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इतिहास में पहली बार तराई के जिले पीलीभीत में समाजवादी पार्टी ने नहीं उतारा एक भी मुस्लिम उम्‍मीदवार

तराई के जिले पीलीभीत के राजनीतिक इतिहास में यह पहला मौका है कि जब विधानसभा चुनाव में समाजवादी पार्टी ने किसी मुस्लिम चेहरे को उम्मीदवार नहीं बनाया है। जिससे मुस्लिम दावेदारों में काफी मायूसी देखी जा रही है।

By Ravi MishraEdited By: Published: Tue, 25 Jan 2022 04:47 PM (IST)Updated: Tue, 25 Jan 2022 04:47 PM (IST)
इतिहास में पहली बार तराई के जिले पीलीभीत में समाजवादी पार्टी ने नहीं उतारा एक भी मुस्लिम उम्‍मीदवार
किसी मुस्लिम चेहरे को उम्मीदवार नहीं बनाया है।

बरेली, जेएनएन। तराई के जिले पीलीभीत के राजनीतिक इतिहास में यह पहला मौका है कि जब विधानसभा चुनाव में समाजवादी पार्टी ने किसी मुस्लिम चेहरे को उम्मीदवार नहीं बनाया है। जिससे मुस्लिम दावेदारों में मायूसी देखी जा रही है। दूसरी राजनीतिक पार्टियों को छोड़कर सपा टिकट पाने की चाहत मेें शामिल होने वाले कई मुस्लिम दावेदारों के बगावती तेवर अपनाने के आसार दिखाई देने लगे हैं। वहीं इस मामले को लेकर राजनीतिक जानकारों का मत है कि समाजवादी पार्टी हाईकमान ने टिकट बांटने में जोखिमभरा निर्णय लिया है।

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जनपद में पीलीभीत सदर विधानसभा सीट पर पांच बार विधायक चुने गए पूर्व कैबिनेट मंत्री हाजी रियाज अहमद समाजवादी पार्टी में एक मजबूत मुस्लिम चेहरा रहे थे। यही वजह थी कि सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने हाजी रियाज अहमद को सपा अल्पसंख्यक सभा के प्रदेशाध्यक्ष पद नवाजा था। हाजी रियाज अहमद के निधन के बाद समाजवादी पार्टी का टिकट पाने के लिए मुस्लिम दावेदारों की लंबी फेहरिस्त हो गई थी। जिनमें कई मुस्लिम नेता तो दूसरे दलों को छोड़कर समाजवादी पार्टी में शामिल हो गए थे। लेकिन सोमवार की शाम उम्मीदवारों की घोषणा से इन दावेदारों को तगड़ा झटका लगा है।

सपा का सच्‍चा सिपाही: सपा नेता डा आजम मीर खां ने कहा कि समाजवादी पार्टी का सिपाही हूं इसलिए पीलीभीत विधानसभा से टिकट मांगा था। मजबूत दावेदार था इस विधानसभा में बहुत समय से चुनाव की तैयारी कर रहा था। 2012 में पीस पार्टी से चुनाव लड़ा था, जिसमें 30 हजार के करीब वोट मिले थे। सदर विधानसभा में एक लाख 45 हजार, बीसलपुर 80 हजार, बरेखेड़ा में 65 हजार और पूरनपुर में एक लाख 15 हजार मुस्लिम मतदाता हैं। सवाल मेरा सिर्फ इतना है संजय गंगवार मौजूदा विधायक है। शैलेंद्र गंगवार 2017 में बरखेड़ा में बीएसपी से चुनाव लड़े थे इनकों 28 हजार वोट मिला था। अब वह पीलीभीत से चुनाव लड़ना चाहते हैं। सपा ने गंगवार को टिकट दिया है। इससे पार्टी क्या संदेश देना चाह रही है? जनपद में एक भी विधानसभा में मुस्लिम को सपा ने टिकट नहीं दिया है, अब मुस्लिम मतदाताओं को सोचना पड़ेगा कि वह किस को वोट दें।

जिलाध्‍यक्ष बोले पार्टी का आदेश सर्वोपरि: सपा जिलाध्‍यक्ष जगदेव सिंह जग्‍गा ने कहा कि पार्टी हाईकमान के निर्णय का स्वागत है। जनपद की चारों विधानसभा सीटों पर समाजवादी पार्टी के उम्मीदवारों की भारी मतों से जीत होना तय है। भाजपा सरकार की गलत नीतियों से जनता ऊब चुकी है। जनता ने सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव को मुख्यमंत्री बनाने का मन बना लिया है। टिकट को लेकर पार्टी में किसी तरह का कोई मतभेद नहीं है।


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