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बरेली में कोरोना संक्रमण की दो लहरों में ढाई गुना बढ़ी साइबर ठगी, जानिये किस-किस बहाने से हुई ठगी

कोविड संक्रमण की दो लहरों में साइबर ठगों के हमले ढाई गुना बढ़े। पैतरें भी शातिराना हो गए। कोविड वैक्सीनेशन बच्चों की ऑनलाइन क्लास बेरोजगारों के लिए सरकारी विभागों में नौकरियों के फर्जी लिंक का पूरा जाल बिछा हुआ है। एक चूक औ बैंक अकाउंट हो जाता हैै खाली।

By Samanvay PandeyEdited By: Published: Sun, 06 Jun 2021 04:36 PM (IST)Updated: Sun, 06 Jun 2021 04:36 PM (IST)
बरेली में कोरोना संक्रमण की दो लहरों में ढाई गुना बढ़ी साइबर ठगी, जानिये किस-किस बहाने से हुई ठगी
कोविड वैक्सीनेशन, ऑनलाइन क्लास, नौकरी से लेकर पिज्जा डिलिवरी के बहाने फर्जी लिंक या ऑनलाइन ट्रांजेक्शन करवा रहे जालसाज।

बरेली, जेएनएन। कोविड संक्रमण की दो लहरों में साइबर ठगों के हमले ढाई गुना बढ़े। पैतरें भी शातिराना हो गए। कोविड वैक्सीनेशन, बच्चों की ऑनलाइन क्लास, बेरोजगारों के लिए सरकारी विभागों में नौकरियों के फर्जी लिंक का पूरा जाल बिछा हुआ है। एक चूक... बैंक अकाउंट में रखी जमा पूंजी नक्सली क्षेत्रों में बैठे साइबर ठगों के खातों में ट्रांसफर हो जाती है। साइबर एक्स्पर्ट के मुताबिक वर्ष 2020 और 2021 में लॉकडाउन में घरों में खाली बैठे नौकरीपेशा, व्यवसायी, महिलाओं को साइबर ठगों ने ज्यादा निशाना बनाया। वर्ष 2019 में फरवरी से मई तक सिर्फ 200 केस साइबर सेल तक पहुंचे थे। वहीं लॉकडाउन की अवधि में साइबर हमले ढाई गुना, यानी तकरीबन 500-500 केस दोनों वर्षों में साइबर सेल के लिए चुनौती बने। खुद साइबर सेल मानती है कि महज दस फीसद मामले पुलिस थाने या साइबर सेल तक पहुंचते हैं। अगर ऐसा है तो तस्वीर भयावाह है।

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साइबर जालसाजों के पैतरेे : दशमेशनगर के पार्थ को वैक्सीन के स्लॉट बुक करने के लिए कॉल आई। मैसेज भी भेजा। लिंक पर क्लीक किया। ये लिंक एनीडेस्क का था। जालसाज उनके सिस्टम में दाखिल हो गया। 20 हजार की ऑनलाइन खरीदारी उनके एकाउंट से हो गई।

ऑनलाइन क्लास को कराए भुगतान : नामचीन कंपनी के एप से ऑनलाइन क्लासेज की बुकिंग के लिए लिंक आया। अलकृति ने लिंक को स्वीकार किया। दो दिन बाद उन्हें बैंक खाते से 16 हजार रुपये विदड्राल की सूचना मिली।

रिश्तेदार बनकर चैट, फिर मांगते है रुपये : आकाशपुरम कॉलोनी के शत्रुघन से साइबर जालसाज ने चचेरे भाई बनकर चैट की। फोन-पे अकाउंट बंद बताकर रुपये ट्रांसफर करने को कहा। रिकवेस्ट स्वीकार करते ही, पीएनबी के खाते से 62 हजार रुपये निकल गए।

कैशबैक का झांसा : राजेंद्रनगर की प्रेरणा के मुताबिक जालसाज ने कैश बैक ऑफर में रुपये ट्रांसफर करने को कहा। क्यूएस अप्लीकेशन डाउनलोड करवाई। अप्लीकेशन मोबाइल में आते ही बैंक खाते से दो बार 18 हजार रुपये निकल गए।

पिज्जा डिलिवरी कॉल : हेमंत निवासी मॉडल टाउन के मुताबिक पिज्जा डिलिवरी के लिए कॉल आई। ऑनलाइन भुगतान करने के लिए कहा। क्रेडिट कार्ड के इस्तेमाल के बाद 25 हजार की ऑनलाइन खरीदारी साइबर जालसाज ने कर डाली।

पेटीएम केवाईसी का झांसा : सुभाषनगर के पवन अग्रवाल के मुताबिक पेटीएम केवाईसी के लिए काल आई। केवाईसी के बाद पेटीएम चेक करने के लिए दो रुपये ट्रांसफर करने के लिए एक बैंक अकाउंट जुड़वाने को कहा। फिर उनके खाते से 46 हजार रुपये निकल गए।

पांच महीनों में 30 जालसाजी मामलों में 17 लाख रिकवर किए : साइबर सेल पहले से मजबूत हुई है। साइबर एक्सपर्ट ने जनवरी से मई 2021 के बीच 30 जालसाजी के मामलों में 17 लाख रुपये की रिकवरी करके लोगों की मदद की। इन मामलों में जालसाजी का शिकार होने वाले ने पहले 24 घंटों के अंदर साइबर सेल से संपर्क किया था।

इन बातों का रखें ख्याल

- एप डाउनलाेडिंग के बाद आने वाले मेसेज को बिना पढ़े अलाउ मत करें। इसमें इनट्यूटर भी छिपे हो सकते हैं।

- नौकरी, ऑनलाइन क्लास, वैक्सीनेशन स्लॉट इनकी बुकिंग के दौरान लिंक, पोर्टल पेज की वास्तविक जानकारी हासिल जरूर करें।

- खरीदफरोख्त करते वक्त इंटरनेट पर डिटेल देने से पहले कंपनी के एड्रेस को क्रास चेक जरूर करें।

- लिंक में बताई गई कंपनी की जानकारी को भी क्रास चेक करें।

- लैपटॉप या कंप्यूटर में अच्छा एंटीवायरस सिस्टम जरूर रखे।

अकाउंट ब्लॉक करवाकर रकम वापस मिल सकती है : एसएसपी रोहित सिंह सजवाण ने बताया कि हमारी साइबर सेल ने लॉकडाउन के दौरान घर में बैठे लोगों को सुरक्षा भी दी। चौबीस घंटों में साइबर सेल तक पहुंचने वालों की मदद करते हुए रकम रिकवर भी करवाई। अपील यही है कि जालसाजी होने के तुरंत बाद साइबर सेल या पुलिस ऑफिस में एसपी क्राइम के दफ्तर में संपर्क जरूर करें। अधिकांश मामलों में रकम विदड्रा नहीं होती। बल्कि खरीदारी के जरिए किसी अकाउंट तक पहुंचती है। हम उसको समय रहते ब्लाॅक करवा लेते हैं।


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