बाघ-बाघिन की वजह से पीलीभीत के खटीमा में बच्चों को रात में नहीं मिल सका दूध, जानें पूरा मामला
Tiger Tigress Couple on Road in Pilibhit माधोटांडा-खटीमा मार्ग पर जंगल से निकलकर बाघ-बाघिन आ गए। सड़क पर दो बाघ देखकर राहगीर काफी दूर ही ठिठक गए। इस मार्ग पर पहले भी कई बार बाघ सड़क पर विचरण करते हुए दिख चुके हैं।
बरेली, जेएनएन। Tiger Tigress Couple on Road in Pilibhit : उत्तर प्रदेश के जनपद पीलीभीत के खटीमा क्षेत्र के बच्चों बाघ-बाघिन के जोड़े की वजह से शुक्रवार को दूध नहीं मिल सका। बच्चे बिना दूध के ही सो गए। दरअसल जनपद के कलीनगर में माधोटांडा-खटीमा मार्ग से खटीमा में जो दूधिए दूध की सप्लाई करने जा रहे थे वे रास्ते में अचानक दहशत में आ गए। मार्ग के बीचो-बीच बाघ-बाघिन के जोड़े को बैठा देख दूधिए डर के मारे दूर ही खड़े हो गए। काफी देर तक दूधियों ने इंतजार किया कि बाघ-बाघिन का जोड़ा सड़क से हटकर जंगल में चला जाए लेकिन ऐसा नहीं हुआ। इस पर दूधिए वहीं से लौट गए। इस मार्ग पर पहले भी कई बार बाघ सड़क पर विचरण करते हुए दिख चुके हैं। सड़क के दोनों ओर जंगल होने की वजह से अक्सर वन्यजीव मार्ग पर आ जाते हैं।
माधोटांडा थाना क्षेत्र के गांव रायपुर सिमरा के कुछ लोग दूध का व्यवसाय करते हैं। वे रोज शाम के समय दूध की आपूर्ति करने खटीमा जाते हैं। शुक्रवार की शाम कई दूधिये बाइक से जा रहे थे। माधोटांडा-खटीमा मार्ग पर सुरई पुल से कुछ आगे बढ़ते ही सड़क पर बाघ र बाघिन दिखे। दूधिया मो. मोबीन का कहना है कि बाघ दिखते ही राहगीर दहशत में आ गए। काफी दूर ही रुककर इंतजार करने लगे कि दोनों बाघ सड़क से हटकर जंगल में चले जाएं लेकिन जब काफी देर तक वे जंगल में नहीं गए बल्कि सड़क किनारे झाड़ी की ओट में हो गए तो वह वापस लौट पड़ा।
इससे पहले गुरुवार की शाम माधोटांडा निवासी जसपाल सिंह खटीमा से लौट रहा था तो रास्ते में चूका से आगे सड़क किनारे तीन शावकों के साथ बाघिन दिखाई दी। महोफ रेंज के वन क्षेत्राधिकारी पीयूष मोहन श्रीवास्तव का कहना है कि पीलीभीत टाइगर रिजर्व की महोफ रेंज व उत्तराखंड की सुरई रेंज का जंगल आपस में मिला हुआ है। दोनों ओर के जंगल से अक्सर वन्यजीव इधर से उधर विचरण करने निकल जाते हैं। सड़क पर बाघ बाघिन देखे जाने की सूचना पर निगरानी बढ़ाई गई है।