बरेली में बुआई के लिए पर्याप्त गेहूं बीज के साथ उर्वरक उपलब्ध
बरेली जनपद में इस बार गेहूं बुआई का लक्ष्य दो लाख हेक्टेयर है। अधिकांश किसान गेहूं की बुआई करने के लिए खेत को तैयार कर चुके हैं। जनपद में शासनस्तर से गेहूं का बीज आ चुका है। यह बीज सभी ब्लाक स्तरीय गोदामों पर भेजा जा चुका है।
बरेली, जेएनएन। गेहूं की बुआई की तैयारी में लगे किसानों के लिए राहत भरी खबर है। उन्नतशील प्रजातियों का गेहूं बीज शासन स्तर से जनपद को उपलब्ध करा दिया गया है। खास बात यह है कि इस बीज पर किसानों को 50 फीसद का अनुदान भी दिया जाएगा। बीज की उपलब्धता ब्लाक स्तर पर बने राजकीय कृषि बीज भंडारों (बीज गोदाम) पर सुनिश्चित कराने केे लिए जिला कृषि अधिकारी ने बीज गोदामों का निरीक्षण भी किया।
बरेली जनपद में इस बार गेहूं बुआई का लक्ष्य दो लाख हेक्टेयर है। अधिकांश किसान गेहूं की बुआई करने के लिए खेत को तैयार कर चुके हैं। जनपद में शासनस्तर से गेहूं का बीज आ चुका है। यह बीज सभी ब्लाक स्तरीय गोदामों पर भेजा जा चुका है। अब किसान इन गोदामों से बीज खरीद सकते हैं। जिला कृषि अधिकारी धीरेंद्र सिंह चौधरी ने बताया कि किसानों को बीज भंडार पर बीज खरीदते समय पूरा भुगतान करना होगा। बाद में विभाग की ओर से कुल खरीदे गए बीज के सापेक्ष 50 फीसद का भुगतान किसान के बैंक खाते में भेज दिया जाएगा। जनपद में कुल 4300 मीट्रिक टन बीज उपलब्ध है।
यह अभिलेख लेकर जाना जरूरी
किसानों को गेहूं बीज में अनुदान लेने के लिए राजकीय कृषि बीज भंडार पर बीज खरीदते समय खसरा, खतौनी की छायाप्रति, बैंक पासबुक की छायाप्रति के साथ आधार की छायाप्रति देनी होगी। जिससे उनके खाते में भुगतान किया जा सके।
जनपद में यह बीज हैं उपलब्ध
एचडी- 2967
एचडी - 3086
पीबीडब्ल्यू - 550
उन्नति - 343
नहीं होगी यूरिया व डीएपी की कमी
जनपद में इस बार यूरिया और डीएपी की कमी किसी भी हाल में नहीं होगी। इसके लिए अधिकारियों ने अभी से निगरानी भी शुरू कर दी है। कृषि विभाग के मुताबिक लक्ष्य से कई गुना अधिक डीएपी व यूरिया की उपलब्धता है। इसके अलावा ऑनलाइन खरीद की मॉनिटरिंग के साथ ही स्टॉक चेकिंग भी की जा रही है। जिला कृषि अधिकारी धीरेंद्र सिंह चौधरी ने बताया कि सभी राजकीय बीज भंडार में गेहूं का बीज पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध है। इसके साथ ही डीएपी व यूरिया की उपलब्धता भरपूर है। लगातार बिक्री पर नजर रखी जा रही है। किसी भी चीज की खरीद पर किसान बिल लेना न भूले।