सेवानिवृत्त बैंक मैनेजर ही हो गए साइबर ठगी का शिकार, ठग के झांसे में आकर गंवाए दो लाख 90 हजार रुपये
ठग के झांसे में आकर एसबीआइ के सेवानिवृत्त ब्रांच मैनेजर ने दो लाख 90 हजार रुपये गवां दिए। साइबर सेल ने एक लाख रुपये से ऊपर का मामला होने की बात कह उसे टहला दिया और परिक्षेत्रीय साइबर सेल में शिकायत की बात कही।
बरेली, जेएनएन। ठग के झांसे में आकर एसबीआइ के सेवानिवृत्त ब्रांच मैनेजर ने दो लाख 90 हजार रुपये गवां दिए। खाते से रकम कटने की जानकारी होते ही पीड़ित कोतवाली पहुंचा। कोतवाली से उसे साइबर सेल के लिए भेज दिया गया। साइबर सेल ने एक लाख रुपये से ऊपर का मामला होने की बात कह उसे टहला दिया और परिक्षेत्रीय साइबर सेल में शिकायत की बात कही। आरोप है कि जब पीड़ित परिक्षेत्रीय साइबर सेल पहुंचा तो यहां भी उसे टहला दिया गया। फिर से कोतवाली पहुंच उसने खुद को बुजुर्ग होने का हवाला दिया तब जाकर कोतवाली पुलिस ने पीड़ित से तहरीर ली।
एसबीआइ के सेवानिवृत्त ब्रांच मैनेजर पीड़ित राजकुमार खंडेलवाल नया टोला आलमगिरीगंज के रहने वाले हैं। उनकी उम्र 75 वर्ष है। बताया कि 13 अप्रैल को उनके फोन पर सिम ब्लॉक होने का संदेश आया। अगले ही दिन 14 अप्रैल को फोन आया और रिजार्च न होने की बात कह ठग ने सिम ब्लॉक हो जाने की बात कही। सिम ब्लॉक न हो, इसके लिए बुजुर्ग से ठग ने दस रुपये का रिजार्च करने की बात कही। बुजुर्ग ठग के झांसे में आ गया। उसने रिचार्ज कर लिया। इसके बाद सिम एक्टिवेट रखने के लिए ठग ने बुजुर्ग से क्विक सपोर्ट एप डाउनलोड करने की बात कही। एप डाउनलोड करने ही राजकुमार खंडेलवाल के खाते से पहले एक लाख दस हजार रुपये कटने का संदेश आया, जब तक वह कुछ समझ पाता तब तक दूसरी बार में उसके खाते से एक लाख 80 हजार रुपये कट गए। कुल उसके खाते से दो लाख 90 हजार रुपये कट गए। आरोप है कि कार्रवाई के बजाय पुलिस उसे टहला रही है।