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बरेली में खाद्य एवं रसद राज्यमंत्री बोले- बिचौलियों पर पहली बार हुई कार्रवाई, प्रदेश भर में दर्ज हुए मुकदमे

प्रदेश में धान खरीद में पहली बार बिचौलियों पर बड़ी संख्या पर कार्रवाई हुई है। सबसे ज्यादा इस बार धान खरीद में लापरवाही करने वालों पर मुकदमें पंजीकृत हुए हैं। मुख्यमंत्री इस बार स्वयं धानखरीद की समीक्षा कर रहे हैं।

By Ravi MishraEdited By: Published: Thu, 31 Dec 2020 06:59 AM (IST)Updated: Thu, 31 Dec 2020 06:59 AM (IST)
बरेली में खाद्य एवं रसद राज्यमंत्री बोले- बिचौलियों पर पहली बार हुई कार्रवाई, प्रदेश भर में दर्ज हुए मुकदमे
बरेली में खाद्य एवं रसद राज्यमंत्री बोले- बिचौलियों पर पहली बार हुई कार्रवाई, प्रदेश भर में दर्ज हुए मुकदमे

बरेली, जेएनएन। प्रदेश में धान खरीद में पहली बार बिचौलियों पर बड़ी संख्या पर कार्रवाई हुई है। सबसे ज्यादा इस बार धान खरीद में लापरवाही करने वालों पर मुकदमें पंजीकृत हुए हैं। मुख्यमंत्री इस बार स्वयं धानखरीद की समीक्षा कर रहे हैं। किसानों को धान खरीद में किसी प्रकार की समस्या न हो इसके लिए प्रदेश भर में आइएएस व आइपीएस अफसरों को निगरानी के लिए लगाया गया है। मंत्रियों व विधायकों को भी धान खरीद केंद्रों का निरीक्षण करने, वहां बैठ किसानों की समस्याओं को दूर करने के निर्देश दिए। यह बात बुधवार देर रात बरेली पहुंचे प्रदेश के राज्य मंत्री खाद्य एवं रसद तथा नागरिक आपूर्ति रणवेंद्र प्रताप सिंह धुन्नी ने जागरण से बातचीत के दौरान कही। वह बुधवार को शाहजहांपुर में निरीक्षण करने के बाद देर रात सर्किट हाउस पहुंचे।

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गुरुवार को वह सर्किट हाउस में अधिकारियों के साथ धान खरीद की समीक्षा करने के बाद क्रय केंद्रों का निरीक्षण करने के साथ ही राइस मिल आदि का भी निरीक्षण कर सकते हैं। कृषि कानून पर बोलते हुए उन्होंने कहा कि कृषि कानून किसानों के हित में हैं। विपक्ष जबरन किसानों को इस पर गुमराह करने का काम कर रहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किसानों को मंडी समाप्त नहीं बल्कि उन्हें अपनी फसल बिक्री के लिए अन्य अच्छे विकल्प देने का काम किया है। जिससे किसानों को उनकी फसल का और अच्छा दाम मिल सके।

किसान भाईयों को चाहिए कि वह कृषि कानून का विरोध करने की जगह उसका स्वागत करते हुए प्रधानमंत्री को बधाई देने का काम करें। उन्होंने स्पष्ट किया कि केंद्र सरकार द्वारा लाया गया कृषि कानून पूरी तरह से किसानों के हित में हैं। उन्हें किसी प्रकार डरने व घबराने की जरुरत नहीं है। बल्कि खुश होने की आवश्यकता है। अब किसान अपनी फसल कहीं भी बेचने के लिए पूरी तरह से स्वतंत्र है।


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