रुहेलखंड विश्वविद्यालय कैंपस की झाड़ियों में लगी आग, कर्मचारियों और अधिकारियोंं की अटकी सांसे
मार्च में ही जून की तरह हुआ मौसम अपना असर भी दिखाने लगा है। होली के बाद से हर दिन टेंप्रेचर के साथ ही हवा की स्पीड भी बढ़ रही है। बुधवार को मौसम के ऐसे ही मिजाज से रुहेलखंड विश्वविद्यालय (रुविवि) कैंपस में कहर बरपा दिया।
बरेली, जेएनएन। Rohilkhand University News : मार्च में ही जून की तरह हुआ मौसम अपना असर भी दिखाने लगा है। होली के बाद से हर दिन टेंप्रेचर के साथ ही हवा की स्पीड भी बढ़ रही है। बुधवार को मौसम के ऐसे ही मिजाज से रुहेलखंड विश्वविद्यालय (रुविवि) कैंपस में कहर बरपा दिया। यहां कई हेक्टेअर बंजर जमीन में सूखी घास में आग लग गई। आग की लपटों और धुएं के गुबार से कैंपस में खलबली मच गई। कैंपस से जब इसकी सूचना अग्निशमन विभाग को दी गई। मौके पर एक के बाद एक दमकल गाडिय़ां पहुंच गई। इनकी मदद से सबसे पहले आवासीय परिसर के पास पहुंची आग पर काबू पाया गया। इससे यहां रह रहे लोगों ने राहत की सांस ली।
हाईटेंशन लाइन की चिंगारी से लगी आग
कैंपस के जंगल में भड़की आग की वजह हाई टेंशन लाइन की चिंगारी को बताया गया। मौके पर मौजूद कैंपस के स्टाफ ने ही बताया कि आग की शुरुआत सबसे पहले एडमिनिस्ट्रेशन बिल्डिंग के पीछे से हुई और कुछ देर बाद वीसी आवास के पीछे भी आग धधकने लगी। यह आग यहां से गुजर रही हाईटेंशन लाइन से उठी चिंगारी से ही लगी।
पांच घंटे बाद बुझ सकी आग
रुहेलखंड विश्वविद्यालय में भड़की आग पर घंटों की मशक्कत के बाद भी काबू नहीं पाया गया। यह दोपहर तीन बजे से भड़की और देर शाम आठ बजे तब बुझी जब पूरा जंगल इसी चपेट में आ गया। इस आग से कई हेक्टेअर का प्लांटेशन जलकर खाक हो गया।