सोता रहा खुफिया विभाग, MP की चार महिलाओं को ले गई मुजफ्फरनगर क्राइम ब्रांच की टीम
कभी मजबूत खुफियातंत्र की बदौलत बड़ी-बड़ी घटनाओं का खुलासा करने वाली पुलिस अब नींद में सो रही है। यही वजह है कि जिले में बाहरी लोग आसानी से अपना डेरा जमाकर घटनाओं को अंजाम देते रहते है। इसका ताजा उदाहरण गुरुवार को सदर क्षेत्र में सामने आया है।
शाहजहांपुर, जेएनएन। कभी मजबूत खुफियातंत्र की बदौलत बड़ी-बड़ी घटनाओं का खुलासा करने वाली पुलिस अब नींद में सो रही है। यही वजह है कि जिले में बाहरी लोग आसानी से अपना डेरा जमाकर घटनाओं को अंजाम देते रहते है। इसका ताजा उदाहरण गुरुवार को सदर क्षेत्र में सामने आया है। जहां मप्र की नौ महिलाएं थाने से महज पांच सौ मीटर दूरी पर रह रही थी। जिनके बारे में सदर पुलिस से लेकर एलआइयू, इंटेलीजेंस तक को भनक नहीं लगी या फिर जानबूझकर अंजान बनी रही।
यहीं वजह है कि मुजफ्फरनगर की क्राइम ब्रांच व कोतवाली पुलिस धर्मशाला में पूरी कार्रवाई करने के बाद जब इन महिलाओं को लेकर अपने साथ चल दिए तो उन्होंने स्वयं सदर थाने जाकर पुलिसकर्मियों को इसकी जानकारी दी। इसके बाद सदर पुलिस अपनी नाकामी छिपाने के लिए धर्मशाला में जांच के नाम पर महज खानापूर्ति करने पहुंची। जिस वजह से पुलिस को कौन अधिकारी आया था उसके बारे में तक पता नहीं चल सका। पुलिसकर्मियों की लापरवाही के बारे में जब एसपी को जानकारी हुई तो उन्होंने नाराजगी भी जताई। -
जानकारी जुटाना भी उचित नहीं समझती पुलिस
किसी दूसरे जिले या प्रदेश की टीम यहां छापामारी करने आती है तो उसके बारे में संबंधित थाने की पुलिस पूरी जानकारी तक जुटाना उचित नहीं समझती है। यहीं नहीं अधिकारी जब इस बारे में जानकारी मांगते है तो उन्हें भी पुलिस व खुफिया विभाग गुमराह करने से बाज नहीं आते है।
धर्मशाला, होटल आदि में छापेमारी कराने के निर्देश दे दिए गए है। यदि कोई बाहरी व्यक्ति जिले में रुकता है तो उनके बारे में पुलिस को भी जानकारी होनी चाहिए। यदि पुलिस की लापरवाही सामने आती है तो संबंधित के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। एस आनंद, एसपी