Rohilkhand University : इंजीनियरिंग विभाग के आठ शिक्षकों ने पराली प्रबंधन के लिए किया ये काम Bareilly News
बिजली बचाने का रास्ता सुझाने के लिए सोलर एनर्जी के सरल इस्तेमाल पर शोध शुरू किया पर्यावरण की फिक्र करते हुए पराली प्रबंधन के रास्ते बनाने शुरू किए।
हिमांशु मिश्र, बरेली : जिस क्षेत्र में हों, वहीं रहकर अपनी सामाजिक जिम्मेदारी को निभा जा सकता है। इसके लिए कोई अलग से नियम नहीं बना। बस जरूरत इस बात की है कि हम अपने साथ-साथ देश के बारे में कितना सोचते हैं। रुहेलखंड विश्वविद्यालय के इंजीनियरिंग विभाग के आठ शिक्षकों ने भी ऐसा ही किया है।
उन्होंने बिजली बचाने का रास्ता सुझाने के लिए सोलर एनर्जी के सरल इस्तेमाल पर शोध शुरू किया, पर्यावरण की फिक्र करते हुए पराली प्रबंधन के रास्ते बनाने शुरू किए। ऑल इंडिया काउंसिल फॉर टेक्निकल एजुकेशन (एआइसीटीई) ने इन्हें सराहा। शोध हों, नए रास्ते तैयार करें और सभी को इसका लाभ मिले इसलिए इनसे जुड़े वैज्ञानिकों को 96 लाख की मदद भी की जा रही।
भीगी हुई फसल को सुखाने के लिए भी बनाएंगे यंत्र
मैकेनिकल इंजीनियरिंग के शिक्षक विनीत सिंह को नौ लाख 66 हजार रुपये का प्रोजेक्ट मिला है। वह सोलर पैनल बेस्ड वॉटर पंपिंग सिस्टम पर काम करेंगे। इसके अलावा मैकेनिकल के ही डॉ. नीरज कुमार सौर ऊर्जा के प्रयोग से फसलों को सुखाने के लिए शोध करेंगे। इसके लिए उन्हें 12 लाख 61 हजार रुपये का प्रोजेक्ट मिला है।
इलेक्टिकल इंजीनियरिंग विभाग के शिक्षक प्रभु ओमर को सर्वाधिक 18 लाख 13 हजार रुपये का प्रोजेक्ट एआइसीटीई ने दिया है।
वह सोलर इलेक्टिसिटी के क्षेत्र में शोध करते हुए गांवों में लोकल स्टैंड सोलर प्लांट स्थापित करने का काम करेंगे। दूसरा प्रोजेक्ट 11 लाख 67 हजार रुपये का इलेक्टिकल इंजीनियरिंग विभाग के ही डॉ. सुलभ सचान को मिला है। डॉ. सचान इलेक्टिक व्हीकल पर काम करेंगे। इलेक्टिकल इंजीनियरिंग के ही रोहित कुमार वर्मा को 12 लाख 85 हजार रुपये का प्रोजेक्ट मिला है। वह इलेक्ट्रॉनिक्स उत्पादों में इलेक्ट्रो मैग्नेटिक इंटरफियरेंस को कम करने के लिए शोध करेंगे। कुलपति प्रो. अनिल शुक्ला ने शिक्षकों को बधाई दी है। रोहित कुमार वर्मा
कमरे में नमी नहीं होगी
मैकेनिकल इंजीनियरिंग विभाग के शिक्षक अनुराग महेश्वरी को नौ लाख 71 हजार रुपये का प्रोजेक्ट मिला है। अनुराग सौर ऊर्जा का प्रयोग करते हुए कमरों में नमी को कम करने के लिए थर्मल इलेक्टिक कूलर बनाने का काम करेंगे। अनुराग महेश्वरी
पराली जलाने के प्रभाव पर काम करेंगे प्रकाश
इलेक्ट्रॉनिक्स एंड इंस्ट्रूमेंटेशन विभाग के प्रकाश चंद्र मिश्र को 14 लाख 30 हजार रुपये का प्रोजेक्ट मिला है। वह खेतों में पराली व कृषि अपशिष्ट के जलाए जाने से वातावरण पर पड़ने वाले प्रभाव पर शोध करेंगे। प्रकाश चंद्र मिश्र
पता करेंगे किस राज्य को इंटरनेट की कितनी जरूरत
इलेक्ट्रॉनिक्स एंड कम्यूनिकेशन विभाग के डॉ. आशुतोष कुमार सिंह को इंटरनेट की जरूरत और उपयोग पर शोध करना है। वह अपने शोध के माध्यम से यह पता करेंगे कि किस राज्य में कितने इंटरनेट की जरूरत है और वहां कितना उपयोग है। आशुतोष कुमार सिंह