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Cyclone Tauktae Effect : चक्रवाती तूफान टाक्टे से बरेली में कोरोना संक्रमण बढ़ने का खतरा, बरतनी होगी ज्यादा सावधानी

Cyclone Tauktae Effect अरब सागर में उठे चक्रवाती तूफान टाक्टे का असर मौसम पर बरकरार रहा। मंगलवार के बाद बुधवार को भी पूरे दिन बादल छाए रहे और रह-रहकर बूंदाबांदी होती रही। इससे अधिकतम तापमान तेजी से नीचे गिरा।

By Samanvay PandeyEdited By: Published: Thu, 20 May 2021 08:05 AM (IST)Updated: Thu, 20 May 2021 08:05 AM (IST)
Cyclone Tauktae Effect : चक्रवाती तूफान टाक्टे से बरेली में कोरोना संक्रमण बढ़ने का खतरा, बरतनी होगी ज्यादा सावधानी
अधिकतम तापमान 26 डिग्री और न्यूनतम 22.8 डिग्री सेल्सियस दर्ज।

बरेली, जेएनएन। Cyclone Tauktae Effect : अरब सागर में उठे चक्रवाती तूफान टाक्टे का असर मौसम पर बरकरार रहा। मंगलवार के बाद बुधवार को भी पूरे दिन बादल छाए रहे और रह-रहकर बूंदाबांदी होती रही। इससे अधिकतम तापमान तेजी से नीचे गिरा। सामान्य तौर पर जहां 40 डिग्री सेल्सियस के करीब तापमान होना चाहिए था। लेकिन चक्रवाती तूफान के असर की वजह से अधिकतम तापमान महज 26 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया।

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वहीं, न्यूनतम तापमान में भी सामान्य से मामूली यानी महज एक फीसद गिरावट हुई। यह 22.8 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। स्वास्थ्य से जुड़े विशेषज्ञ बताते हैं कि इस तरह का मौसम वायरस के लिए पोषक काल माना जाता है। जिले पर टाक्टे का ये असर एक-दो दिन और रहने की संभावना है। सेहत के लिहाज से मई की गर्मी में बदला ये मौसम काफी खतरनाक हो सकता है।

वरिष्ठ फिजीशियन डॉ.वागीश वैश्य ने बताया कि कोरोना संक्रमण के दौर में आम संक्रामक बीमारी से भी बचने की जरूरत है। इसके लिए बदलते मौसम में कपड़ों का चुनाव सही ढंग से करें। बेवजह दवा न लें, रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत रखें। घर के बाहर जाते समय दो मास्क लगातार पहनें।कृषि विज्ञानी डॉ.आरके सिंह ने बताया कि चक्रवाती तूफान की वजह से गर्मी कुछ कम हुई है। हालांकि सवास्थ्य लिहाज से इस दौरान सभी एहतियात अपनाने जरूरी हैं।

खांसी-जुकाम बढ़ने से संक्रमण का भी खतरा : अधिकतम तापमान में तेजी से आई गिरावट\\B \\Bमौसम जनित बीमारी जैसे खांसी, जुकाम आदि देती हैं। बुखार का खतरा भी बढ़ जाता है। इस दौरान अगर एहतियात नहीं बदला तो कोरोना संक्रमण बढ़ने का खतरा और भी बढ़ गया है। रोग प्रतिरोधक क्षमता कम होने से अन्य बीमारियां भी हमला कर सकती हैं।

ड्रापलेट्स से होती है परेशानी : चूंकि, विशेषज्ञ हवा में भी कोरोना संक्रमण के फैलने की बात कह चुके हैं। ऐसे में इस मौसम में खतरा और भी बढ़ गया है। बदले मौसम में खांसी और छींक के केस बढ़ने जाते हैं। ऐसे में अगर छींकने वाला व्यक्ति संक्रमित हुआ और उसने मास्क भी नहीं पहना तो ड्रॉपलेट्स से दूसरे व्यक्ति को संक्रमण हो सकता है।


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