Driving License News : बरेली में अवैध ड्राइविंग लाइसेंस पर चार हजार युवा दौड़ा रहे 125 से 220 सीसी इंजन के वाहन
Driving License News जिले में वर्तमान में 16 से 18 वर्ष की उम्र के चार हजार युवाओं के 50 सीसी के लाइसेंस विभाग द्वारा बनाकर जारी किए गए हैं। जबकि वर्तमान में कोई भी 50 सीसी की गाड़ी किसी कंपनी द्वारा नहीं बनाई जा रही है।
बरेली, जेएनएन। Driving License News : जिले में वर्तमान में 16 से 18 वर्ष की उम्र के चार हजार युवाओं के 50 सीसी के लाइसेंस विभाग द्वारा बनाकर जारी किए गए हैं। जबकि वर्तमान में कोई भी 50 सीसी की गाड़ी किसी कंपनी द्वारा नहीं बनाई जा रही है। हल्के वाहन का लाइसेंस जारी होने के बाद यह युवा सड़कों में 125 से लेकर 220 सीसी तक की गाड़ियों में फर्राटा भरते नजर आते हैं।
बिना गियर वाले वाहनों के नाम पर नाबालिगों को जारी होने वाले ड्राइविंग लाइसेंस में कई खामियां नजर आ रही है। प्रदेश में 50 सीसी का कोई वाहन नही बन रहा है। फिर भी परिवहन विभाग 16 से 18 साल के किशोरों को इनका ड्राइविंग लाइसेंस जारी कर रहा है।
परिवहन मामलों के जानकार प्रो. अमित तिवारी बताते हैं कि परिवहन विभाग की यह चूक सड़क सुरक्षा के लिहाज से किशोरों के लिए खतरनाक है। 50 सीसी के वाहनों की रफ्तार अधिकतम 40 किलोमीटर प्रति घंटा होती थी, लेकिन किशोर 125 सीसी से 220 सीसी तक के वाहन सड़कों पर दौड़ा रहे हैं। जिन्हें आरटीओ लाइसेंस जारी कर सड़क हादसों के लिए दावत देने का काम करता है। प्रो. के मुताबिक 50 सीसी के वाहनों का निर्माण 2010 से बंद हो चुका है। बावजूद इसके 11 सालों से लाइसेंस जारी किए जा रहे हैं। इसके तहत न नियम बदले न कोई बदलाव और न ही साफ्टवेयर में फेरबदल किया गया। बावजूद इसके आवेदन के साथ ही लाइसेंस जारी किए जा रहे हैं।
पांच हजार का है जुर्माना
वर्तमान में जारी हो रहे किशोरों के लाइसेंस अवैध हैं। 100 से 220 सीसी के वाहन चलाते हुए पकड़े जाने पर उनसे बिना ड्राइविंग लाइसेंस के आरोप में पांच हजार रुपये जुर्माना वसूल किए जाने का प्रावधान है।
नियमावली में नहीं हुआ बदलाव
अपर परिवहन आयुक्त वीके सोनकिया के मुताबिक इस तरह के लाइसेंस जारी नहीं होने चाहिए, केंद्रीय नियमावली में बदलाव नहीं होने से नाबालिगों के लाइसेंस जारी हो रहे हैं। केंद्रीय मोटरयान अधिनियम में 50 सीसी तक के किशोरों के लिए ड्राइविंग लाइसेंस जारी करने की व्यवस्था है। ऐसे में नियमावली में बदलाव की जरूरत है।
बदलाव के लिए भेजा जाएगा प्रस्ताव
मुख्यालय स्तर पर इस नियम में बदलाव के लिए विभाग की ओर से एनआइसी (नेशनल इंफारमेशन सेंटर) को पत्र लिख आने वाले जवाब पर प्रस्ताव बनाकर केंद्रीय सड़क राजमार्ग मंत्रालय को भेजा जाना है।