पासपोर्ट के दस्तावेजों से भी उड़ा नासिर का नाम
जागरण संवाददाता, बरेली : सऊदी अरब के जद्दा में करीब दो माह से रखे भारतीय नागरिक मुहम्मद नासिर
जागरण संवाददाता, बरेली : सऊदी अरब के जद्दा में करीब दो माह से रखे भारतीय नागरिक मुहम्मद नासिर के शव को लावारिस की तरह ही सुपुर्द-ए-खाक नसीब होगा। परिवार की तलाश के लिए पासपोर्ट के विवरण की पड़ताल ही एकमात्र जरिया था, लेकिन दस्तावेजों में 35 साल पहले बने उसके पासपोर्ट का रिकॉर्ड अब अस्तित्व में नहीं है। बरेली क्षेत्रीय पासपोर्ट कार्यालय ने शुक्रवार को अपनी जांच पूरी की। पासपोर्ट विवरण में केवल जनपद अलीगढ़ ही दर्ज है। उसका या परिवार के मूल पते वाले कागजात भी 1983 के अन्य कागजातों के साथ नष्ट किए जा चुके हैं।
रिकॉर्ड में नाम, वतन और शहर ही मिला
सऊदी अरब की सरकार ने वहां स्थित भारतीय वाणिज्य दूतावास (कांउसलेट) के माध्यम से मुहम्मद नासिर के पासपोर्ट का विवरण विदेश मंत्रालय भेजा था। नासिर की वहां पर 19 नवंबर, 2017 को मौत हो गई थी। विदेश मंत्रालय से निर्देश के बाद जिला प्रशासन ने बरेली पासपोर्ट कार्यालय से पासपोर्ट में दर्ज पता व परिजन आदि के बारे में छानबीन कराई।
1993 के रिकॉर्ड में भी नहीं
पासपोर्ट अधिकारी एनसी बिष्ट के मुताबिक 2005 से पहले तक विदेश मंत्रालय के निर्देश पर केवल 10 से 12 वर्षो तक का ही आवेदन और जारी हुए पासपोर्ट का रिकॉर्ड रखा जाता था। 1983 के दस्तावेज करीब दो दशक पहले ही नष्ट किए जा चुके थे, तब अलीगढ़ और आगरा मंडल के पासपोर्ट भी बरेली क्षेत्रीय कार्यालय से जारी होते थे। 1983 के रजिस्टर की सीरीज में नासिर के पासपोर्ट यू-828040 का नंबर है, उसका नाम और जनपद अलीगढ़ दर्ज है। अन्य विवरण पासपोर्ट आवेदन फार्म में रखे जाते थे, जो नष्ट कराए जा चुके हैं। तब 10 वर्ष तक वैधता थी। 1993 में हुए आवेदन का भी ब्योरा अब नहीं है। अन्य विवरण 2001 में गाजियाबाद में नए खुले क्षेत्रीय पासपोर्ट कार्यालय में हो सकता है।