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Environment Protection News : लालफाटक पुल के पेड़ बचाने में जुटा प्रशासन, रेलवे ने ट्रैक पर कटवा दिए दो पेड़

Environment Protection News लालफाटक पुल बनाने के लिए वर्षों पुराने 44 पेड़ों की जिंदगी पर बन आई। पेड़ों की रक्षा के लिए सामाजिक संगठन सक्रिय हुए। पिलर और एप्रोच रोड बनाने से पहले पेड़ों को सुरक्षित करने के लिए प्रशासन ट्रांसलोकेट करने पर विचार करने लगा।

By Ravi MishraEdited By: Published: Thu, 28 Jan 2021 10:22 AM (IST)Updated: Thu, 28 Jan 2021 10:22 AM (IST)
Environment Protection News : लालफाटक पुल के पेड़ बचाने में जुटा प्रशासन, रेलवे ने ट्रैक पर कटवा दिए दो पेड़
Environment Protection News : लालफाटक पुल के पेड़ बचाने में जुटा प्रशासन, रेलवे ने ट्रैक पर कटवा दिए दो पेड़

बरेली, जेएनएन। Environment Protection News : लालफाटक पुल बनाने के लिए वर्षों पुराने 44 पेड़ों की जिंदगी पर बन आई। पेड़ों की रक्षा के लिए सामाजिक संगठन सक्रिय हुए। पिलर और एप्रोच रोड बनाने से पहले पेड़ों को सुरक्षित करने के लिए प्रशासन ट्रांसलोकेट करने पर विचार करने लगा। इसी दौरान कैंट में रेलवे ट्रैक के पास दो पेड़ों पर आरी चल गई। पेड़ों को कटा देखकर सामाजिक संगठन आक्रोषित हुए।

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वन विभाग से संपर्क किए जाने पर उजागर हुआ कि फरीदपुर से मीरगंज के बीच रेलवे ने ट्रैक चौड़ीकरण के लिए कुछ पेड़ों को काटने की अनुमति मांगी थी। विभागीय अनुमति मिलने के बाद पेड़ काटे गए। अब सामाजिक संगठन आवाज उठा रहे हैं कि अगर पुल बनाने के लिए पेड़ों को ट्रांसलोकेट करने की पैरवी हो सकती है तो सरकार के सभी प्रोजेक्ट की राह में आने वाले पेड़ों को बचाने की कोशिश होनी चाहिए।

दैनिक जागरण ने लाल फाटक पुल बनाने के लिए सैन्य भूमि पर आने वाले 44 पेड़ों को कटने से बचाने के लिए अभियान की शुरुआत की। एक-एक करके लोग जुड़ते गए। अब यह मुहीम बन चुकी है। पर्यावरण संरक्षण को अपनी प्राथमिकता पर रखने वाले डीएम नितीश कुमार ने भी लोक निर्माण विभाग, वन विभाग, एनएचएआइ और सेतु निगम के अधिकारियों के साथ बैठकर उन्हें अधिकांश पेड़ों को बचाने के लिए कहा।

इसके लिए ट्रांसलोकेट पद्धति पर विचार किया जा रहा है। इसी बीच बुधवार को हल्ला मच गया। क्योंकि पुल से पहले रेलवे ट्रैक के पास दो पेड़ों को रात में ही काट दिया गया था। रक्षा संपदा विभाग ने हाथ खड़े कर दिए कि उन्हें नहीं पता ये पेड़ कैसे कट गए। बाद में वन विभाग ने स्पष्ट किया कि ये पेड़ पुल प्रोजेक्ट के नहीं, बल्कि रेलवे के लाइन चौड़ीकरण प्रोजेक्ट के तहत कटे हैं।

पेड़ कटने की जगह ट्रांसलोकेट करने के बाबत जो पत्र वन विभाग को भेजा था। उसका जवाब अभी तक नहीं दिया गया है। बिना हमारी अनुमति की सैन्य भूमि के पेड़ काटे नहीं जा सकते है।- अमित श्रीवास्तव, वैयक्तिक सहायक, रक्षा संपदा अधिकारी

पुल के लिए चिह्नित पेड़ों को नहीं काटा गया है। रेलवे ने फरीदपुर-मीरगंज रेलवे ट्रैक पर काम कराने के लिए पेड़ों की कटाई की अनुमति मांगी थी। उन्हें अनुमति दी भी गई है। - भारत सिंह, जिला वन अधिकारी


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