फर्जी डिग्रियों से लाखों छात्र का भविष्य अधर में, एसटीएफ ने युवकों से की पूछताछ
प्रमाणपत्र फर्जीवाड़े मामले में शनिवार को हिमाचल प्रदेश एसटीएफ की टीम बरेली पहुंची। यहां पहुंची टीम ने बिथरी चैनपुर में दो और कैंट थाने में तीन लोगों से घंटों पूछताछ की।मामला फर्जी डिग्री से जुड़ा हुआ है। मामला फर्जी डिग्रियों से जुड़ा हुआ है।
बरेली, जेएनएन। प्रमाणपत्र फर्जीवाड़े मामले में शनिवार को हिमाचल प्रदेश एसटीएफ की टीम बरेली पहुंची। यहां पहुंची टीम ने बिथरी चैनपुर में दो और कैंट थाने में तीन लोगों से घंटों पूछताछ की।मामला फर्जी डिग्री से जुड़ा हुआ है। एसटीएफ ने पूरी कार्रवाई गुप्त रखी थी।
जानकारी के मुताबिक, कैंट के ठिरिया में रोहेला कॉलेज है।इसकी संबद्धता हिमाचल प्रदेश के एक निजी विश्वविद्यालय मानव भारती यूनिवर्सिटी से है। वर्ष 2018 में हिमाचल प्रदेश की एक युवती की सरकारी नौकरी के लिए जब संस्थान से किए गए टेक्निकल कोर्स के प्रपत्रों की जांच की गई तो उसके प्रमाणपत्र फर्जी पाए गए थे। धीरे-धीरे जब लोगों को जानकारी हुई तो प्रमाणपत्रों का वेरिफिकेशन शुरू हुआ। कैंट का रोहेला कॉलेज भी इसी संस्थान से संबद्ध है। संबद्धता होने के चलते पॉलीटेक्निक डिप्लोमा इन सिविल इंजीनियरिंग करने वाले कैंट के तीन व बिथरी चैनपुर के दो युवकों की भी डिग्रियां मानव भारती यूनिवर्सिटी से ही मिली थी। लिहाजा, सभी ने मामले की शिकायत एचआरडी मिनिस्टी से की और अपनी डिग्रियां भेजीं। जांच में डिग्रियां फर्जी पाई गई। एचआरडी से मामले की सूचना हिमाचल प्रदेश एसटीएफ को दी गई। उसी के तहत हिमाचल प्रदेश की एसटीएफ यूनिट बरेली पहुंची।
टीम सबसे पहले बिथरी चैनपुर और फिर कैंट पहुंची। पूरी कार्रवाई गुप्त रखी गई। युवकों ने सिविल इंजीनियिरंग का काेर्स करीब आठ साल पहले किया है।पूछताछ के बाद टीम ने युवकों को छोड़ दिया।एसटीएफ द्वारा युवकों को लाए जाने की सूचना पर थाने पर युवकों के स्वजन भी पहुंच गए। जिन्हें एसटीएफ टीम ने पूछताछ के लिए लाने की बात कही। पूछताछ के बाद छोड़ने पर ही स्वजन वापस गए। टीम ने युवकों से पूछताछ को लेकर गुरुवार को ही बरेली पुलिस से संपर्क किया था। उसी तय कार्यक्रम के तहत ही शनिवार को टीम बरेली पहुंची थी।
यूनिवर्सिटी पर ईडी का पहले ही कस चुका है शिकंजा
मानव भारती यूनिवर्सिटी पर लाखाें फर्जी डिग्रियां जारी करने का आरोप है। मामले में विश्वविद्यालय के खिलाफ प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने दो माह पूर्व ही शिकंजा कस दिया था। हिमाचल प्रदेश की एसआइटी भी मामले की जांच में जुटी हुई है। यूनिवर्सिटी हिमाचल प्रदेश के साेलन में स्थित है। फर्जी डिग्रियों से लाखों युवाओं को भविष्य खतरे में है।