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कोरोना संक्रमण काल में बढ़ी कारों की मांग, बरेली में पांच सौ लोग कर रहे अपनी कार की डिलीवरी का इंतजार

कोरोना काल में जहां कारोबार और अन्य उद्योगों की रफ्तार जहां सुस्त रही वहीं ऑटोमोबाइल सेक्टर ने लंबी छलांग लगाई है। संक्रमण के डर से लोग पब्लिक ट्रांसपोर्ट पर यात्रा करने से बच रहे हैं। बुकिंग के बाद लोगों को चार से पांच महीने का इंतजार करना पड़ रहा है।

By Samanvay PandeyEdited By: Published: Mon, 19 Apr 2021 11:50 AM (IST)Updated: Mon, 19 Apr 2021 11:50 AM (IST)
कोरोना संक्रमण काल में बढ़ी कारों की मांग, बरेली में पांच सौ लोग कर रहे अपनी कार की डिलीवरी का इंतजार
पब्लिक ट्रांसपोर्ट पर यात्रा करने से बच रहे लोग, छोटी गाड़ियों की डिमांड पहली बार तीन गुना बढ़ी।

बरेली, जेएनएन। कोरोना काल में जहां कारोबार और अन्य उद्योगों की रफ्तार जहां सुस्त रही, वहीं ऑटोमोबाइल सेक्टर ने लंबी छलांग लगाई है। संक्रमण के डर से लोग पब्लिक ट्रांसपोर्ट पर यात्रा करने से बच रहे हैं। आलम यह है कि बुकिंग के बाद लोगों को चार से पांच महीने का इंतजार करना पड़ रहा है। इसका अंदाजा इससे लगाया जा सकता है कि जिले के ऑटोमोइल्स डीलरों के पास पांच सौ से अधिक चार पहिया वाहनों की बुकिंग है, लेकिन कंपनियों से आपूर्ति न मिल पाने के चलते वाहनों की सप्लाई पूरी नहीं हो पा रही है।

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बीते साल 2020 के मार्च माह में कोरोना संक्रमण की जिले में शुरुआत हुई। इस संक्रमण के खतरे की वजह से लोगों में पब्लिक ट्रांसपोर्ट से परहेज करने की आदत बढ़ी है। शहर के एक डीलर के मुताबिक वाहन खरीदने आने वाले लोगों में 80 फीसद लोग ऐसे होते हैं जो अपने परिवार को निजी गाड़ी से सफर करने में सुरक्षित महसूस करते हैं। लोगों का मानना है कि परिवार के लोग किसी दूसरी गाड़ी या पब्लिक ट्रांसपोर्ट से सफर नहीं करेंगे तो संक्रमण से बचे रहेंगे। इसी का नतीजा है कि चार पहिया वाहनों की मांग में भारी उछाल आया है। मारूती, टाटा, टोयोटा, महिंद्रा समेत सभी कंपनियों की गाड़ियों की मांग बढ़ी है। लोग गाड़ी लेने के लिए शोरूम पर पहुंच कर बुकिंग करके ही लौट रहे हैं। बुकिंग के बाद भी उन्हें गाड़ी हासिल करने के लिए लंबा इंतजार करना पड़ रहा है। अर्टिका और कुछ छोटी गाड़ियों की मांग कुछ अधिक है, इसके चलते उनके लिए आठ महीने तक का इंतजार करना पड़ रहा है।

साढ़े नौ माह में पूरा किया था लक्ष्य

वित्तीय वर्ष 2020-21 का लक्ष्य पूरा करने के लिए जिले के डीलरों को साढ़े नौ माह का समय ही मिला। मार्च से लगा लॉकडाउन जून के दूसरे सप्ताह में खुला था। इसके बाद चार पहिया वाहनों की मांग में ऐसी तेजी बढ़ी कि सभी डीलरों ने इन साढ़े नौ माह में ही लक्ष्य से अधिक काम कर दिया। नए वित्तीय वर्ष के लिए भी कई एडवांस बुकिंग पड़ी हुई हैं।

पहली बार दो पहिया से ज्यादा चार पहिया की मांग

डीलरों का कहना है कि अब तक इतिहास में पहली बार देखा गया है कि दो पहिया वाहनों से ज्यादा चाहिया वाहनों की मांग है। पहले छह दो पहिया के मुकाबले एक कार बिकती थी, लेकिन अब छह दो पहिया के मुकाबले तीन कार निकल रही हैं। बताया कि चार पहिया वाहनों की इतनी अधिक डिमांड है कि लोग पुरानी कार भी निकालना नहीं चाहते और नई खरीदना चाह रहे हें।जिले के डीलरों ने बताया कि चार पहिया वाहनों में लगे वाले सेमीकंडक्टर को बनाने के लिए जरूरी कच्चा माल नहीं मिल पा रहा है। बताया कि यह माल अधिकतर चीन से आता था, जो इन दिनों नहीं आ रहा है। इसके अलावा अन्य पार्टस भी मांग के अनुरूप उपलब्ध नहीं हो पा रहे हैं। इसके चलते चार पहिया वाहनों के प्रोडक्शन में कमी आई है।

मांग बढ़ने के प्रमुख कारण

- कोरोना काल में पब्लिक ट्रांसपोर्ट की जगह निजी वाहनों से आवागमन को लोग ज्यादा सुरक्षित मान रहे हैं।

- बीते साल उत्पादन कम होने के चलते चार पहिया वाहन कम रहे। इसके चलते इस साल फिर मांग बढ़ गई।

- वर्ष 2020 में शादियों का सीजन लगभग शून्य रहा। इस बार अच्छी सहालग है, इसके चलते भी मांग बढ़ी है।

- पंचायत चुनाव और आगामी विधानसभा चुनाव के चलते राजनीतिक लोगों की डिमांड भी अधिक है।


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