बरेली के सिटी रेलवे स्टेशन पर मिली बिटिया अब हुई सयानी, 18 जुलाई को अनाथालय में आएगी बरात
Procession will come to orphanage सिटी स्टेशन पर जीआरपी को 2011 में मिली एक बालिका अब सयानी हो चुकी है। आर्य समाज के अनाथालय में रहने के साथ बिटिया ने अलीगढ़ हाथरस के साशनी स्थित गुरुकुल से इंटरमीडिएट किया फिर वहीं से ग्रेजूएशन की पढ़ाई पूरी की।
बरेली, जेएनएन। Procession will come to orphanage : सिटी स्टेशन पर जीआरपी को 2011 में मिली एक बालिका अब सयानी हो चुकी है। आर्य समाज के अनाथालय में रहने के साथ बिटिया ने अलीगढ़ हाथरस के साशनी स्थित गुरुकुल से इंटरमीडिएट किया फिर वहीं से ग्रेजूएशन की पढ़ाई पूरी की। पढ़ाई के दौरान बिटिया की सहेली के मौसेरेे भाई को वह पसंद आ गई और उसने अनाथालय संपर्क कर शादी का प्रस्ताव रखा था। लेकिन उस समय उम्र कम और पढ़ाई अधूरी थी। इसके चलते अनाथालय के प्रबंधक ने शादी के लिए रुकने को कहा था। अब चार साल बाद लड़के वालों ने फिर संपर्क किया तो बिटिया की शादी की तारीख 18 जुलाई तय हुई है।
अनाथालय के प्रबंधक हर्षवर्धन प्रधान ने बताया कि 2011 में जीआरपी को किशोरी मिली थी। वह उसे लेकर यहां आए तो उसने अपना नाम आरती बताया था। वह अपने बारे में ज्यादा कुछ नहीं बता सकी थी। इस पर उसे यहीं रखकर पढ़ाई लिखाई शुरू कराई। आठवीं तक की पढ़ाई अनाथालय के ही विद्यालय में हुई। इसके बाद उसे पढ़ने के लिए अलीगढ़ हाथरस के साशनी स्थित गुरुकुल भेज दिया। आरती पढ़ाई लिखाई में अच्छी थी। उसने इंटरमीडिएट किया, इसके बाद उसने वहीं से ग्रेजुएशन पूरा किया। यहीं पर आरती को उसकी एक सहेली के मौसेरे भाई दीपेंद्र सिंह ने पसंद कर लिया।
दोनों के बीच प्रेम संबंध हो गए। अनाथालय के प्रबंधक हर्षवर्धन ने बताया कि अलीगढ़ निवासी दीपेंद्र ने परिवार के साथ आकर आरती का हाथ मांगा था। लेकिन उस समय उसकी पढ़ाई अधूरी थी और दीपेंद्र भी पढ़ रहा था। इसलिए दीपेंद्र के परिवार के लोगों से रुकने के लिए कहा था। उन लोगों ने चार साल इंतजार किया और अब फिर रिश्ता लेकर पहुंचे। अब दीपेंद्र एक प्राइवेट बैंक में नौकरी करने लगा है। हर्षवर्धन ने बताया कि आरती के विवाह की तारीख 18 जुलाई तय हुई है। अनाथालय ने शादी की तैयारी शुरू कर दी है। आरती का विवाह धूमधाम से कराया जाएगा। शहर के जो लोग उसमें मदद करना चाहते हैं वह अनाथालय आकर मदद कर सकते हैं।