Covid Vaccination : वैरिफायर को सिखाया कैसे होगा वैक्सीनेशन, कोविन एप पर ऐसे होगा डेटा फीड
पांच जनवरी को जिले में ड्राई रन है। इससे ठीक पहले कोविड वैक्सीनेशन का डेटा कोविन एप पर फीड करने की जिम्मेदारी वैरिफायर को मिली है। सोमवार को एएनएम आशा वर्कर और आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को जिला अस्पताल के हार्ट वार्ड में 11 बजे से प्रशिक्षण की शुरूआत हुई।
बरेली, जेएनएन। पांच जनवरी को जिले में ड्राई रन है। इससे ठीक पहले कोविड वैक्सीनेशन का डेटा कोविन एप पर फीड करने की जिम्मेदारी वैरिफायर को मिली है। सोमवार को एएनएम, आशा वर्कर, और आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को जिला अस्पताल के हार्ट वार्ड में 11 बजे से प्रशिक्षण की शुरूआत हुई।
कोविन एप पर डेटा अपलोड करने की जिम्मेदारी वैरिफायर को देने की दो वजह हैंं। पहला, वैरिफायर स्वास्थ्य केंद्र के आसपास के अधिकांश इलाकाई लोगों को पहचानता है। इससे एड्रेस वैरिफाई या दर्ज करने में आसानी हो जाएगी। वहीं, वैक्सीनेशन के बाद रिस्पॉन्स रूम में लगने वाले आधा घंटे समय में डेटा फीडिंग की प्रक्रिया भी आराम से पूरी होगी। जबकि पहले वैक्सीन लगाने वालों (वैक्सीनेटर) को ही एप पर डेटा अपलोड करने की जिम्मेदारी थी। लेकिन बाद में वीसी के दौरान शासन ने तय किया कि वैक्सीनेशन सबसे अहम प्रक्रिया है, ऐसे में वैक्सीनेशन के अलावा कर्मचारियों पर कोई अतिरिक्त जिम्मेदारी न दी जाए।
वैक्सीनेशन कार्ड पर भरें जरूरी डेटा
जिला प्रतिरक्षण अधिकारी डॉ.आरएन सिंह ने बतौर वैरिफायर पहुंची एएनएम, आशा कार्यकर्ता और आंगनबाड़ी वर्करों को बताया कि वैक्सीन लगवाने के बाद पहले केवल कोविन एप पर डेटा फीडिंग और लाभार्थी के मोबाइल नंबर पर मैसेज की व्यवस्था थी। लेकिन अब कार्ड सिस्टम लागू कर दिया गया है।
इस कार्ड पर लाभार्थी से जुड़ी सभी डिटेल जैसे- नाम, पता, उम्र के अलावा किस कंपनी का और कौन सा टीका है। यह जानकारी भी भरनी बेहद जरूरी है। इसका एक हिस्सा वैरिफायर अपने पास सुरक्षित रखेगा। वहीं, दूसरा लाभार्थी को मिलेगा।