क्राइम ब्रांच करेगी धंतिया के साइबर ठगों की जांच
धंतिया के शातिर साइबर ठगों के प्रकरण में चार माह से ठंडी पड़ी जांच में अब तेजी आएगी।
बरेली, जेएनएन : धंतिया के शातिर साइबर ठगों के प्रकरण में चार माह से ठंडी पड़ी जांच में अब तेजी आएगी। मामले की विवेचना बिथरी चैनपुर इंस्पेक्टर से लेकर क्राइम ब्रांच को सौंप दी गई है। अब तक की विवेचना में बिथरी इंस्पेक्टर अशोक कुमार ने चार और नाम शामिल किए हैं, जोकि इस रैकेट के सदस्य हैं। इनकी भी गिरफ्तारी की जाएगी।
21 जुलाई को तत्कालीन एसपी अभिषेक वर्मा ने फतेहगंज पश्चिमी के धंतिया गांव में दबिश देकर स्थानीय रैकेट के सरगना जमशेद खां, आरिश खां, साजिद खां, राशिद खां, वारिश खां समेत 14 लोगों को गिरफ्तार किया था। पड़ताल के दौरान पता चला कि आरोपित गांव वालों के नाम से फर्जी खाते खुलवाते थे। खाते में ठगी की रकम मंगाने के बाद 25 प्रतिशत कमीशन काट कर बांकी रकम नाइजीरियन ठग सैम को पहुंचाते थे। इस बीच शुक्रवार को ग्रेटर नोएडा में यहां के दो और ठग पकड़े गए तो पुलिस ने यहां भी तेजी दिखानी शुरू की। एसएसपी रोहित सिंह सजवाण ने जांच तेज करने को कहा है।
14 पर चार्जशीट, जिनके नाम खुले वह भी होंगे गिरफ्तार
जिन 14 आरोपितों को जेल भेजा गया था, उन पर चार्जशीट लगाई जा चुकी है। विवेचना में जो चार नाम बढ़े, उनकी भी गिरफ्तारी होगी। इसके अलावा खुफिया विभाग उन लोगों की निगरानी भी कर रहा है, जोकि जल्द करोड़पति हो गए हैं। उनकी आय का जरिया भी पता किया जा रहा।
करोड़ों में ठगी की रकम, संपर्क में रहता था सैम
अब तक की जांच में पता चला कि साइबर ठगी का खेल करोड़ों में हैं। पुलिस का कहना है कि इस रकम की गणना होने पर अधिक पाई गई तो ईडी से भी जांच कराई जा सकती है। नाइजीरियन ठग सैम जमशेद पर सबसे ज्यादा भरोसा करता था। ठगी की रकम खातों में आने के बाद जमशेद सभी से इकट्ठी करता था, इसके बाद 25 फीसद कमीशन काटकर सैम को पहुंचाने जाता था। वहां होटल में रुकने से लेकर आने-जाने का खर्चा भी देता था। पुलिस का कहना है कि जमशेद की गिरफ्तारी के बाद जो 12 फोन नंबर मिले थे, वे सैम के हो सकते हैं। इन नंबरों पर जमशेद सबसे ज्यादा बात करता था, मगर उसकी गिरफ्तारी के बाद से बंद हैं।
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धंतिया मामले की जांच क्राइम ब्रांच को सौंपी गई है। ठगी की रकम का अनुमान लगाया जा रहा है।
रोहित सिंह सजवाण, एसएसपी