डॉ. राजेश बोले, नाम वापसी का तो सवाल ही नहीं
गुरुवार रात में और शुक्रवार को दिनभर चली उठा-पटक के बाद साफ हो गया कि आइएमए का चुनाव संघर्षपूर्ण होगा।
जागरण संवाददाता, बरेली : गुरुवार रात में और शुक्रवार को दिनभर चली उठा-पटक के बाद साफ हो गया कि आइएमए का चुनाव संघर्षपूर्ण होगा। डॉ. राजेश कुमार ने साफ कर दिया कि वह न दबाव में आए हैं और न आएंगे। इस बाबत किसी की कोई बात भी नहीं मानेंगे। चुनाव लड़ने के लिए पर्चा भरा है और लड़कर ही मानेंगे। उनके इस कदम से दिनभर चली कशमकश भी थम गई। साफ हो गया कि चुनाव में मुकाबला दिलचस्प होने जा रहा है।
अंदरखाने तैयारी यह चल रही थी कि आइएमए का चुनाव बगैर मुकाबले सहमति के आधार पर हो जाए। ऐसा तभी होता, जब दो में से एक उम्मीदवार मैदान छोड़ दे। अभी डॉ. राजेश कुमार और डॉ. राजीव अग्रवाल मैदान में हैं। किसी एक को वापसी के लिए मना लिया जाए, इसको लेकर डॉक्टरों के बीच चर्चा होती रही। हालांकि डॉ. राजेश कुमार मजबूती से मैदान में डटे रहने की बात कहते दिखे। उनका बयान आया कि नाम वापसी जैसा कोई भी निर्णय अपने मन, वाणी या कर्म से नहीं लिया था। न ले रहा हूं और न ही लूंगा। पूरे मनोयोग से आइएमए अध्यक्ष पद के लिए दावेदार हूं। न किसी के दबाव में आया और न आऊंगा। जाहिर है कि ऐसे में दोनों उम्मीदवारों के बीच आइएमए अध्यक्ष के लिए चुनाव तय है।
दूसरी ओर चुनाव भले ही डॉक्टरों के बीच है लेकिन इससे सत्ता और विपक्षी दलों के नेता भी जुड़ चुके हैं। दोनों ही तरफ से जोर लग रहा है। इस बारे में महापौर डॉ. उमेश गौतम का कहना है कि चुनाव में उन्होंने हस्तक्षेप नहीं किया है, न ही किसी से बैठने को कहा। हम सभी के साथ हैं, जो जीतेगा, वह हमारा होगा।