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कभी कर्ज में डूबे बीडीए के बदले दिन, कराेड़ाें की एफडीआर कराकर रचा इतिहास

बरेली विकास प्राधिकरण के इतिहास में गुरुवार का दिन विशेष तौर पर जुड़ गया। बीडीए ने एक दिन में दो सौ करोड़ रुपये की एफडीआर कराई है। यह बीडीए की अब तक की सबसे बड़ी जमा है। कुछ समय पहले सौ करोड़ रुपये की एफडीआर प्राधिकरण ने कराई थी।

By Ravi MishraEdited By: Published: Fri, 17 Dec 2021 03:15 PM (IST)Updated: Fri, 17 Dec 2021 03:15 PM (IST)
कभी कर्ज में डूबे बीडीए के बदले दिन, कराेड़ाें की एफडीआर कराकर रचा इतिहास
कभी कर्ज में डूबे बीडीए के बदले दिन, कराेड़ाें की एफडीआर कराकर रचा इतिहास

बरेली, जेएनएन। बरेली विकास प्राधिकरण के इतिहास में गुरुवार का दिन विशेष तौर पर जुड़ गया। बीडीए ने एक दिन में दो सौ करोड़ रुपये की एफडीआर कराई है। यह बीडीए की अब तक की सबसे बड़ी जमा है। कुछ समय पहले सौ करोड़ रुपये की एफडीआर प्राधिकरण ने कराई थी। तीन सौ करोड़ की एफडीआर होने के बाद बीडीए और मजबूत हो गया है।

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एक वर्ष पूर्व तक बीडीए करोड़ों रुपये के कर्ज में डूबा हुआ था। रामगंगा नगर आवासीय योजना की भूमि अर्जन के लिए प्राधिकरण ने बैंकों से ऋण लिया हुआ था, जिसकी अदायगी करीब 42 करोड़ रुपये बची थी। प्राधिकरण की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं होने के कारण योजना में विकास कार्य लगभग बंद थे। विकास कार्य बंद होने के कारण आवासीय योजनाओं में प्लाट लेने में लोगों ने रुचि नहीं दिखाई।

अक्टूबर 2020 के बाद प्राधिकरण के दिन बदलने लगे। प्राधिकरण ने न केवल बैंकों का कर्ज चुकता किया, बल्कि रामगंगा नगर आवासीय योजना के भूखंडों की बिक्री से काफी कमाई भी की। एक साल में बरेली विकास क्षेत्र के अंतर्गत अवैध कालोनियों एवं अवैध निर्माणों पर नियमानुसार ध्वस्तीकरण की कार्रवाई की गई। अर्बन सीलिंग विभाग से प्राप्त भूमि जो अवैध कब्जों में थी उन्हें कब्जा मुक्त कराया गया। मानचित्र समाधान सप्ताह का आयोजन कर लंबित आनलाइन मानचित्रों, प्रशमन मानचित्रों का त्वरित निस्तारण कराया गया।

जिससे प्राधिकरण की आय में बढ़ोत्तरी हुई। डोहरा रोड से बीसलपुर रोड को मिलाने वाली 45 मीटर रोड का कार्य व्यवधान का निस्तारण करते हुए निर्माण कार्य पूर्ण कराया गया। मौजूदा समय में रामगंगा नगर आवासीय योजना में करीब तीन सौ करोड़ से अधिक के विकास कार्य कराए जा रहे हैं। छह में छह लेन समेत अन्य सड़कों का निर्माण कराया जा रहा है। बीडीए उपाध्यक्ष जोगिंदर सिंह ने बताया कि योजना में भूखंडों की बिक्री एवं मानचित्रों की स्वीकृति से मिली धनराशि से वर्षों से कर्ज में डूबे प्राधिकरण ने सितंबर में सौ करोड़ रुपये की एफडीआर कराई। तीन माह बाद ही अब दो सौ करोड़ रुपये के एक और एफडीआर करा दी गई है। इससे प्राधिकरण और मजबूत हुआ है।


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