Coronavirus Update : दिल्ली से बरेली आए संक्रमित दंपती ने किया ये खुलासा, फरीदपुर में बच्चा भी हुआ संक्रमित
दिल्ली में रहने वाले प्रवासियों को अस्पताल में भर्ती नहीं करने के कई मामले सामने आए हैं। रविवार को बरेली लौटे कोराेेना संक्रमित दंपती ने आखों देखा हाल बयां किया ।
बरेली, जेएनएन। दिल्ली में रहने वाले प्रवासियों को अस्पताल में भर्ती नहीं करने के कई मामले सामने आए हैं। रविवार को बरेली के रहने वाले दंपती में कोरोना संक्रमण मिलने पर दिल्ली के एक अस्पताल से उन्हें भगाने का मामला सामने आया है। बरेली आने पर उन्हें कोविड एल-2 एसआरएमएस अस्पताल में भर्ती कराया गया। दिल्ली की एक इन्वर्टर कंपनी में काम करने वाला सीबीगंज के अटरिया गांव निवासी युवक पत्नी के साथ लॉकडाउन में वहीं फंसा हुआ था। दो जून को दंपती की तबीयत खराब हुई तो उन्होंने दिल्ली के सफदरगंज अस्पताल में इलाज कराया। तबीयत बिगड़ने पर उन्हें आइसीयू में भर्ती कराया गया। जहां उनके सैंपल लेकर जांच के लिए भेजे गए। रिपोर्ट आई तो पता चला कि दंपती पॉजिटिव हैं। इस पर अस्पताल प्रशासन ने उन्हें बेड न होने का हवाला देते हुए वहां रखने से इन्कार कर दिया।
अस्पताल से बाहर निकाल दिए जाने पर युवक ने किराए पर प्राइवेट एंबुलेंस की, जिससे वह बरेली तक आए। यहां बिथरी स्थित एल-1 अस्पताल पहुंचने पर उन्होंने बताया कि वह दिल्ली से आए हैं और कोरोना पॉजिटिव हैं। यह जानकारी मिलते ही कर्मचारियों में हड़कंप मच गया। सूचना चिकित्साधीक्षक डॉ. मयंक को दी गई। उन्होंने सीएमओ डॉ. विनीत शुक्ला को पूरा मामला बताया। सीएमओ के आदेश पर दोनों को कोविड-19 एल-2 एसआरएमएस में भर्ती करा दिया गया। यह कहते हैं जिम्मेदार दिल्ली से प्राइवेट एंबुलेंस करके दंपती एल-1 बिथरी पहुंचे थे। वह कोरोना संक्रमित थे, उन्हें दिल्ली में भर्ती किए जाने से मना कर दिया गया। उन्हें हाई ब्लड प्रेशर और शुगर की दिक्कत थी। दोनों को एल-2 एसआरएमएस में भर्ती कराया गया है। - डॉ. विनीत कुमार शुक्ला, सीएमओ
घर न भेजते तो संक्रमित होने से बच जाता बच्चा
दंपती को घर न भेजते तो संक्रमित होने से बच जाता बच्चा फरीदपुर के वाहनपुर निवासी दंपती आठ दिन पहले ही मुंबई से आए थे। उन्होंने फरीदपुर के जयनारायण इंटर कालेज में सैंपल भी दिया। लेकिन दोनों को रोकने की जगह घर भेज दिया। दोनों घर में बच्चे के संपर्क में रहे। पांच दिन बाद दोबारा सैंपल लिया गया तो बच्चा भी कोरोना संक्रमित निकला। यानी स्वास्थ्य विभाग और प्रशासन ने उसी दिन दंपती को क्वारंटाइन कर लिया होता तो बच्चे को संक्रमित होने से बचाया जा सकता था।
बच्चे के संक्रमित होने पर विभाग ने दिया ये तर्क
इस मामले में विभाग का तर्क है कि बच्चा पहले से ही दंपती के संपर्क में था। ऐसे में संक्रमण पहले से भी हो सकता है। हालांकि तब बच्चे का सैंपल क्यों नहीं लिया गया? इस सवाल का जवाब महकमे के पास नहीं। सीएमओ डॉ.विनीत कुमार शुक्ला भी कहते हैं कि हो सकता है कि शासनादेश के चलते वाहनपुर के दंपती को सैंपल लेने के बाद होम क्वारंटाइन किया हो। लेकिन अगर बच्चा भी उनके साथ था तो पहले ही उसका सैंपल क्यों नहीं कराया गया? यह जांच का विषय है।