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स्कूल शिक्षा महानिदेशक विजय किरन आनंद बोले, अफरशाही नहीं शिक्षा की गुणवत्ता पर दें ध्यान Bareilly News

निरीक्षण के नाम पर अफसरशाही नहीं दिखाएं। लेने और देने दोनों की व्यवस्था खत्म करें। अगर कोई बाबू किसी शिक्षक का शोषण करता है तो बेसिक शिक्षा अधिकारी (बीएसए) की जबावदेही होगी।

By Ravi MishraEdited By: Published: Sun, 16 Feb 2020 09:39 AM (IST)Updated: Sun, 16 Feb 2020 05:45 PM (IST)
स्कूल शिक्षा महानिदेशक विजय किरन आनंद बोले, अफरशाही नहीं शिक्षा की गुणवत्ता पर दें ध्यान Bareilly News
स्कूल शिक्षा महानिदेशक विजय किरन आनंद बोले, अफरशाही नहीं शिक्षा की गुणवत्ता पर दें ध्यान Bareilly News

 जेएनएन, बरेली : शिक्षा अधिकारी स्कूलों में शैक्षणिक गुणवत्ता पर ध्यान दें। निरीक्षण के नाम पर अफसरशाही नहीं दिखाएं। लेने और देने दोनों की व्यवस्था खत्म करें। अगर कोई बाबू किसी शिक्षक का शोषण करता है तो बेसिक शिक्षा अधिकारी (बीएसए) की जबावदेही होगी।

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बेसिक शिक्षा विभाग के स्कूलों में सुधार के लिए आइवीआरआइ में हुई मंडलीय गोष्ठी में यह बातें स्कूल शिक्षा महानिदेशक विजय किरन आनंद ने कहीं। उन्होंने कहा कि शिक्षक ही शिक्षकों को समझा सकते हैं। बुनियादी शिक्षा के लक्ष्य हासिल नहीं करेंगे तो हम हारी हुई लड़ाई भी जीतते दखाई देंगे।

जिस तरह खुले में शौच मुक्त जिले बनाने का अभियान चला था, उसी तरह गुणवत्तापूर्ण शिक्षा वाला जिला बनाया जाएगा। सभी ब्लॉकों को दो साल में प्रेरक ब्लॉक बनाने का प्लान तैयार किया जा चुका है। सबसे पहले कमजोर छात्रों पर फोकस किया जाएगा।

इसके लिए विभाग ने एकेडमिक रिसोर्स पर्सन (एआरपी) का चयन किया है। एआरपी मेंटर के रूप में काम करेंगे। मंडल के चारों जिलों के शिक्षा अधिकारियों से कहा कि आपके और शिक्षकों के बीच जो रिश्ता बनेगा वही बुनियादी शिक्षा को आगे बढ़ाएगा। अपर शिक्षा निदेशक बेसिक एसएन सिंह ने भी शैक्षिक गुणवत्ता बढ़ाने के तरीके बताए।  


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