पिछले तीन साल में पांच हजार से अधिक छात्र-छात्रएं पढ़ाई करने के लिए विदेश जा चुके हैं।
हिमांशु मिश्र, बरेली : बरेली के युवाओं के बीच फॉरेन स्टडी का क्रेज दिनोंदिन बढ़ता ही जा रहा है। पिछले तीन साल में पांच हजार से अधिक छात्र-छात्रएं पढ़ाई करने के लिए विदेश जा चुके हैं। हर साल यह आंकड़ा तेजी से बढ़ रहा है। फॉरेन स्टडीज के लिए कंसल्टेंसी सर्विस देने वाली एजेंसियों के मुताबिक, इस साल मार्च से लेकर जुलाई के बीच करीब 80 से ज्यादा छात्रों ने विदेशी विश्वविद्यालयों के विभिन्न कोर्स में दाखिला लिया है। छात्रों को सबसे ज्यादा ऑस्ट्रेलिया, यूके, कनाडा, यूएस, जर्मनी और फ्रांस जैसे देश पसंद आ रहे हैं। हालांकि पिछले कुछ वर्षो में इन देशों की पढ़ाई करीब 40 प्रतिशत महंगी हुई है। इसके बावजूद छात्रों का क्रेज कम होने का नाम नहीं ले रहा है। 70 प्रतिशत छात्र 12वीं के बाद ही फॉरेन स्टडीज के लिए जा रहे हैं जबकि 30 प्रतिशत ऐसे हैं जो मास्टर्स के लिए गए हैं।
बिजनेस पसंद था, इसलिए विदेश गए जगराज
पीलीभीत बाईपास विष्णुधाम निवासी जगराज सिंह इसी साल ऑस्ट्रेलिया के ग्रिफिथ यूनिवर्सिटी पढ़ने गए हैं। उन्होंने ग्रिफिथ में बैचलर ऑफ बिजनेस में दाखिला लिया है। पिता अमरीक सिंह प्राथमिक विद्यालय में शिक्षक और मां नरेंद्र कौर गृहिणी हैं। जगराज बताते हैं,ईश्वर एकेडमी से पिछले साल 80 प्रतिशत अंकों के साथ 12वीं पास की। एक साल से फॉरेन यूनिवर्सिटी में दाखिले की तैयारी कर रहे थे। बताया, विदेश से पढ़ने के बाद नौकरी के मौके तो बढ़ जाते हैं। एक अच्छा अनुभव भी मिलता है जिसे अपने देश में वापस आकर लागू कर सकते हैं। पढ़ाई और वहां रहने पर हर साल करीब 15 लाख रुपये खर्च होंगे। इसमें बीस प्रतिशत स्कॉलरशिप मिली हुई है।
पिछले तीन साल में पांच हजार से अधिक युवाओं ने फॉरेन यूनिवर्सिटी में कराया दाखिला
रितिका सरन, मलकीत सिंह, जगराज सिंह व मन्नु गंगवार ’
इन विश्वविद्यालयों में ज्यादा पढ़ने जा रहे बरेलवी छात्र
फेडरेशन यूनिवर्सिटी, ऑस्ट्रेलिया
लंदन साउथ बैंक यूनिवर्सिटी, लंदन
यूनिवर्सिटी ऑफ साउथ वेल्स, लंदन
ग्रिफिथ यूनिवर्सिटी, ऑस्ट्रेलिया
यूनिवर्सिटी ऑफ सनशाइन, मेलबर्न ऑस्ट्रेलिया
कैंटैनियल कॉलेज, टोरंटो
पापा का नाम रोशन करेंगी रितिका सरन
राजेंद्र नगर की रहने वाली रितिका सरन भी ऑस्ट्रेलिया पढ़ने गईं हैं। रितिका ने सेंट फ्रांसिस से पिछले साल 12वीं कॉमर्स की पढ़ाई 75 प्रतिशत अंकों के साथ उत्तीर्ण की है। पिता अनिल सरन व्यापारी और मां ¨पकी सरन गृहिणी हैं। रितिका कहती हैं कि वह बैचलर ऑफ बिजनेस की अच्छे से पढ़ाई करके माता-पिता का नाम रोशन करना चाहती हैं।
इन परीक्षाओं को पास कर जा सकते हैं विदेश
विदेशी विश्वविद्यालयों में पढ़ने के लिए छात्र को इंग्लिश की परीक्षाएं पास करना जरूरी होता है। इसमें पीयरसन टेस्ट ऑफ इंग्लिश (पीटीई), इंटरनेशनल इंग्लिश लैंग्वेज टेस्टिंग सिस्टम (आइईएलटीएस) और टेस्ट ऑफ इंग्लिश एस अ फॉरेन लैंग्वेज (टॉफेल) जैसे टेस्ट शामिल हैं। सभी टेस्ट हर माह कई बार आयोजित होते हैं। जब भी छात्र को लगे कि वह इसकी परीक्षा देने के लिए तैयार है तो वह ऑनलाइन आवेदन कर सकता है।
टॉप कोर्स जिनके लिए सबसे ज्यादा विदेश गए छात्र
बैचलर ऑफ बिजनेस
बैचलर ऑफ कॉमर्स
बैचलर ऑफ एकाउंटिंग
बैचलर ऑफ टेक्नोलॉजी
बैचलर ऑफ हेल्थ साइंसेज
बैचलर ऑफ बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन
मार्केटिंग पढ़ने ऑस्ट्रेलिया गईं मन्नु
पवन विहार की मन्नु गंगवार मार्केटिंग की पढ़ाई करने फेडरेशन यूनिवर्सिटी, ऑस्ट्रेलिया गई हैं। पिता रामाश्री गंगवार बैंक में जॉब करते हैं जबकि मां निशा गृहिणी हैं। मन्नु बताती हैं कि उन्होंने राधा माधव पब्लिक स्कूल से 2016 में 65 प्रतिशत अंकों के साथ 12वीं की परीक्षा पास की थी। इसके बाद से वह विदेश में पढ़ने के लिए तैयारी करने लगी थीं। इस बीच उन्होंने टैली प्रोग्रामिंग भी सीख लिया। पिछले साल वह बैचलर ऑफ मार्केटिंग करने के लिए ऑस्ट्रेलिया गईं। कहती हैं कि फिलहाल तो वह पढ़ाई कर रहीं हैं लेकिन आगे वह खुद का स्टार्टअप शुरू करेंगी या फिर इंटरनेशनल बैंक में जॉब करेंगी।
विदेश जाकर पढ़ाई करने का बढ़ रहा क्रेज
पिछले तीन सालों में शहर के युवाओं के बीच विदेश जाकर पढ़ाई करने का क्रेज काफी तेजी से बढ़ा है। ऑस्ट्रेलिया, कनाडा, यूके जैसे देश छात्रों को काफी पसंद आ रहे हैं। करीब 50 प्रतिशत ऐसे छात्र हैं जो बिजनेस की पढ़ाई करने जा रहे हैं जबकि शेष 50 प्रतिशत में अन्य सभी छात्र शामिल हैं। एक छात्र पर एक वर्ष में करीब 15 लाख रुपये तक का खर्च आता है। हालांकि इसमें 20 से 50 प्रतिशत या फिर कुछ यूनिवर्सिटी इससे भी अधिक स्कॉलरशिप ऑफर कर रहीं हैं। मलकीत सिंह सलाहकार, फॉरेन स्टडीज कंसल्टेंसी