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एंटीजन टेस्ट कर सुधारे आंकड़े, मगर आइसीएमआर की गाइड लाइन का नहीं किया पालन

जिले में आंकड़ों को सुधारने के लिए तेजी से एंटीजन टेस्ट तो कराए गए लेकिन स्वास्थ्य विभाग और जिला प्रशासन ने गाइड लाइन का ध्यान नहीं दिया।

By Abhishek PandeyEdited By: Published: Thu, 10 Sep 2020 06:38 PM (IST)Updated: Fri, 11 Sep 2020 09:46 AM (IST)
एंटीजन टेस्ट कर सुधारे आंकड़े, मगर आइसीएमआर की गाइड लाइन का नहीं किया पालन
एंटीजन टेस्ट कर सुधारे आंकड़े, मगर आइसीएमआर की गाइड लाइन का नहीं किया पालन

बरेली, जेएनएन : कोरोना संक्रमण का पता करने की सटीक जांच रिवर्स ट्रांसक्रिप्शन पॉलिमरेज चेन रिएक्शन (आरटी-पीसीआर) है। यह खुद इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (आइसीएमआर) का मानना है। यह भी कहा कि एंटीजन में पॉजिटिव आने पर व्यक्ति का कोरोना का इलाज किया जाए, लेकिन अगर वह निगेटिव आता है तो इसकी पुष्टि के लिए आरटी-पीसीआर जांच कराई जाए। 

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जिले में आंकड़ों को सुधारने के लिए तेजी से एंटीजन टेस्ट तो कराए गए, लेकिन स्वास्थ्य विभाग और जिला प्रशासन ने गाइड लाइन का ध्यान नहीं दिया। एंटीजन टेस्ट में निगेटिव आने के बाद व्यक्ति की आरटी-पीसीआर जांच नहीं हुई, नतीजा संक्रमण दर में कमी तो आ गई, लेकिन खतरा और बढ़ गया। जब एंटीजन टेस्ट की हकीकत पता चली तो लोगों ने एंटीजन टेस्ट के साथ आरटीपीसीआर जांच करानी भी शुरू कर दी। इसी का परिणाम है कि बीते तीन दिनों से संक्रमण दर में फिर उछाल आया। बता दें कि सोमवार को 168, मंगलवार को 167 और बुधवार को 217 लोगों के परिणाम संक्रमित आए। इन तीन दिनों संकमण दर में 1.5 फीसद का उछाल आना बताया जा रहा है।

आरटी- पीसीआर टेस्ट

इसमें वायरस के आरएनए की जांच की जाती है। आरएनए वायरस का जेनेटिक मटीरियल है। इसमें नाक व गले के स्वैब लिया जाता है। यह टेस्ट लैब में ही किया जाता है। इसके रिजल्ट में कम से कम 12 से 36 घंटे लगते हैं। इसकी जांच पर चिकित्सक 70 फीसद तक भरोसा करते हैं। इसमें देखा गया है कि दूसरी और तीसरी रिपोर्ट फाल्स रिपोर्ट बताती है, जबकि पहली रिपोर्ट अधिकतर सही परिणाम ही बताती है।

एंटीजन टेस्ट

इस टेस्ट के जरिए भी कोरोना के संक्रमण की जांच होती है। यह जांच नाक से स्वैब लेकर की जाती है। इसका रिजल्ट 20 मिनट में ही आ जाता है। परिणाम पॉजिटिव आने पर इसकी विश्वसनीयता सौ फीसद होती है। चिकित्सक बताते हैं एंटीजन में पॉजिटिव आने के बाद अधिकतर बार आरटीपीसीआर के परिणाम भी पॉजिटिव ही आते हैं। इसकी खासियत है कि यह हर छोटे वायरस को पकड़कर परिणाम देता है। लेकिन एंटीजन निगेटिव आया है तो उस स्थिति में आरटी-पीसीआर टेस्ट करना चाहिए।

फिर बढ़ गए आरटीपीसीआर सैंपल

बीते दो माह से एंटीजन टेस्ट तेजी से हो रहे हैं। इस टेस्ट में संक्रमित आने की संभावना अधिक रहती है। कई बार ऐसा भी हुआ कि एंटीजन टेस्ट में निगेटिव आए और आरटी-पीसीआर में पॉजिटिव, तो कई बार एंटीजन में निगेटिव आने के बाद जांच कराई तो आरटीपसीआर में पॉजिटिव आए। जानकारी लोगों को हुई तो उन्होंने खुद ही एंटीजन के साथ आरटीपीसीआर जांच करानी शुरू कर दी। जिले में निगेटिव आने के बाद पॉजिटिव आने वालों की संख्या अधिक है।

आंकड़ों में समझिए स्थिति

जिले में कुल एंटीजन टेस्ट : 82321

एंटीजन टेस्ट में कुल पॉजिटिव : 3870

जिले में कुल आरटीपीसीआर जांच : 48886

आरटीपीसीआर में कुल पॉजिटिव : 3460

जिले में ट्रूनेट से कुल जांच : 4160

ट्रूनेट में पॉजिटिव : 630

कुल पॉजिटिव : 7992

एंटीजन का फाल्स फीसद : 30-40

तीन दिनों में एंटीजन और ट्रूनेट की जांच

दिन एंटीजन टेस्ट आरटीपीसीआर टेस्ट

सोमवार 2464 836

मंगलवार 2303 689

बुधवार 2446 709

क्‍या बोले अध‍िकारी 

शासन के निर्देश के बाद एंटीजन टेङ्क्षस्टग बढ़ाई गई थी। जो केस संदिग्ध लगते हैं उनकी एंटीजन निगेटिव आने पर आरटी-पीसीआर जांच भी कराई जाती है। एंटीजन टेस्ट में पॉजिटिव केस की दोबारा जांच की जरूरत नहीं होती, फिर भी जिनकी आरटीपीसीआर जांच कराई गई उनमें अधिकतर केस पॉजिटिव ही आए हैं। - डा. रंजन गौतम, जिला सर्विलांस अधिकारी  


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