बरेली में पशुओं में फैली बीमारी, 25 की मौत
क्षेत्र के गांवों में पशुओं में जानलेवा बीमारी तेजी से फैल रही है। 20 दिनों में 25 पशुओं की मौत हो चुकी है। दर्जनों पशु बीमार हैं। मुंह व खुरपका रोग फैलने की आशंका जताई जा रही है।
बरेली, जेएनएन : क्षेत्र के गांवों में पशुओं में जानलेवा बीमारी तेजी से फैल रही है। 20 दिनों में 25 पशुओं की मौत हो चुकी है। दर्जनों पशु बीमार हैं। मुंह व खुरपका रोग फैलने की आशंका जताई जा रही है।
खुदागंज, धंतिया , गुलड़िया ,नगरिया ,बहादुरपुर , समसपुर आदि गांवों पशु जानलेवा बीमारी की चपेट में हैं। ग्रामीणों ने बताया कि पशु को बुखार आता है। पैरों में छाले पड़ जाते हैं। गला सूज जाता है। बीमार पशु चारा खाना छोड़ देते हैं। मुंह से लार टपकाते हैं। एक दो दिन में उनकी मौत हो जाती है। गांव खुदागंज में नन्हे लाल, सोमपाल, मोर सिंह, हरचरन, रमाशंकर, हरिराम, अमर सिंह, रतन लाल, विमला देवी व पप्पू के पशु की मौत हो चुकी है। अमर सिंह की दो भैंस, विमला की एक गाय, बछड़ा बीमार है। गुलड़िया में ढांकन लाल की एक भैंस की बीमारी से मौत हो चुकी है, जबकि महेंद्र स्वरूप शर्मा की दो भैंस बीमार हैं। गांव धंतिया में हरिराम, प्रेमबाबू के पशु बीमार हैं। गांव की विमला देवी ने बताया कि उनकी दो भैंसें बीमारी से मर गईं, जबकि दो पशु बीमार हैं। नगरिया सादात में खुशदेव की भैंस बीमार है। ग्रामीण राजकीय पशु चिकित्सालय मीरगंज पहुंचे। यहां डाक्टर के न मिलने पर कर्मचारियों को पशुओं की बीमारी से मौत होने की सूचना दी। ग्रामीणों ने बताया कि गांव में पशुओं में इस बार खुरपका व गला घोटू बीमारी से बचाव को टीका नहीं लगा है। ग्रामीण पशुओं का देशी दवाओं से इलाज कर रहे हैं। लेकिन पशुओं की जान नहीं बच रही है। रईया नगला के प्रधान ने पशु चिकित्सालय पर चिकित्सक न होने पर एक प्राइवेट पशु चिकित्सक से संपर्क कर भैंस का इलाज कराया। तहसील मुख्यालय के राजकीय पशु चिकित्सालय पर करीब डेढ़ साल से पशु चिकित्सक नहीं है। फतेहगंज पश्चिमी के पशु चिकित्सक डा. अनिल भास्कर पर अतिरिक्त प्रभार है। आरोप है उनका यहां आना सप्ताह में एक दो दिन होता है।