Move to Jagran APP

बरेली में सूखे की आहट, बारिश कम होने से बन रहे हालात

इस मानसून में कम बारिश होने से जिले में सूखे के आसार लगाए जा रहे हैं।

By JagranEdited By: Published: Fri, 20 Jul 2018 10:46 AM (IST)Updated: Fri, 20 Jul 2018 10:46 AM (IST)
बरेली में सूखे की आहट, बारिश कम होने से बन रहे हालात
बरेली में सूखे की आहट, बारिश कम होने से बन रहे हालात

जागरण संवाददाता, बरेली : इस मानसून में कम बारिश होने से जिले में सूखे के आसार लगाए जा रहे हैं। हालांकि, अभी मानसून सत्र के दो महीने बाकी हैं लेकिन अब तक जितनी कम बारिश हुई है, उसको देखते हुए मौसम विशेषज्ञों का अनुमान है कि इस बार बारिश ठीकठाक नहीं हो पाएगी। बारिश की कमी से ही खेतों मे धान की फसल लगाने को किसानों के सामने पानी का संकट खड़ा हो गया है। माना जा रहा है कि अगर हालात ऐसे ही रहे तो बरेली को सूखाग्रस्त जिला घोषित करना होगा।

loksabha election banner

मौसम विभाग के आंकड़ों के अनुसार, बरेली में जुलाई के मध्य तक पिछले सालों में अच्छी-खासी बारिश हुई लेकिन इस साल हालात बेहद खराब हैं। अभी तक सिर्फ 196.8 मिली मीटर बारिश ही हो सकी है। जबकि पिछले तीन वर्षो में इन दिनों में यह आंकड़ा 500 से 800 मिलीमीटर के आसपास रहा। जाहिर है कि औसतन एक तिहाई बारिश ही हो सकी है। वहीं, बारिश कम होने से किसानों के सामने खेतों में धान की रोपाई के लिए पानी का संकट खड़ा हो गया है। किसान पानी के लिए नलकूप और बो¨रग इंजन पर निर्भर हैं।

कृषि विशेषज्ञ बोले- बारिश अपेक्षाकृत नहीं

कृषि विशेषज्ञ भी मानते हैं कि गेहूं की फसल के लिए इन दिनों में जितनी बारिश की अपेक्षा होती है, वो पूरी नहीं हो पा रही है। कृषि विशेषज्ञ डॉ. कुलदीप विश्नोई कहते हैं कि धान की फसल लगाने के लिए पानी की बहुत अधिक आवश्यकता होती है। इसीलिए बारिश के दिनों में यह फसल बोई जाती है ताकि पानी की कोई कमी नहीं रहे। डॉ. विश्नोई का अनुमान है कि अब तक अगर 600 से 800 मिलीमीटर तक बारिश हो जाती तो धान की फसल को पानी के लिए किसानों दूसरे साधनों में पर निर्भर नहीं रहना पड़ता।

दो महीने में कम बारिश की ही अनुमान

पंतनगर स्थित पंडित गोविंद बल्लभ पंत कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय की कृषि मौसम विज्ञानशाला के प्रभारी डॉ. एचएस कुशवाहा का मानना है कि हवाओं के रुख में बदलाव की वजह से बरेली में मानसून निष्क्रिय बना हुआ है और बारिश अपेक्षाकृत नहीं हो पा रही है। अब तक जिस तरह से कम बारिश हुई है, उससे नहीं लगता कि अगले दो महीने में इतनी बारिश हो पाएगी, जिनकी की धान की फसल के लिए आवश्यकता होती है। यह स्थिति सूखे का संकेत है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.