आठ साल पहले बरेली में सरोज खान ने बांटे थे सौ-सौ रुपये के नोट
मशहूर कोरियाग्राफर सरोज खान 29 जून 2012 को बरेली आइडियल टैलेंट हंट वर्कशॉप में आईं थीं। उन्होंने बच्चों को डांस की बारीकियां सिखाईं।
बरेली, जेएनएन। मशहूर कोरियाग्राफर सरोज खान 29 जून 2012 को बरेली आइडियल टैलेंट हंट वर्कशॉप में आईं थीं। उन्होंने बच्चों को डांस की बारीकियां सिखाईं। बेस्ट परफार्म करने वाले बच्चों को पुरस्कार के तौर पर सौ-सौ रुपये देकर गईं थीं। शुक्रवार को उनके निधन की खबर सुनकर यहां रहने वाले उनके प्रशंसक गमगीन हो गए।
संजयनगर स्थित कमांडो स्कूल ऑफ डांस के कोरियाग्राफर विजय कमांडो बताते हैं कि अक्सर मुंबई जाना होता था। वहां के कुछ साथी कोरियाग्राफर्स ने मुझे सरोज खान से मिलवाया था। पहली बार वर्ष 2008 में मिला, तब बरेली आना का अनुरोध किया तो उन्होंने हवाई सेवा न होने की बात कहकर मना कर दिया था। वर्ष 2010 में दोबारा आग्रह किया तो उन्होंने सहज स्वीकार लिया। कहा कि जब बुलाओगे, आऊंगी। इसके दो साल बाद उनके आने का मौका लगा। सात दिन तक यहां रहीं थीं।
दरगाह पर चढ़ाई थी चादर
सुरेशशर्मा नगर के रहने वाले साकेत सुधांशु शर्मा बताते हैं कि जून 2012 में ही बरेली आने से पहले ही मुंबई में उन्हें यहां की प्रसिद्ध खानकाह नियाजिया के बारे में बताया गया था। यहां आईं तो खानकाह गईं। पति की तबीयत ठीक होने की दुआ की थी। वह दरगाह आला हजरत पर भी हाजिरी देेने गईं थीं।
माधुरी दीक्षित को डांस के स्टेप सिखाने में आनंद
आठ साल पहले जब वह यहां आईं थीं तब दैनिक जागरण से उनकी बात हुई थी। वह बोलीं थीं, माधुरी दीक्षित को डांस स्टेप सिखाने का अनुभव सबसे अच्छा रहा। जब कभी माधुरी को कोई स्टेप बताती तो वह शानदार परफार्म करतीं। उन्होंने कहा था कि सबसे ज्यादा लगाव उन्हें अपनी नवासी से है, जो बचपन से उन्हीं के साथ रहती है।
सेलीब्रिटी बोले : हमेशा याद आएंगी सरोज मैम
सरोज खान के निधन पर शहर की बॉलीवुड सेलीब्रिटी ने भी शोक जताया है। धारावाहिक तेनाली रामा की कलाकार नेहा चौहान का कहना है कि कभी सरोज मैम से मिलने का मौका नहीं मिला। बचपन से उनके बारे में सुनते और उन्हें टीवी पर देखते आ रहे हैं। उनके डांस के स्टेप बहुत अच्छे होते हैं। अचानक उनके निधन से बॉॅलीवुड का बड़ी क्षति हुई है।
बच्चों की खराब प्रस्तुति पर हो गईं थीं नाराज
विजय कमांडो बताते हैं कि बरेली आने पर सरोज जी ने वर्कशॉप में बच्चों को कोरियोग्राफी के हुनर सिखाए। ट्रेङ्क्षनग के दौरान बच्चों के ठीक रिस्पांस ना देने की वजह से वो नाराज हो गई थीं। बच्चों को भी मना कर दिया था। बाद में काफी मनाने के बाद उन्होंने बच्चों को फिर से डांस करने के तरीके सिखाए। 29 जून 2012 को कमांडो स्कूल की तरफ से इनवर्टिस कॉलेज के ऑडिटोरियम में एक प्रतियोगिता आयोजित की गई थी
जिसमें 100 प्रतिभागी शामिल हुए थे। जहां सरोज खान ने बेस्ट परफॉर्मेंस वाले स्टूडेंट्सस को 100-100 के नोट पर अपने साइन करके दिए थे। विजय बताते हैं कि आज सुबह जैसे ही उनके निधन की खबर मिली यकीन नहीं हुआ। सरोज जी के कोरियोग्राफर कयूम खान से बात हुई तो उन्होंने बताया कि शुक्रवार को सुबह 2:15 के 2:30 के बीच सरोज खान का निधन हो गया। इससे बॉलीवुड को बहुत क्षति हुई।