कार्ड के बजाय ई-वालेट से करें ऑनलाइन खरीदारी
बरेली :भारत दुनिया में तेजी से बढ़ती ई-इकोनॉमी है। आज लोगों की सुविधाओं के लिए इंटरनेट बैंकिग, मोबाइ
बरेली :भारत दुनिया में तेजी से बढ़ती ई-इकोनॉमी है। आज लोगों की सुविधाओं के लिए इंटरनेट बैंकिग, मोबाइल बैंकिंग, ई-वॉलेट और पेटीएम जैसे तमाम ऑनलाइन विकल्प मौजूद हैं। इनकी सहायता से कोई भी व्यक्ति चंद सेकेंड में दुनिया के किसी कोने में पैसे का लेन-देन कर सकता है। हालांकि, सुविधा के साथ-साथ ऑनलाइन फ्रॉड भी तेजी से बढ़ा है। पिछले कुछ सालों में हजारों लोग धोखाधड़ी के शिकार हुए हैं। ऑनलाइन फ्रॉड रोकने के लिए रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (आरबीआइ) ने गाइडलाइन जारी की है। इसके अलावा बैंकों ने सुरक्षा इंतजाम किए हैं लेकिन, कारगार साबित नहीं हो पार है। स्थिति तभी सुधरेगी जब लोग खुद जागरूक होंगे। अधिकांश मामलों में उपभोक्ता अपनी निजी जानकारी शेयर कर देते हैं। उसी का लाभ साइबर ठग उठाते हैं। ये बातें रुहेलखंड विश्वविद्यालय के प्रोफेसर एसएस बेदी ने सोमवार को ऑनलाइन धोखाधड़ी की रोकथाम विषय पर आयोजित जागरण विमर्श कार्यक्रम में कहीं।
सबसे ज्यादा फिशिंग के मामले
आरबीआइ की ओर से जारी 2017 के आंकड़ों के अनुसार, अक्टूबर से दिसंबर तक 30,200 फिशिंग के मामले सामने आए। ऑनलाइन फ्रॉड की दर .009 फीसद रही। इसमें बैंक या अन्य माध्यम नहीं, बल्कि खुद लोगों ने अपनी निजी जानकारी अनजान लोगों से साझा की थी। अधिकांश मामले मोबाइल व ईमेल फिशिंग के थे। वेबसाइट से ज्यादा ऑफिशियल एप सुरक्षित
प्रो. बेदी ने बताया कि आजकल ऑनलाइन मनी ट्रांसफर के लिए बैंक की वेबसाइट व एप दोनों का इस्तेमाल किया जा सकता है, लेकिन वेबसाइट का उपयोग करते समय डिवाइस में मौजूद मालवेयर (वायरस) की वजह से निजी डाटा चोरी होने का खतरा रहता है। जबकि बैंकों के ऑफिशियल एप सिक्योर होने के कारण डाटा सुरक्षित रहता है।
कार्ड के इस्तेमाल से बचें
ऑनलाइन शॉपिंग का क्रेज बढ़ रहा है। अधिकांश लोग डेबिट या क्रेडिट कार्ड के माध्यम से ऑनलाइन शॉपिंग करते हैं। ऐसे में ऑनलाइन धोखाधड़ी का शिकार होने पर लोगों की जिंदगी भर की कमाई चंद सेकेंड में लुट जाती है। आजकल सभी बैंकों ने ई-वॉलेट व्यवस्था शुरू कर दी है। ऑनलाइन शॉपिंग के लिए इसका उपयोग करना ज्यादा फायदेमंद है। जितना जरूरत हो उतना ही पैसा ई-वॉलेट में रखें।
आरबीआइ की गाइड लाइन
आरबीआइ ने बैंकों को लोगों को जागरूक करने के लिए समय-समय अलर्ट जारी करना अनिवार्य कर दिया है। ऑनलाइन धोखाधड़ी होने पर जल्द से जल्द या तीन दिन के अंदर रिपोर्ट करना चाहिए। तीन दिन के अंदर रिपोर्ट होने पर बैंकों को धनराशि रिफंड करने का प्रावधान किया गया है।
यह बरतें सावधानी
-कभी भी किसी से एटीएम कार्ड का सीवीवी नंबर न साझा करें।
-एटीएम कार्ड का ओटीपी निजी जानकारी करें है, इसे किसी को न बताएं।
-ऑनलाइन धोखाधड़ी होने पर तत्काल कार्ड पर नीचे दिए गए नंबर पर जानकारी देकर उसे ब्लॉक करा दें। ताकि आगे पैसा का लेन-देन न हो सके।
-मोबाइल पर व्यर्थ की एप डाउनलोड न करें, इनके माध्यम से तमाम वायरस मोबाइल से निजी जानकारी चुरा सकते हैं।
-मोबाइल बैंकिंग के लिए एंटी वायरस से लैस अलग मोबाइल का उपयोग करें।