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वाट्सएप कॉल-चैटिंग के जरिये नाइजीरियन गिरोह के संपर्क में थे ठग

साइबर ठगी में गिरफ्तार आरोपित दिल्ली में बैठे नाइजीरियन गिरोह के लगातार संपर्क में रहते थे। इसके लिए वे फोन कॉल नहीं बल्कि वाट्सएप कॉलिंग करते थे। चैटिंग के जरिये सूचनाएं साझा होती थीं। पांच आरोपितों के मोबाइल फोन से कई ऐसे नंबर मिले हैं जोकि दिल्ली में बैठे गिरोह से जुडे़ हैं।

By JagranEdited By: Published: Sun, 26 Jul 2020 01:39 AM (IST)Updated: Sun, 26 Jul 2020 06:07 AM (IST)
वाट्सएप कॉल-चैटिंग के जरिये नाइजीरियन गिरोह के संपर्क में थे ठग
वाट्सएप कॉल-चैटिंग के जरिये नाइजीरियन गिरोह के संपर्क में थे ठग

बरेली, जेएनएन : साइबर ठगी में गिरफ्तार आरोपित दिल्ली में बैठे नाइजीरियन गिरोह के लगातार संपर्क में रहते थे। इसके लिए वे फोन कॉल नहीं बल्कि वाट्सएप कॉलिंग करते थे। चैटिंग के जरिये सूचनाएं साझा होती थीं। पांच आरोपितों के मोबाइल फोन से कई ऐसे नंबर मिले हैं, जोकि दिल्ली में बैठे गिरोह से जुडे़ हैं।

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मंगलवार की रात को फतेहगंज पश्चिमी के गांव धंतिया में छापेमारी कर पुलिस ने जमशेद व उसके 14 सहयोगियों को गिरफ्तार किया था जोकि साइबर ठगी में शामिल थे। ये लोग गांव के युवकों का खाता खुलवाकर दिल्ली में बैठे नाइजीरियन ठग गिरोह को देते थे। ठगी की रकम आने वाले खाताधारक को आठ फीसद कमीशन देते। 25 फीसद जमशेद खुद लेता और बाकी रकम गिरोह के मुख्य सरगना को पहुंचा देता था। गिरफ्तारी के दौरान पुलिस ने आरोपितों के घरों से 54 मोबाइल फोन बरामद किए थे। इनमें से मुख्य आरोपित जमशेद, राशिद, आरिफ, साजिद, वारिस के मोबाइल फोन के लॉक पुलिस ने खुलवाए। जिसमें कई सुराग मिले। मामले की जांच कर रहे एसपी अभिषेक वर्मा ने बताया कि पांचों आरोपित दिल्ली के कुछ नंबरों पर लगातार वाट्सएप कॉलिंग करते थे। इसी के जरिये गिरोह के सदस्यों से बात करते थे। फोन में इसके प्रमाण मिले हैं। कई नंबरों की चैटिंग डिलीट की गई, माना जा रहा है कि ये नंबर भी गिरोह से जुड़े हैं। करीब दो दर्जन नंबरों पर वाट्सएप कॉलिंग संकेत कर रही कि गिरोह के लोग नंबर बदलकर बात करते थे। शातिर जमशेद व बाकी आरोपित इसलिए वाट्सएप कॉलिंग का इस्तेमाल करते ताकि इनकी कॉल डिटेल न दर्ज हो सके।

बंद हुए फोन

पुलिस को जो नंबर जमशेद आदि के मोबाइल फोन से मिले, उन पर कॉल की गई मगर सभी बंद जा रहे। पुलिस का मानना है कि छापेमारी और गिरफ्तारी की जानकारी दिल्ली में बैठे गिरोह तक पहुंच चुकी है। यही वजह है कि जमशेद से संपर्क वाले सभी फोन नंबर बंद कर दिए गए। इन आरोपितों के फोन में गांव के भी सौ से ज्यादा फोन नंबर मिले हैं, वे भी सब बंद जा रहे। ये फोन नंबर उन खाताधारकों के हो सकते हैं जोकि जमशेद के कहने पर ठगी की रकम ट्रांसफर कराते थे।

सोमवार को लिए जाएंगे रिमांड में

जमशेद समेत जेल गए 14 आरोपित जेल में हैं। बरेली पुलिस और दिल्ली क्राइम ब्रांच और स्पेशल सेल ने भी इनसे पूछताछ करना चाह रही है। इन्हें रिमांड पर लेने के लिए सोमवार को कोर्ट में अर्जी डाली जा सकती है।

गिरोह के सात अन्य सदस्यों के नाम मिले, दबिश

गुरुवार को आरोपितों को जेल भेजने के बाद जांच में जुटी पुलिस को जमशेद के साथ काम करने वाले सात अन्य लोगों के नाम मालूम चले हैं। पुलिस टीमें इनकी तलाश में दबिश दे रहीं। रिश्तेदारों के यहां भी तलाशा मगर आरोपित हाथ नहीं आ सके। इन सभी के फोन नंबर भी बंद जा रहे हैं।

20 घरों में लटके ताले, ज्यादातर घरों से युवक लापता

धंतिया गांव में करीब चार सौ युवा इस गिरोह से जुड़े हुए थे। कार्रवाई के बाद गांव के करीब बीस घरों में बुधवार से ताला पड़ा हुआ है। इनमें रहने वाले लोग दूसरे ठिकानों पर चले गए। इसके अलावा गांव के अधिकतर युवा इन दिनों वहां नहीं दिख रहे। एसपी अभिषेक वर्मा की मानें तो गांव के 80 फीसद बेरोजगार जमशेद के झांसे में आकर अपने खातों का इस्तेमाल ठगी में करा रहे थे।

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गिरफ्तार आरोपितों के फोन नंबरों को खंगाला तो उनमें कई ऐसे नंबर मिले जिन पर लगातार वाट्सएप कॉलिंग की गई। ये नंबर दिल्ली में बैठे नाइजीरियन गिरोह के हैं। अभी सभी नंबर स्विच ऑफ हैं।

-अभिषेक वर्मा, एसपी


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