Bareilly college dispute : भुगतान रुकने पर भड़के देवमूर्ति, प्राचार्य पर बिफरे
बरेली कॉलेज प्रबंधन और प्रशासन में विवाद गहराता जा रहा है। करीब 68 लाख रुपये के चेक का भुगतान रुकवाने से खफा देवमूर्ति ने प्राचार्य से कड़ी नाराजगी जताई।
बरेली, जेएनएन : बरेली कॉलेज प्रबंधन और प्रशासन में विवाद गहराता जा रहा है। करीब 68 लाख रुपये के चेक का भुगतान रुकवाने से खफा देवमूर्ति ने प्राचार्य से कड़ी नाराजगी जताई। कह दिया कि प्रबंध समिति का सचिव मैं हूं। मेरा आदेश मानना होगा। आपने किस अधिकार के तहत मेरे काटे हुए चेक रुकवाए हैं। अंतरिम सचिव कौन होते हैं, जिनके आदेश का पालन किया। ऐसा करने पर आपके विरुद्ध कार्रवाई जा सकती है। फिर मत कहना है कि प्रबंध समिति नाराज है। प्राचार्य को लिखे पत्र में भी देवमूर्ति ने नाराजगी व्यक्त की। प्रबंधन ने प्राचार्य से भुगतान रुकवाने पर जवाब भी मांगा और कार्रवाई की चेतावनी दी है। वहीं, सचिव का पत्र सार्वजनिक होते ही चर्चाओं का बाजार गर्म है।
डेढ़ करोड़ से ज्यादा के काटे चेक
देवमूर्ति का दावा है कि शासन ने अभी तक प्रबंध समिति भंग नहीं की है, न ही कंट्रोलर बैठाया है। इसलिए कॉलेज के भुगतान का अधिकार सचिव को ही है। मैंने सचिव हैसियत से जनवरी में डेढ़ करोड़ रुपये से ज्यादा के भुगतान के लिए चेक काटे हैं। इसमें एक करोड़ रुपये से ज्यादा विश्वविद्यालय का परीक्षा शुल्क शामिल है। बाकी बिजली बिल, वकील की फीस, परीक्षा का अग्रिम भुगतान समेत अन्य छोटे बड़े काम शामिल हैं। उन्होंने कहा कि अंतरिम सचिव केवल बोर्ड ऑफ कंट्रोल की बैठक आयोजित कराने के लिए बनाए गए हैं न कि वित्तीय मामलों के लिए।
यह है विवाद
बरेली कॉलेज में दो बॉडी हैं। एक बोर्ड ऑफ कंट्रोल, दूसरी प्रबंध समिति। प्रबंध समिति का चुनाव होना है। इसमें बोर्ड ऑफ कंट्रोल के सदस्य चुनाव में भाग लेते हैं। गत वर्ष अक्टूबर में चुनाव होना था। विश्वविद्यालय ने प्रोफेसर एके जेटली को चुनाव पर्यवेक्षक बनाया। प्रो. जेटली ने चुनाव पर रोक लगा दी। बोर्ड के सदस्यों की सदस्यता की जांच की। इसमें पाया कि बोर्ड का 2001 और 2004 का बायलॉज असंवैधानिक तरीके से बदला गया है। 2015 में बोर्ड के जो 14 सदस्य बनाए गए, विवि ने उनकी सदस्यता खारिज करने की शासन में सिफारिश कर दी। इसी आधार पर प्रशासन ने प्रबंध समिति भंग करने की सिफारिश शासन को भेज दी है।
उच्च शिक्षा अधिकारी अंतरिम सचिव
प्रशासन ने क्षेत्रीय उच्च शिक्षा अधिकारी को बोर्ड का अंतरिम सचिव बना दिया है। अंतरिम सचिव नियुक्ति होने से पहले प्रबंध समिति ने कॉलेज के भुगतान के चेक काटे थे। अंतरिम सचिव ने उनका भुगतान रुकवा दिया।
अंतरिम सचिव कोई कंट्रोलर नहीं
अंतरिम सचिव कोई कंट्रोलर नहीं है, जो चेक का भुगतान रुकवा सकें। प्रबंध समिति भंग नहीं हुई, इसलिए अभी मैं सचिव हूं। प्राचार्य ने कैसे भुगतान रुकवाया। उनसे जवाब मांगा है।
देवमूर्ति, सचिव प्रबंध समिति बरेली कॉलेज
बोर्ड बैठक में स्थिति होगी स्पष्ट
किन शक्तियों के अंतर्गत मैंने चेक रुकवाए। इस पर बोर्ड बैठक में स्थिति स्पष्ट होगी। बैठक में ही सभी के अधिकारी भी तय हो जाएंगे। -डॉ. राजेश प्रकाश, क्षेत्रीय उच्च शिक्षा अधिकारी