सैनिटाइज्ड हाथों से भोले का अभिषेक
मंदिरों में हर बार लगने वाली लंबी लाइनें इस बार शारीरिक दूरी का पालन करते हुए लगवाई गई। इसके अलावा मंदिर में उन्हीं को जाने की अनुमति दी गई जो कि मास्क लगाए हुए थे। वहीं कुछ मंदिरों में भक्तों की थर्मल स्क्रीनिग हाथ सैनिटाइज कराने के बाद उन्हें प्रवेश दिया गया।
बरेली, जेएनएन : सोमवार से सावन की शुरुआत हो गई। इस बार श्रावण मास में पांच सोमवार पड़ रहे हैं। हर बार नाथ नगरी के सात नाथ मंदिरों में होने वाली मंदिर परिक्रमा और कांवड़ पहली बार श्रावण मास में नहीं चढ़ सकी। कोरोना के फैलते संक्रमण के चलते पहली बार पूजन का तरीका भी बदल गया। मंदिरों में हर बार लगने वाली लंबी लाइनें इस बार शारीरिक दूरी का पालन करते हुए लगवाई गई। इसके अलावा मंदिर में उन्हीं को जाने की अनुमति दी गई जो कि मास्क लगाए हुए थे। वहीं कुछ मंदिरों में भक्तों की थर्मल स्क्रीनिग, हाथ सैनिटाइज कराने के बाद उन्हें प्रवेश दिया गया।
शहर के त्रिवटीनाथ, अलखनाथ, तपेश्वरनाथ, धोपेश्वरनाथ, वनखंडीनाथ, पशुपतिनाथ, मढ़ीनाथ, सनातन धर्म मंदिर समेत अन्य शिव मंदिरों में सुबह से ही भक्त दर्शन के लिए पहुंचे। मंदिर प्रबंध समिति द्वारा जिला प्रशासन द्वारा जारी गाइड लाइन का पालन करते हुए पहले ही सभी तैयारियां कर ली गई थी। साथ ही सभी प्रमुख मंदिरों में पुलिस फोर्स भी तैनात रहा। मंदिरों में इस बार गर्भगृह के पास बैठकर किसी को भी जलाभिषेक करने की अनुमति नहीं दी गई। मंदिरो में इसके लिए दूरी से ही पाइप, कलश आदि रख पाइप के माध्यम से जलाभिषेक कराया गया। जबकि लगने वाली श्रद्धालुओं की लाइन को शारीरिक दूरी का पालन करते हुए लगवाया गया। पहली बार प्रसाद चढ़ाने पर रही पाबंदी
सावन के पहले सोमवार को श्रद्धालु पहली बार शिवलिग पर अपने हाथ से जलाभिषेक व प्रसाद आदि नहीं चढ़ा सके। कुछ मंदिरों में जरुर दूर से ही भक्तों ने फूल चढ़ाएं। जारी कोरोना गाइड लाइन का पालन करते हुए पहली बार प्रसाद चढ़ाने पर पाबंदी रही। मंदिरों की टोटियां बंद की गईं
अलखनाथ मंदिर के महंत कालू गिरी ने बताया कि भोर से ही श्रद्धालु दर्शन के लिए पहुंचने लगे। कोई जलाभिषेक न कर सके, इसके लिए मंदिर प्रांगण के अंदर व बाहर लगी सभी टोटियों में पानी की सप्लाई बंद करा दी गई। जबकि दूध आदि लेकर आने वालों को लंबे पाइप के साथ दूर से ही जलाभिषेक करने का मौका दिया गया। त्रिवटीनाथ में गर्भगृह को दूर से किया गया प्रणाम
त्रिवटीनाथ मंदिर में जहां शारीरिक दूरी का पालन करते हुए लंबी लाइन लगी। वहीं दूसरी ओर मंदिर के गर्भगृह के आस-पास बेरिकेडिग लगाई गई थी। जिससे दूर से ही हाथ जोड़कर व प्रणाम करके श्रद्धालुओं ने दर्शन किए। नहीं सुनाई दी मंदिरों में घंटों की गूंज
शहर के मढ़ीनाथ, सुभाषनगर स्थित तपेश्वरनाथ, कैंट स्थित धोपेश्वरनाथ, मॉडल टाउन स्थित सनातन धर्म मंदिर, बाईपास स्थित पशुपतिनाथ, जोगीनवादा स्थित वनखंडीनाथ मंदिरों में पहली बार सावन के सोमवार को घंटों की गूंज नहीं सुनाई दी। सभी मंदिरों में कोविड-19 की गाइड लाइन का पालन कराते हुए श्रद्धालुओं को दर्शन करने दिया गया। शहर विधायक ने किया पौधारोपण
नाथ नगरी परिवार सेवा समिति के अध्यक्ष सचिन देवल ने बताया कि शहर विधायक डा. अरुण कुमार ने सावन के पहले सोमवार को रामेश्वरम नाम के नीम का पौधा रोपित किया गया। पौधारोपण से पहले पूजा-पाठ किया गया। मुख्य रुप से विक्रम रस्तोगी, शुभम शुक्ला, सुरेंद् मौर्य, सत्य प्रकाश मिश्रा समेत अन्य मौजूद रहें।