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पहले लालच में मरीजों से वसूली थी मोटी रकम, शासन से सख्ती बढ़ी तो बरेली के दो अस्पतालों ने लौटाए रुपये

कोविड मरीजों के इलाज के लिए निर्धारित की गई धनराशि से अधिक रुपये वसूलने वाले अस्पतालों के लाइसेंस तक निलंबित किए जा रहे हैं। इसे लेकर शासन से सख्ती बढ़ा दी गई है। जिले में भी अधिक बिल वसूली के मामलों की जांच के लिए समिति बना दी गई है।

By Samanvay PandeyEdited By: Published: Fri, 04 Jun 2021 08:26 AM (IST)Updated: Fri, 04 Jun 2021 08:26 AM (IST)
पहले लालच में मरीजों से वसूली थी मोटी रकम, शासन से सख्ती बढ़ी तो बरेली के दो अस्पतालों ने लौटाए रुपये
शासन से सख्ती बढ़ने के बाद सीएमओ ने बनाई वरिष्ठ एसीएमओ के नेतृत्व में बनाई समिति।

बरेली, जेएनएन। कोविड मरीजों के इलाज के लिए निर्धारित की गई धनराशि से अधिक रुपये वसूलने वाले अस्पतालों के लाइसेंस तक निलंबित किए जा रहे हैं। इसे लेकर शासन से सख्ती बढ़ा दी गई है। जिले में भी अधिक बिल वसूली के मामलों की जांच के लिए समिति बना दी गई है। अब तक जिले में दो अस्पतालों ने मरीजों से अधिक वसूली गई रकम स्वास्थ्य विभाग के दबाव के बाद वापस की है। लेकिन कई अस्पतालों की जांच अभी भी जारी है। उम्मीद है कि कई मरीजों से वसूली गई रकमों के गोलमाल सामने आ सकते हैं।

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बीते दिनों मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रदेश के सभी जिलों के डीएम और सीएमओ को निर्देश दिए थे कि ऐसे अस्पताल चिन्हित किए जाएं जो मरीजों से निर्धारित इलाज के शुल्क से अधिक ले रहे हैं। इसके साथ ही हर जिले के खुफिया विभाग को भी ऐसे अस्पतालों की निगरानी और रिपोर्ट बनाने के लिए लगा दिया गया। जिले में भी एलआइयू कुछ अस्पतालों की जांच कर रही है। सीएमओ डा. एस के गर्ग ने करीब तीन दिन पूर्व ही अस्पतालों की जांच के लिए वरिष्ठ एसीएमओ डा. आर एन गिरी के नेतृत्व में एक समिति का गठन किया। यह समिति ही अस्पतालों के बिल देखेगी। इसके बाद उन मरीजों के स्वजन को बुलाकर रुपये वापस कराए जाएंगे जिनसे निर्धारित शुल्क से अधिक वसूली की गई थी। अब तक जिले के चार अस्पतालों द्वारा अपने कुछ बिल भेजे गए हैं। इनमें गंगाशील, विनायक अस्पताल, साईं सुखदा और रामकिशोर अस्पताल शामिल हैं।

अधिकारियों के अनुसार अब तक सबसे अधिक विनायक अस्पताल की चार शिकायतें मिलीं हैं। इसमें दो मरीजों के तीमारदार को अस्पताल प्रबंधन द्वारा जो रुपये अधिक लिए गए थे वह लौटा दिए गए। आकाशपुरम के जितेंद्र पाल सिंह और दुर्गा नगर के पुरुषोत्तम सचदेवा ने भी शिकायत की थी। जांच में गड़बड़ी पाई जाने पर इनके रुपये भी वापस किए जाएंगे। इसके अलावा साईं सुखदा अस्पताल अरविंद सक्सेना की शिकायत पर 1.40 लाख रुपये लौटा चुका है। सीएमओ डा. एस के गर्ग ने बताया कि समिति द्वारा जांच की जा रही है। जिनसे अधिक बिल वसूले गए हैं, उन्हें अधिक वसूले गए रुपये वापस कराए जाएंगे।


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