किसान अब लगा पाएंगे खाद्य प्रसंस्करण की यूनिट, सरकार देगी इस योजना के तहत 10 लाख की सब्सिडी
इस योजना के अंतर्गत असंगठित क्षेत्र के इकाईयों को एकत्र कर उन्हें आर्थिक और विपणन की दृष्टि से मजबूत किया जाएगा। मंगलवार को सौफुटा रोड स्थित उद्यान विभाग के कार्यालय में इसको लेकर एक बैठक आयोजित की गई।
बरेली, जेएनएन। आत्मनिर्भर भारत अभियान के अंतर्गत खाद्य प्रसंस्करण सूक्ष्म इकाइयों को बढ़ावा देने के लिए भारत सरकार द्वारा प्रधानमंत्री सूक्ष्म खाद्य उद्योग उन्नयन योजना का आरंभ किया गया है। इस योजना के अंतर्गत असंगठित क्षेत्र के इकाईयों को एकत्र कर उन्हें आर्थिक और विपणन की दृष्टि से मजबूत किया जाएगा। मंगलवार को सौफुटा रोड स्थित उद्यान विभाग के कार्यालय में इसको लेकर एक बैठक आयोजित की गई। बैठक में कृषि, उद्यान के साथ जिले के कई प्रगतिशील किसान व एफपीओ प्रतिनिधि मौजूद रहे।
जिला उद्यान अधिकारी पुनीत पाठक ने बताया कि खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्र के अंतर्गत इस योजना में वह इकाई शामिल की जाएंगी। जिनका कोई लाइसेंस न बना हो। अधिकतम दस लोग काम करते हैं और किसी बैंक से लोन या एफएसएसएआइ से प्रमाणित न हो। इन सभी पात्रता वाली छोटी इकाइयों को ही सरकार ने इस योजना में शामिल करने का निर्णय लिया है। योजना के अंतर्गत कैपिटल सब्सिडी पूरी लागत की 35 प्रतिशत या अधिकतम दस लाख रुपये होगी।
बंद हुई यूनिटों को किया जा सकता है पुनर्जीवित
जिला उद्यान अधिकारी पुनीत पाठक ने बताया कि असंगठित सेक्टर की इकाइयों के लिए यह योजना है। इसके तहत संचालित अथवा एक-दो साल पहले बंद हुई यूनिटों को पुनर्जीवित किया जा सकता है। लाभार्थी को कुल लागत का 35 फीसद लगाकर अधिकतम दस लाख की सब्सिडी मिल सकेगी।
दुग्ध उत्पाद को किया गया चयनित
एक जिला एक उत्पाद के अंतर्गत जिले को खाद्य सामग्री में दुग्ध उत्पाद के लिए चयनित किया गया है। जिसकी यूनिट लगाने पर मार्केटिग, पैकेजिग, फाइनेंशियल मदद, ब्रांडिग की मदद इस योजना के अंतर्गत किसानों को मिलेगी।
क्या कहना है अधिकारियों को
पीएम खाद्य प्रसंस्करण उन्नयन योजना के अंतर्गत असंगठित सेक्टर की इकाइयों को इस योजना का लाभ दिलाया जाएगा। साथ ही किसान दूध कारोबार से जुड़ी यूनिट लगा सकेंगे। योजना के अंतर्गत ऋण पर 35 प्रतिशत की छूट दी जाएगी।
पुनीत पाठक, जिला उद्यान अधिकारी